विपक्ष का जातिवाद नैरेटिव तोड़ने का RSS ने तैयार कर लिया प्लान
विपक्ष का जातिवाद नैरेटिव तोड़ने का RSS ने तैयार कर लिया प्लान
RSS Samanway Baithak: संघ कई मौक़ों और मंचों पर स्पष्ट कर चुका है कि वो आरक्षण के विरोध में कभी नहीं है जैसा कि भ्रम फैलाया जा रहा है. संघ का कहना है कि वो संविधान में दी गई आरक्षण व्यवस्था का पूरा सम्मान करता है.
पलक्कड़. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 3 दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक शनिवार से केरल के पलक्कड़ में शुरू हो गई, जो 2 सितंबर तक चलेगी. इस बैठक में अभी हाल में घटी महत्वपूर्ण घटनाओं पर तो चर्चा होगी ही इसके साथ ही संघ परिवार, बीजेपी और मोदी सरकार के बीच में बेहतर तालमेल को लेकर रोडमैप बनाया जायेगा. बैठक की शुरुआत में संघ की तरफ़ से वायनाड में हुए भूस्खलन पर स्वयंसेवकों के द्वारा किए गये सेवा कार्यों के बार में जानकारी दी गई. इसके साथ ही अलग-अलग संगठनों के प्रमुखों द्वारा अपने अपने संगठन की रिपोर्ट भी पेश की गई.
सूत्रों के मुताबिक़ संघ की चिंता विपक्ष द्वारा चलाये जा रहे जातिवाद वाले अभियान को लेकर है. संघ ने अपनी स्थापना के समय से ही हिंदुओं की एकता और अखंडता के लक्ष्य को लेकर काम शुरू किया और जाति प्रथा के विरोध को लेकर कई तरह के कार्यक्रम समय-समय पर चलाये हैं, लेकिन अब जिस तरह से विपक्ष ने जातिगणना की मांग ज़ोर शोर से चलाई है और अभी हाल में हुए लोकसभा चुनाव में जातिवाद का जो कार्ड चला उसका परिणाम सभी के सामने हैं और यही बड़ा कारण रहा कि सत्तासीन भाजपा सरकार को सियासी नुक़सान का सामना करना पड़ा.
इसलिए सूत्रों का दावा है कि अपने हिंदुत्व के एजेंडे को जातिवाद से ऊपर करने के लिए संघ अपने सभी अनुषांगिक संगठनों के साथ एक बड़ा अभियान शुरू कर सकता है और इस अभियान के रोडमैप पर संघ के सभी आनुषांगिक संघटन मिलकर काम करेंगे. इससे पहले भी विपक्ष संघ को आरक्षण विरोधी ठहरा चुका है और इसका बड़ा उदाहरण 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था, जब संघ प्रमुख भागवत के आरक्षण पर दिए बयान को विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बना दिया था. इसलिए अब संघ इस बैठक में विपक्ष के इस नैरेटिव का मुकाबला करने के लिए अपने नैरिटव खड़े करना और समाज को एकजुट बनाए रखने की रणनीति पर फ़ोकस करेगा ताकि जाति की दीवारें हिंदू समाज को अलग-अलग हिस्सों में न बांट पाएं.
सूत्रों के अनुसार संघ और भाजपा में चिंता इस बात को लेकर है कि भाजपा विपक्ष के जातिवादी विमर्श का मुकाबला नहीं कर पाया. अब भाजपा और संघ के सभी संगठनों को ज़मीन पर जातिवाद नैरेटिव को ध्वस्त करने के लिए काम करना होगा. संघ के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत समय-समय पर जातिवाद के दुष्परिणामों के बारे में अपने भाषणों में बोलते रहते हैं. संघ कहता है कि जातिवाद के कारण ही भारत पर विदेशी हमले हुए और इसका नुक़सान राष्ट्र को उठाना पड़ता है.
Tags: BJP, Kerala, Mohan bhagwat, RSS chiefFIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 20:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed