सर्वे में खुलासा चीन को नहीं भेजा गया इस बार पटाखों-झालरों का ऑर्डर मनेगी हिन्दुस्तानी दिवाली
सर्वे में खुलासा चीन को नहीं भेजा गया इस बार पटाखों-झालरों का ऑर्डर मनेगी हिन्दुस्तानी दिवाली
हर साल राखी से नए साल तक के 5 महीने के त्योहारी सीजन के दौरान भारतीय व्यापारी और निर्यातक चीन से लगभग 80 हजार करोड़ रुपये का आम जरूरत का माल आयात करते हैं. चीनी सामानों के बहिष्कार का कैट का आह्वान इस वर्ष भी चीनी व्यापार के लिए एक बड़ा झटका होने वाला है और इस मांग की पूर्ति के लिए देश भर के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों में भारतीय सामान का पर्याप्त बंदोबस्त करना शुरू कर दिया है.
नई दिल्ली. पिछले दो वर्षों में कोविड महामारी के कारण दिल्ली सहित देश के व्यापार पर बुरा असर पड़ा है. भारी धन संकट और बाजार में बड़ी उधारी के कारण व्यापारी वर्ग भारी वित्तीय दबाव में है लेकिन 31 अगस्त से शुरू हुए गणेश महोत्सव में हो रहे अच्छे व्यापार और भारतीय उत्पादों की खरीद के कारण व्यापारियों को उम्मीद बंधी है कि इस वर्ष दिवाली तक देश में त्यौहारी बिक्री 1 लाख करोड़ रुपए तक हो सकती है. वहीं दूसरी ओर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज (कैट) द्वारा 31 अगस्त से एक बार फिर चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का देशव्यापी अभियान शुरू करने के बाद इस वर्ष भी रोज़मर्रा की इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं और त्यौहारों की खरीद से चीन से भारत में सामान आयात करने के व्यापार को लगभग 75 हजार करोड़ रुपए के व्यापार का एक बड़ा झटका लगना तय है.
कैट को उम्मीद है कि अब से लेकर दिवाली त्योहार की बिक्री अवधि के दौरान उपभोक्ताओं द्वारा दिवाली और अन्य त्यौहारों से सम्बंधित सामानों की खरीद के अलावा अन्य अनेक सामानों की खरीद के कारण अर्थव्यवस्था में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का प्रवाह हो सकता है. कैट द्वारा वर्ष 2020 से देश भर में लगातार चलाए जा रहे चीनी वस्तु बहिष्कार अभियान का एक असर यह अवश्य पड़ा है कि जहां बड़ी संख्या में भारतीय व्यापारियों और आयातकों ने चीन से सामान मंगवाना बंद कर दिया है वहीं एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि उपभोक्ता भी चीनी सामान खरीदने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. जिसके कारण भारतीय सामान की मांग में वृद्धि होना तय है. यह ट्रेंड इस बात को स्पष्ट करता है कि इस त्यौहारी सीजन में शिल्पकार, मिट्टी का सामान बनाने वाले लोग और छोटे उद्यमियों को बड़ा व्यापार मिलने की संभावना है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा हाल ही में विभिन्न राज्यों के 20 शहरों को जिन्हे कैट ने वितरण शहर का दर्जा दिया हुआ है, में किए गए एक सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि इस वर्ष अभी तक भारतीय व्यापारियों या आयातकों द्वारा दिवाली के सामान, पटाखों या अन्य समान वस्तुओं का कोई ऑर्डर चीन को नहीं दिया गया है और इस साल दीवाली को विशुद्ध रूप से हिंदुस्तानी दिवाली के रूप में मनाया जाएगा. ये 20 शहर नई दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, नागपुर जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, गुवाहाटी, पटना, चेन्नई, बंगलुरू, हैदराबाद, मदुरै, पांडिचेरी, भोपाल और जम्मू हैं.
हर साल राखी से नए साल तक के 5 महीने के त्योहारी सीजन के दौरान भारतीय व्यापारी और निर्यातक चीन से लगभग 80 हजार करोड़ रुपये का आम जरूरत का माल आयात करते हैं. चीनी सामानों के बहिष्कार का कैट का आह्वान इस वर्ष भी चीनी व्यापार के लिए एक बड़ा झटका होने वाला है और इस मांग की पूर्ति के लिए देश भर के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों में भारतीय सामान का पर्याप्त बंदोबस्त करना शुरू कर दिया है.
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि चीनी सामान के बहिष्कार की प्रवृत्ति अब से शुरू हो रहे सभी त्यौहारों से लेकर दिवाली तक देखे जाने के चलते यह स्पष्ट रूप से इंगित होता है कि यह न केवल व्यापारी हैं जो चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं बल्कि उपभोक्ता भी चीन से बने उत्पादों को खरीदने के इच्छुक नहीं हैं. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में व्यापारिक समुदाय का एक मजबूत और ठोस योगदान है.
भरतिया और खंडेलवाल ने बताया की प्रमुख रिटेल सेक्टर जैसे एफएमसीजी सामान, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, खिलौने, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज और सामान, किचन के सामान और एक्सेसरीज, गिफ्ट आइटम, पर्सनल कंज्यूमेबल्स, कन्फेक्शनरी आइटम, होम फर्निशिंग, टेपेस्ट्री, बर्तन, बिल्डर्स हार्डवेयर, फुटवियर, घड़ियां, फर्नीचर और फिक्सचर,वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, घर की सजावट के सामान, मिट्टी के दीयों सहित दिवाली पूजा के सामान, देवी देवता, दीवार पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, वस्त्र, शुभ-लाभ,ओम जैसे सौभाग्य के प्रतीक, गृह सज्जा के लिए देवी लक्ष्मी एवं अन्य देवी देवताओं के बनाया गए विभिन्न रूप, सजावटी वस्तुएं आदि प्रमुख क्षेत्र हैं जहां चीनी सामानों के स्थान पर व्यापारियों ने उपभोक्ता की मांगो के अनुरूप भारतीय सामान को पर्याप्त मात्रा में स्टॉक करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.
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Tags: Boycott china, Diwali, Diwali festival, Diwali SaleFIRST PUBLISHED : September 02, 2022, 13:55 IST