झारखंड में लव जिहाद से लैंड जिहाद! कुछ कहती है शिवानी उर्फ शबनम की केस स्टडी

Jharkhand Love Jihad News: झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में लव जिहाद से लैंड जिहाद का मामला अक्सर सुर्खियों में रहता है. ऐसे मामलों को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर हलचल भी है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे यह मुद्दा संसद में भी उठा चुके हैं. अब झारखंड की शिवानी मरांडी का एक मामला सामने आया है जो ऐसे दावों के काफी करीब है. आगे जानते हैं क्या है शिवानी मरांडी के शबनम परवीन बन जाने और इस बहाने जमीन हड़पने की कहानी.

झारखंड में लव जिहाद से लैंड जिहाद! कुछ कहती है शिवानी उर्फ शबनम की केस स्टडी
हाइलाइट्स आदिवासी लड़की को प्रेम जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन का खेल! नसीम अंसारी ने दुमका में शिवानी मरांडी को बनाया शबनम परवीन. धर्म परिवर्तन की आड़ में झारखंड की आदिवासी महिलाओं का शोषण. नितेश कुमार/दुमका. विगत 25 जुलाई को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड के कई हिस्सों में घटती हिंदू आबादी का मुद्दा उठाया था और लेकर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने केंद्र सरकार से एनआरसी लागू करने की भी मांग की थी. इसके पीछे की वजह उन्होंने कहा था कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ लगातार बढ़ रहा है और ये घुसपैठिये आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं. साफ तौर पर उनका इशारा झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में लव जिहाद और धार्मिक परिवर्तन के जरिये लैंड जिहाद को लेकर था. इसी से मिलता जुलता मामला एक बार फिर सामने आया है, जिसमें एक आदिवासी महिला को उसके मुस्लिम पति ने धोखा दिया और उसकी जमीन कब्जा कर ली है. इस घटना ने क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है. बताया जा रहा है कि शिवानी मरांडी, को नसीम अंसारी नामक व्यक्ति ने प्रेम जाल में फंसाकर पहले धर्म परिवर्तन कराया और बाद में घर से बेघर कर दिया. शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के कर्माटांड़ गांव की रहने वाली शिवानी मरांडी का आरोप है कि वर्ष 2013 में मोहम्मद नसीम अंसारी ने पहले उसे अपने प्रेम में फंसाया और फिर उसका धर्म परिवर्तन कर उसे शबनम परवीन बना दिया. शादी पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट में हुई, और इसके बाद शिवानी का नाम बदलकर शबनम कर दिया गया. शादी के बाद शिवानी के चार बच्चे हुए, जिनमें से दो की मौत हो गई, और दो बच्चे जीवित हैं. धोखा और अत्याचार का मामला आरोप के अनुसार, विवाह के कुछ वर्षों बाद, नसीम का संबंध एक अन्य महिला से हो गया, जिसका शिवानी ने विरोध किया. विरोध करने पर नसीम ने शिवानी के साथ मारपीट की और उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. शिवानी ने कई बार गांव की पंचायत में शिकायत की. नसीम ने अपने कृत्यों को स्वीकार भी किया, लेकिन अत्याचार बंद नहीं हुए. शिवानी ने दुमका एसपी और डीआईजी से भी न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. आर्थिक शोषण और बेघर करने की साजिश शिवानी मरांडी ने बताया कि उसने अपनी मेहनत से तीन कट्ठा जमीन खरीदी थी, जिसे नसीम ने अपने नाम पर करवा लिया. अब, शिवानी अपने बच्चों के साथ घर से बेघर कर दी गई है. दरअसल यह घटना एक बार फिर संथाल परगना में लव जिहाद और आदिवासी महिलाओं के धर्म परिवर्तन के मुद्दे को उजागर करती है. यह सवाल उठता है कि कब तक भोली-भाली आदिवासी महिलाओं को ऐसे मामलों में फंसाकर उनका शोषण किया जाएगा? झारखंड के सामाजिक संरचना में बदलाव! इस मामले ने न केवल शिवानी मरांडी को प्रभावित किया है, बल्कि यह एक बड़ी सामाजिक समस्या का प्रतीक है. जहां लव जिहाद और धार्मिक परिवर्तन के नाम पर आदिवासी समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है और उनकी जमीनें हड़पी जा रही हैं. यहां निशिकांत दुबे की वह बात याद करनी जरूरी है जिसमें उन्होंने कहा था कि झारखंड में कई महिलाएं आदिवासी कोटे से चुनाव लड़ती हैं, लेकिन उनके पति मुसलमान हैं. हमारे 100 मुखिया हैं जिनके पति मुसलमान हैं. निशिकांत दुबे की मांग पर ध्यान देना जरूरी निशिकांत दुबे ने कहा था कि हमारे यहां लोकसभा की चुनाव लड़ने वाली आदिवासी महिला या जिला पार्षद हों उनके पति मुसलमान हैं. उन्होंने यह भी बताया था कि जब झारखंड 2000 में बिहार से अलग हुआ था तब वहां संथाल (आदिवासी) 36 प्रतिशत थी, जो अब घटकर मात्र 26% रह गई है. आखिर 10% आदिवासी कहां गए? इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं करता है. झारखंड में जो पार्टियां हैं, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस वो इसपर कोई एक्शन नहीं ले रही. Tags: Dumka news, Jharkhand newsFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 12:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed