अगले साल कड़वी हो सकती है चीनी! महाराष्ट्र और कर्नाटक ने डुबा दी लुटिया
अगले साल कड़वी हो सकती है चीनी! महाराष्ट्र और कर्नाटक ने डुबा दी लुटिया
Sugar Price : महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में मिलों के देरी से शुरू होने की वजह से 2024-25 में उत्पादन काफी कम रहने की आशंका है. ऐसा हुआ तो घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों पर दबाव दिखेगा और भाव बढ़ सकते हैं.
नई दिल्ली. महंगाई की मार के बीच ऐसा लग रहा है कि अगले साल चीनी का स्वाद भी कड़वा हो सकता है. चीनी उद्योग की प्रमुख संस्था इस्मा के अनुसार, महाराष्ट्र में उत्पादन में आई गिरावट के कारण अक्टूबर में शुरू हुए चालू विपणन वर्ष में 15 दिसंबर तक चीनी उत्पादन 17 प्रतिशत घटकर 61.39 लाख टन रह गया. उत्पादन के आंकड़ों में चीनी का इथेनॉल निर्माण के लिए उपयोग की मात्रा शामिल नहीं है.
भारतीय चीनी और जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) ने एक बयान में कहा कि चालू विपणन वर्ष 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) में 15 दिसंबर , 2024 तक चीनी का उत्पादन 61.39 लाख टन तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 74.05 लाख टन था. उल्लेखनीय है कि इस साल कर्नाटक में चीनी मिलें पिछले साल की तुलना में करीब 7-12 दिन देरी से शुरू हुईं, जबकि एक अन्य प्रमुख राज्य महाराष्ट्र में चीनी मिलें पिछले साल की तुलना में 15-20 दिन देरी से चालू हुईं.
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यूपी ने संभाला मोर्चा
आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 22.11 लाख टन से बढ़कर 23.04 लाख टन हो गया, जबकि महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 24.45 लाख टन से घटकर 16.78 लाख टन रह गया. इसी तरह, कर्नाटक में चीनी उत्पादन 17.56 लाख टन से घटकर 13.85 लाख टन रह गया है. इन दो राज्यों में लेटलतीफी की वजह से चीनी का उत्पादन काफी कम हो गया है.
एथनॉल से भी बढ़ेगी मुसीबत
इस्मा ने कहा कि इस साल चीनी का इथेनॉल के निर्माण में इस्तेमाल पिछले साल के 21.5 लाख टन के मुकाबले करीब 40 लाख टन अधिक रहने का अनुमान है. इसका मतलब हुआ कि एक तरफ तो चीनी के उत्पादन में लाखों टन की कमी आ रही है, जबकि दूसरी ओर एथनॉल में इसका इस्तेमाल दोगुना होने का अनुमान है. इन दो कारणों की वजह से साल 2025 में चीनी की कीमतों पर भी दबाव रहेगा और इसका भाव बढ़ सकता है.
ग्लोबल मार्केट में भी बढ़ेंगे भाव
भारत न सिर्फ चीनी का बड़ा उत्पादक देश है, बल्कि यह बड़ा निर्यातक भी है. यही वजह है कि देश में चीनी का उत्पादन कम रहने से निर्यात पर भी असर पड़ेगा. यही वजह है कि आने वाले साल में चीनी की कीमतों पर खास दबाव दिख रहा है. एक तरफ तो निर्यात बढ़ाने का दबाव होगा, तो दूसरी ओर घरेलू बाजार में उत्पादन कम रहने की वजह से कीमतें बढ़ने की आशंका.
Tags: Business news, Sugar mill, Sugar pricesFIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 18:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed