जर्मन एयरपोर्ट पर रखा था पहला कदम तभी अपनों की एक साजिश ने पलटा खेल और फिर
जर्मन एयरपोर्ट पर रखा था पहला कदम तभी अपनों की एक साजिश ने पलटा खेल और फिर
जर्मनी से डिपोर्ट किए जाने के बाद विक्रमजीत सिंह को पता चला कि उसके पासपोर्ट पर लगा जर्मन वीजा नकेवल फर्जी है, बल्कि उसको धोखे में रखकर दो लाख रुपए वसूल कर लिए गए हैं. विक्रमजीत के साथ आगे क्या हुआ, जानने के लिए पढ़ें आगे...
Delhi Airport: अमृतसर (पंजाब) के धरार गांव में रहने वाला विक्रमजीत सिंह आज अपने दोस्त को धन्यवाद कहते नहीं धक रहा था. आज शायद इसी दोस्त की वजह से उसका वर्षों पुराना सपना सच होता दिख रहा था. दरअसल, लंबे समय से विदेश जाने की कोशिश कर रहे विक्रमजीत सिंह को अपने इसी दोस्त की वजह से जर्मनी में नौकरी मिल गई थी. और, जल्द ही वह वर्क वीजा पर जर्मनी के लिए रवाना होने वाला था.
कुछ ही दिनों बाद, विक्रमजीत सिंह आईजीआई एयरपोर्ट से जर्मनी के लिए रवाना हो गया और करीब साढ़े आठ घंटे की फ्लाइट के बाद वह जर्मनी के एक एयरपोर्ट पर था. विक्रमजीत सिंह अपने सपने की तरफ एक और कदम बढ़ाता, इससे पहले उसके लिए एक बुख्री खबर आ गई. दरअसल, जर्मन इमीग्रेशन को उसके वीजा पर शक हुआ, जिसके आधार पर उसे अगली ही फ्लाइट से दिल्ली डिपोर्ट करने का फैसला ले लिया गया. यह भी पढ़ें: अजीब थीं विदेशी शख्स की हरकतें, शक होने पर CISF ने खुलवाया बैग, अंदर से निकली ऐसी चीज, फटी रह गईं सबकी आंखें… दिल्ली एयरपोर्ट में दाखिल होने के साथ इस विदेशी शख्स पर सीआईएसएफ इंटेलीजेंस प्रोफाइलर्स की आंखे टिक गईं थी. शक पुख्ता होने के बाद जब विदेशी नागरिक के बैग की तलाशी ली गई, तो उसके भीतर से ऐसी चीज निकली, जिसे देखकर सबकी आंखें खुली की खुली रह गईं. पूरी खबर के लिए क्लिक करें.
जर्मन एंबेसी के जवाब ने बढ़ाई विक्रमजीत की मुश्किलें
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी के अनुसार, विक्रमजीत सिंह को 29 मई की रात बतौर डिपोर्टी पैसेंजर आईजीआई एयरपोर्ट लाया गया था. दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने के बाद विक्रमजीत सिंह को हिरासत में ले लिया गया और उसके पासपोर्ट को वीजा की वैरिफकेशन के लिए जर्मन एंबेसी भेज दिया गया. वहीं, जर्मन एंबेसी ने विक्रमजीत के पासपोर्ट में लगे वीजा को पूरी तरह से फर्जी बता दिया.
जिसके बाद, इमीग्रेशन ब्यूरो के अधिकारियों ने विक्रमजीत को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर लिया. वहीं, एयरपोर्ट पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 468, 471 और पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर विक्रमजीत को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान, उसने बताया कि वह बेहतर जिंदगी के लिए विदेश जाना चाहता था. इस बाबत उसने अपने एक करीबी दोस्त से भी बात की थी यह भी पढ़ें: तलाशी में कंटेनर से निकला ऐसा सामान, जिसको देख दंग रह गए कस्टम के अफसर, कीमत इतनी कि सुनकर हैरान हो जाएंगे आप … पटपड़गंज कस्टम कमिश्नरेट में जांच के दौरान एक ऐसा कंटेनर कस्टम ऑफिसर्स के सामने आया, जिसके भीतर हेयर एक्सेसरीज़ की जानकारी दी गई थी. लेकिन, जब इस कंटेनर को तलाशी के लिए खोला गया तो उसके अंदर से जो सामान निकला, उसे देखकर कस्टम के अधिकारियों की आंखे खुली की खुली रह गई. क्या था इस कंटेनर के भीतर, जानने के लिए क्लिक करें.
दोस्त के मार्फत धोखेबाजा एजेंट तक पहुंचा था विक्रमजीत
एक दिन उसके दोस्त ने बताया कि वह एक ऐसे एजेंट को जानता है, जो उसके सपने को सच कर सकता है. जिसके बाद, वह अपने दोस्त की मदद से रविंदर सिंह नामक एक एजेंट से मिला. रविंदर ने उसे न केवल जर्मनी भेजने, बल्कि वहां नौकरी दिलाने का भी वादा किया. उसने इस काम के एवज में रविंदर से दो लाख रुपए की मांग की. वहीं, अपना सपना सच होता देख विक्रमजीत भी अपने दो लाख रुपए देने के लिए हांमी भर दी.
विक्रमजीत ने अपने कबूलनामें में बताया कि कुछ ही दिनों के भीतर उसने रविंदर को दो लाख रुपए का भुगतान कर दिया. वहीं रुपए मिलने के बाद रविंदर ने भी उसे जर्मनी का वीजा लगा पासपोर्ट सौप दिया. जर्मनी से डिपोर्ट किए जाने के बाद विक्रमजीत को पता चला कि उसके पासपोर्ट पर लगा वीजा न केवल फर्जी है, बल्कि दो लाख रुपए हड़प कर उसे धोखा दिया गया है. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इस बाबत एजेंट रविंदर के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है.
Tags: Airport Diaries, Airport Security, Aviation News, Business news in hindi, Delhi airport, Delhi police, IGI airportFIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 16:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed