इन सब्जियों की खेती से बदल गई किसान की जिंदगी सिर्फ 2 महीने में कमा रहा लाखों

जिले के एक युवा किसान ने मचान विधि से करेला, तोरई की खेती कर रहे हैं. इस खेती से उन्हें लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. वह सालों से करेला -तोरई की खेती करके लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे हैं.

इन सब्जियों की खेती से बदल गई किसान की जिंदगी सिर्फ 2 महीने में कमा रहा लाखों
संजय यादव/ बाराबंकी: आज के समय में खेती किसानी में लागत ज्यादा लगने के कारण किसानों को मुनाफा कम हो पता है. वहीं किसान अगर कम खर्च में अच्छा मुनाफा कमाना चाहता है, तो कुछ खास तरह की  सब्जियों की खेती कर सकते हैं. क्योंकि इन सब्जियों की मार्केट में डिमांड हमेशा बनी रहती है. कुछ किसान इन सब्जियों की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. दरअसल करेला, तुरई एक ऐसी खेती है, जिसकी फसल लगाकर आप तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. करेला- तुरई की डिमांड हमेशा बाजारों में बनी रहती है. जिले के एक युवा किसान ने मचान विधि से करेला, तोरई की खेती कर रहे हैं. इस खेती से उन्हें लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. वह सालों से करेला -तोरई की खेती करके लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे हैं. बाराबंकी जिले के मंजिठा गांव के रहने वाले किसान चमन ने एक बीघे से करेला तोरई की खेती की शुरुआत की. जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज वह करीब 5 बीघे में करेला, तोरई की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें 2 से 3 लाख रुपए मुनाफा एक फसल पर हो रहा है. लाखों में होता है मुनाफा  सब्जियों की खेती करने वाले किसान चमन मिश्रा ने बताया कि पहले मै मेंथा धान -गेंहू की खेती करता था. जिसमें मुझे कोई खास फायदा नहीं हो रहा था. फिर हमने एक बीघे में करेला -तोरई की खेती की शुरुआत की. जिसमें हमें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज करीब 5 बीघे में मचान विधि से करेला तोरई की खेती कर रहे हैं. इसमें जो हमारी लागत है करीब एक बीघे में 8 से 10 हजार रुपये आती है. क्योंकि इसमें बीज, बांस, डोरी, पानी, लेबर आदि का खर्च लगता है और वहीं मुनाफा करीब एक फसल पर दो से तीन लाख रुपए तक हो जाता है. यह खेती  मचान विधि से करते हैं. क्योंकि इससे फसल में रोग और सड़ने गलने की संभावनाएं कम हो जाती है. फसल में यदि कोई रोग लगता है, तो दवा छिड़कने में भी आसानी होती है. फल दिखने में बहुत आकर्षक और स्वस्थ रहता है. इस वजह से बाजार में इनकी कीमत अच्छी बनी रहती है. इन सबके अलावा उपज भी अन्य विधि से सब्जियों की खेती करने के मुकाबले ज्यादा रहती है. खेती का तरीका  इसकी खेती करने के लिए सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करनी पड़ती है. उसके बाद पूरे खेत में मेड बनाते हैं, फिर इसमें एक फिट की दूरी पर करेला -तोरई के बीज की बुआई की जाती है. जब पेड़ थोड़ा बड़ा होने लगता है, तब इसकी सिंचाई करते हैं. उसके बाद खेत में बांस का स्टेचर बनाते हैं, जिस पर करेला- तोरई के पौधे को डोरी के सहारे बांध दिया जाता है. जिससे पौधा स्ट्रक्चर पर फैल जाता है. जब फसल तैयार होती है, तो उसे तोड़ने में आसानी होती है. वहीं पौधा लगाने के महज 50 से 55 दिनों के बाद फसल निकलनी शुरू हो जाती है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 08:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed