कर लो दर्शन की तैयारी! त्र्यंबकेश्वर ओंकारेश्वर और काशी कम समय में पहुचेंगे
कर लो दर्शन की तैयारी! त्र्यंबकेश्वर ओंकारेश्वर और काशी कम समय में पहुचेंगे
New Rail Lines News- भारतीय रेलवे तीन राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को कवर करने वाले तीन प्रोजेक्ट की घोषणा कर दी हैं. इससे प्रति वर्ष 15 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी. साथ ही 1,319 गांवों और लगभग 38 लाख आबादी राहत होगी.
नई दिल्ली. नासिक (त्र्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) में (काशी विश्वनाथ) ज्योतिर्लिंगों का सफर आसान होने जा रहा है. भारतीय रेलवे ने कई धार्मिक स्थलों के लिए नई रेल लाइन की घोषणा कर दी है, जिससे श्रद्धालुओं का सफर आसान होने जा रहा है. इसके साथ ही, नई लाइनों से कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, इस्पात, सीमेंट और कंटेनरों के ट्रांसपोर्टेशन को भी फायदा होगा.
भारतीय रेलवे ने कैबिनेट स्वीकृत के बाद तीन राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को कवर करने वाले तीन प्रोजेक्ट की घोषणा कर दी हैं. ये नई लाइनें जलगांव – मनमाड चौथी लाइन (160 किमी), भुसावल – खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी), प्रयागराज (इरादतगंज) – मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी) के बीच बनेंगी. 375 किमी. लंबी नई तीनों रेल लाइन से प्रति वर्ष 15 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी. साथ ही 1,319 गांवों और लगभग 38 लाख आबादी राहत होगी. साथ ही मुंबई और प्रयागराज के बीच सबसे व्यस्त सेक्शन में भीड़भाड़ कम होगी.
इन शहरों को होगा फायदा
मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर अतिरिक्त यात्री ट्रेनों के संचालन को सक्षम करके कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे नासिक (त्र्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) में ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी में धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ होगा. इसके अतिरिक्त, परियोजनाएं खजुराहो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, अजंता और एलोरा गुफाएं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, देवगिरी किला, असीरगढ़ किला, रीवा किला, यावल वन्यजीव अभयारण्य, केवटी और पुरवा जलप्रपात जैसे विभिन्न पर्यटन स्थलों में आना जाना आसान होगा.
कृषि और उद्योग को भी फायदा
इन लाइनों से आम लोगों के अलावा कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, इस्पात, सीमेंट को फायदा होगा. ये ट्रांसपोर्टेशन मार्ग हैं. इनकी 51 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी. इस तरह कृषि और उद्योग जगत के लिए भी राहत देने वाली नई लाइनें हैं.
पर्यावरण के लिए भी बेहतर
नई लाइन बनने के बाद प्रति वर्ष 15 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी. CO2 उत्सर्जन (271 करोड़ किलोग्राम) कम होगा जो 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. इस तरह जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने में मदद मिलेगी.
Tags: Indian railway, Indian Railway news, Indian RailwaysFIRST PUBLISHED : November 26, 2024, 07:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed