नई दिल्ली. पिछले माह हुए कंचनजंगा ट्रेन हादसे को देखते हुए भारतीय रेलवे ने मंगलवार को सुरक्षा प्रोटोकाल पर बड़े बदलाव का फैसला किया है, जिससे भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके. इसके साथ सेफ्टी के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को और भरोसेमंद बनाने के लिए आरडीएसओ के साथ एक्शन प्लान भी तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा.
रेलवे मंत्रालय के अनुसार कंचनजंगा ट्रेन हादसे की वजह सामने आने के बाद अथारिटी फॉर्म में बदलाव किया जा रहा है, जिससे गलती की संभावना न रहे. अथारिटी फॉर्म को ठीक से समझ न पाने की वजह से यह हादसा हुआ था. इसके साथ ही एपी / एएलपी की ट्रेनिंग को और बेहतर करने का फैसला किया गया था. मौजूदा समय सभी जोनों के अथारिटी फार्म अलग-अलग होते हैं, इनहें एक जैसा किया जाएगा, जिससे देशभर के लोको पायलट एक ही फार्म देखें.
सिगनलिंग उपकरण को और भरोसेमंद बनाने के लिए आरडीएसओ की अध्यक्षता में सभी जोनों के साथ एक्शन प्लान बनाया जा रहा है. जिससे इस तरह के हादसों को रोका जा सके.
कंचनजंगा रेल हादसे की वजह
कंचनजंगा रेल हादसे में फ्यूज शार्ट होने की वजह से सिग्नल रेड हो गए थे. ऐसे में ट्रेन चलाने के लिए लोको पायलट और गार्ड को अथारिटी दी जाती है, इस मामले में भी दी गयी थी. जिसके अनुसार लाल सिग्नल होने पर दिन में एक मिनट और रात में दो मिनट रुकना होता है, ट्रेन की स्पीड 15 किमी. प्रति घंटे होनी चाहिए. यह प्रोटोकाल देशभर में एक जैसा ही होता है. इस ट्रेन हादसे में कंचनजंगा के लोको पायलट अथारिटी का पालन करते हुए रेड सिग्नल पर ट्रेन रोक दी थी, जबकि मालगाड़ी के लोको पायलट ने अथारिटी का पालन ठीक से नहीं किया.
Tags: Indian railway, Indian Railway news, Train accidentFIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 20:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed