दुबई की तरह और उंची हो जाएंगी इस शहर की इमारतें यहां होने जा रहा बड़ा बदलाव
दुबई की तरह और उंची हो जाएंगी इस शहर की इमारतें यहां होने जा रहा बड़ा बदलाव
दुबई की तरह दिल्ली-एनसीआर के शहरों में ऊंची-ऊंची इमारतें बनाई जा रही हैं, हालांकि अब ये बिल्डिंग्स और भी ऊंची हो जाएंगी. दिल्ली एनसीआर के नोएडा शहर में अथॉरिटी ने रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल प्लॉट्स की एफएआर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है.
वर्टिकल डेवलपमेंट की दिशा में एक और कदम बढ़ाने जा रहे एनसीआर के इस शहर की इमारतें आने वाले दिनों में दुबई की तरह और उंची हो जाएंगी. दरअसल, नोएडा विकास प्राधिकरण ने यहां के विभिन्न सेक्टरों का एफएआर बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है. नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने भवन उपनियमों में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है, जिससे इंस्टीट्यूशनल, इंटीग्रेटेड टाउनशिप और मिक्सड लैंडयूज वाले प्लॉटों का फ्लोर एरिया रेशियो बढ़ाया जाएगा और इनमें और अधिक कंस्ट्रक्शन किया जा सकेगा.
अधिकारियों के अनुसार ये बदलाव, नोएडा मास्टर प्लान-2031 का हिस्सा हैं, जिससे राजस्व में वृद्धि होने के साथ ही और शहर का वर्टिकल डेवलपमेंट किया जाएगा. इससे शहर में बढ़ती आबादी के लिए घरों की सुविधा होने की उम्मीद है. अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो संशोधन प्लॉट मालिकों और रियल एस्टेट डेवलपर्स को और अधिक मंजिलें बनाने का मौका मिलेगा जिससे शहरी विकास की मांगों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त निर्माण हो सकेगा.
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प्राधिकरण ने जनता से मांगे सुझाव
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कहा, ‘भवन उपनियमों में प्रस्तावित बदलाव, जो बहुत पहले शुरू किए गए थे, जनसंख्या घनत्व बढ़ाएंगे और यातायात और बुनियादी ढांचे को प्रभावित करेंगे. ऐसे में अंतिम निर्णय जनता के समर्थन पर निर्भर करेगा. प्राधिकरण संशोधनों के बारे में जनता से आपत्तियां और सुझाव मांग रहा है, अगले 15 दिनों तक फीडबैक खुला रहेगा. अगर ज्यादातर लोग बदलावों का विरोध करते हैं, तो निर्णय पर पुनर्विचार किया जाएगा. इस पर क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष व गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ ने कहा, ‘यह प्रस्ताव कमर्शियल और रेजीडेंशियल दोनों के लिए स्वागत योग्य घोषणा है क्योंकि इससे उसी एरिया के भीतर अधिक यूनिट्स का निर्माण संभव होगा. इससे संपत्ति की कीमतों को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी और मौजूदा बुनियादी ढांचे का बेहतर उपयोग करते हुए अधिक यूनिट्स का निर्माण किया जा सकेगा.’
क्या है फ्लोर एरिया रेशियो
फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) का अर्थ है सभी मंजिलों पर कुल कवर्ड एरिया (प्लिंथ एरिया) को प्लॉट के एरिया से विभाजित करके प्राप्त अनुपात. एक प्लॉट का एफएआर यह निर्धारित करता है कि मालिक कितनी मंजिलें जोड़ सकता है (वर्टिकल डेवलपमेंट) और प्लॉट एरिया का कितना हिस्सा निर्माण से कवर किया जा सकता है. नए संशोधन प्रस्ताव में महत्वपूर्ण बदलावों शामिल हैं, जिनमें रेजीडेंशियाल, इंडस्ट्रीयल और कॉमर्शियल प्लॉट के लिए एफएआर बढ़ाना शामिल है. इससे न केवल लो राइज बल्कि हाईराइज बिल्डिंगें भी और ऊंची की जा सकेंगी.
प्रस्ताव में शामिल मुख्य बातें
. 25 एकड़ या उससे अधिक के औद्योगिक प्लॉट के लिए मिक्स्ड यूज की अनुमति होगी.
. ग्रुप हाउसिंग के लिए एफएआर का 12%, वाणिज्यिक उपयोग के लिए 8% और सुविधा उद्देश्यों के लिए 5% की अनुमति दी गई है – ये बदलाव पहले प्रतिबंधित थे.
. आवासीय सुविधाओं के साथ कॉमर्शियल गतिविधि की अनुमति तो मिलेगी ही, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के साथ-साथ सेक्टर 145, 156, 157, 158, 159, 162 और 166 सहित नए औद्योगिक क्षेत्रों में एफएआर 2.5 से बढ़कर 3.5 हो जाएगा.
. मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में, 1 फ्लोर का अतिरिक्त क्रय योग्य (पर्चेसेबल) एफएआर प्रस्तावित किया गया है, जिससे कुल स्वीकार्य एफएआर पिछले 1.5 एफएआर की तुलना में 2.5 हो जाएगा.
. वर्टिकल डेवलपमेंट से कम जगह में मिलेंगी अधिक सुविधाएं
एफएआर बढ़ने से विदेशों की तर्ज पर वर्टिकल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा.
क्या कहते हैं रियल एस्टेट एक्सपर्ट
एसकेए ग्रुप के निदेशक, संजय शर्मा ने कहा, ‘वर्टिकल डेवलपमेंट के लिए प्रस्तावित संशोधन विशेष रूप से आवासीय खंड के लिए एक वरदान है. यह डेवलपर्स को ऊंची इमारतें बनाने की अनुमति देगा, जो शहर के फैलाव पर दबाव डाले बिना बढ़ती जनसंख्या को समायोजित करने के लिए लाभकारी होगा. वहीं, ग्रुप 108 के एमडी संचित भूटानी ने कहा कि नोएडा एक्सप्रेस वे के आसपास एफएआर का बढ़ना कमर्शियल रियल एस्टेट के लिए नई संभावनाएं लेकर आएगा. एक्सप्रेसवे की शानदार कनेक्टिविटी के चलते पहले से ही यहां ऑफिस और कमर्शियल रियल एस्टेट का विस्तार हो रहा है.
वहीं, हर्ष गुप्ता, सीईओ, संड्रीम ग्रुप, ने कहा, ‘ वर्टिकल डेवलपमेंट होने से प्रीमियम ऑफिस और रिटेल स्पेस की बढ़ती मांग पूरी हो सकेगी. इससे नोएडा और उसके सेक्टर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यवसायों के लिए एक प्रतिस्पर्धी बाजार के रूप में सशक्त होंगे, जो एनसीआर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति स्थापित करना चाहते हैं. जबकि मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी ने भी इसपर खुशी जताते हुए कहा कि वर्टिकल डेवलपमेंट से एक ही स्थान पर अधिक सुविधाएं मिलेंगीं. नोएडा एयरपोर्ट के आने से नोएडा में अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां अपने ऑफिस खोलेंगी, ऐसे में उन्हें इस निर्णय से अधिक स्थान मिल सकेगा और क्षेत्र का बेहतर विकास होगा.
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