आखिर कौन हैं म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम जिन पर भारत में मचा है बवाल जानें 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उसने दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के फ्लैट उपलब्ध कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है. साथ ही मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अवैध विदेशियों को उनके वर्तमान स्थान पर ही रखा जाए. गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं को कानून के अनुसार उनके देश वापस भेजने तक निरुद्ध केंद्रों में रखा जाना चाहिए और दिल्ली सरकार को उनके ठहरने के वर्तमान स्थल को निरुद्ध केंद्र घोषित करने का निर्देश दिया गया है. गृह मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 40,000 रोहिंग्या रहते हैं. इससे पहले दिन में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा भी मुहैया करायी जाएगी.

आखिर कौन हैं म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम जिन पर भारत में मचा है बवाल जानें 10 बड़ी बातें
दशकों से, रोहिंग्या म्यांमार में हिंसा, भेदभाव और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं. साल 2017 से उनका सबसे बड़ा पलायन शुरू हुआ. जब म्यांमार के रखाइन राज्य में हिंसा की एक बड़ी लहर भड़क गई थी. 7 लाख से अधिक लोगों को म्यांमार छोड़कर बांग्लादेश की तरफ भागना पड़ा. (Photo- Twitter/Hardeep Singh Puri) हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश और भारत सहित पड़ोसी देशों में म्यांमार से 980,000 से अधिक शरणार्थी शरण चाहते हैं. वहीं लगभग 9 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश के कॉक्स बाजार क्षेत्र में कुटुपलोंग और नयापारा शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं. जो दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे घनी आबादी वाला शिविर है. 1982 के नागरिकता कानून के तहत, म्यांमार सरकार ने केवल 40,000 रोहिंग्याओं को अपने नागरिकों के रूप में मान्यता दी. बाकी को “अवैध बंगाली” के रूप में करार दिया गया. (फोटो- एपी) 92 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों ने थाईलैंड में और 21 हजार शरणार्थियों ने भारत में शरण की मांग की है. वहीं इंडोनेशिया, नेपाल और अन्य देशों के क्षेत्रों में कम संख्या में रह रहे हैं. (Photo- Reuters) भारत में लगभग 16,000 UNHCR-प्रमाणित रोहिंग्या शरणार्थी हैं. सरकार का अनुमान है कि भारत में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों का आंकड़ा 40,000 से अधिक है. जो जम्मू और उसके आसपास के क्षेत्रों में एकत्रित होकर रहते हैं. रोहिंग्या अधिकार कार्यकर्ता अली जौहर के अनुमान के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में, लगभग 1,100 रोहिंग्या दिल्ली में रहते थे और भारत में अन्य 17,000 दूसरी जगहों पर रह रहे हैं, जो मुख्य रूप से मैनुअल मजदूर, फेरीवाले और रिक्शा चालक के रूप में काम करते थे. (Photo- Twitter/Hardeep Singh Puri) रोहिंग्या अधिकार कार्यकर्ता अली जौहर के अनुमान के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में, लगभग 1,100 रोहिंग्या दिल्ली में रहते थे और भारत में अन्य 17,000 दूसरी जगहों पर रह रहे हैं, जो मुख्य रूप से मैनुअल मजदूर, फेरीवाले और रिक्शा चालक के रूप में काम करते थे. भारत में कई रोहिंग्या यूएनएचसीआर द्वारा जारी किए गए पहचान पत्र रखते हैं, जो उन्हें शरणार्थियों के रूप में पहचानते हैं. वहीं भारत से डिपोर्ट होने के डर के चलते करीब 2,000 रोहिंग्या इस साल बांग्लादेश के लिए रवाना हुए थे. (फाइल फोटो) रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए इस साल फरवरी में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शरणार्थी और शरण कानून का प्रस्ताव रखा था. हालांकि प्राइवेट मेंबर बिल होने के चलते सदन में पास नहीं हो पाया था. (Photo- Reuters) ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Rohingya, Rohingya RefugeesFIRST PUBLISHED : August 17, 2022, 19:17 IST