कोर्ट ने बताई मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा कोयला घोटाले के 2 आरोपी बरी

What is Money Laundering : दिल्‍ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा तय करते हुए कोयला घोटाले के आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि ईडी की ओर से उन पर लगाए गए आरोप धन शोधन कानून के तहत नहीं आते हैं.

कोर्ट ने बताई मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा कोयला घोटाले के 2 आरोपी बरी
नई दिल्‍ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ दिल्‍ली की कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग केस शुरू किया तो अदालत ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने धन शोधन की परिभाषा तय करते हुए ईडी से कहा है कि गलत तरीके से पैसे कमाना मनी लॉन्ड्रिंग में नहीं आता. इसके साथ ही अदालत ने ईडी की ओर से दर्ज कोयला घोटाला मामले में आधुनिक कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसीएल) और उसके दो निदेशकों के खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि अपराध से धन अर्जित करने या अनुचित लाभ की आशंका को धन शोधन नहीं कहा जा सकता. विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने 23 दिसंबर के अपने आदेश में आधुनिक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसीएल) और उसके तत्कालीन निदेशकों महेश कुमार अग्रवाल और निर्मल कुमार अग्रवाल को ओडिशा में न्यू पात्रा पारा कोयला ब्लॉक से संबंधित मामले में राहत प्रदान की. ये भी पढ़ें – सऊदी अरब और कुवैत में ज्यादा अमीर कौन? किसके पास है बड़ा तेल भंडार और किसकी करेंसी सबसे मजबूत क्‍या था ईडी का आरोप प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा था कि आरोपियों के परिवार के सदस्यों और समूह कंपनियों ने एसीएल में शेयर पूंजी की आड़ में 50.37 करोड़ रुपये की धनराशि डाली. इससे एसीएल को अनुसूचित अपराध में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले से संबंधित आपराधिक गतिविधि से ‘अनुचित लाभ प्राप्त होने’ की आशंका है. इसके परिणामस्वरूप कोयला ब्लॉक का आवंटन हुआ. क्‍या बोली अदालत न्यायाधीश ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार एसीएल में ‘होल्डिंग’ कंपनी के जरिये पूंजी/निवेश का प्रवाह, अनुसूचित अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधि के परिणामस्वरूप एसीएल द्वारा प्राप्त किए जाने वाले अनुचित लाभ की ‘आशंका’ में किया गया. लिहाजा जैसा कि शिकायतकर्ता (ईडी) ने खुद कहा है कि लाभ अभी प्राप्त नहीं हुआ और केवल इसका अनुमान लगाया गया है. प्रवर्तन निदेशालय ने स्वयं कहा है कि आरोपी अपराध की आय अर्जित करने का प्रयास कर रहे थे और अनुचित लाभ की उम्मीद में थे, जिसका मतलब है कि अपराध की आय अभी अस्तित्व में नहीं आई. खारिज कर दिया आरोप न्यायाधीश ने कहा कि अपराध की आय अर्जित करने या अनुचित लाभ की आशंका करने के प्रयास को धन शोधन के अंतर्गत नहीं माना जा सकता, क्योंकि प्रयास के चरण या अनुचित लाभ की आशंका के चरण तक अपराध की कोई आय अस्तित्व में नहीं होती. लिहाजा शोधन के लिए कोई धन उपलब्ध नहीं है. इससे पहले सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक संबंधित मामले में आरोपियों को दोषी ठहराया गया था. यह मामला तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और जाली दस्तावेजों को असली के रूप में इस्तेमाल कर कोयला ब्लॉक के आवंटन में सरकार के साथ धोखा करने से जुड़ा था. इसके साथ ही दिल्‍ली की अदालत ने स्‍पेशल कोर्ट के 4 साल की सजा पर भी रोक लगा दी. Tags: Black money, Business news, Directorate of EnforcementFIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 07:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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