बलिया: कुछ पौधे ऐसे हैं जो अब धीरे-धीरे समाप्ति के कगार पर हैं, लेकिन वर्तमान दौर में उनसे मिलने वाले फल का महत्त्व काफी बढ़ चुका है. इन पौधों की खेती करके किसान मालामाल बन सकते हैं. हम बात कर रहे हैं इमली की, जिसके न केवल फल बहुपयोगी हैं, बल्कि इसकी लकड़ी और कोयले भी काफी मुनाफा देते हैं. यह कहने में संकोच नहीं होगा कि इमली की खेती किसानों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकती है.
श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बलिया के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के एचओडी प्रो. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इमली एक पारंपरिक फल है जिसे अंडर यूटिलाइज्ड फ्रूट्स भी कहा जा सकता है. इमली के पौधे पहले वन विभाग के द्वारा अधिक लगाए जाते थे या किन्हीं कारणों से आसपास उग जाते थे. अब इनकी खेती कम हो रही है, लेकिन इमली आज के दौर में काफी उपयोगी है.
कैसे करें इमली की खेती
इमली की खेती के लिए पौध से पौध की दूरी कम से कम 10 मीटर रखनी चाहिए क्योंकि पौधा काफी बड़ा होता है और लंबे समय तक चलता है. इमली के पौधे के लिए 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा गड्ढा बनाएं. गड्ढे में गोबर की सड़ी हुई खाद मिलाएं और उपलब्ध प्रजाति का रोपण करें. बीच-बीच में देखरेख करते रहें. इमली के पके हुए फल से तमाम खट्टी चीजें जैविक और प्राकृतिक रूप से तैयार की जा रही हैं. फास्ट फूड में इमली का अधिक उपयोग हो रहा है. 25 साल का पौधा फलत देने लगता है और एक पेड़ से लगभग डेढ़ से दो क्विंटल पकी इमली आसानी से मिल जाती है.
बढ़ता जा रहा है इमली का महत्त्व
खाने-पीने की चीजों में इमली का रस मिलाने से यह सिंथेटिक अम्ल या सिंथेटिक चीजों की तुलना में नुकसान नहीं करता है. जिनके पास जमीन है, वे या शासन स्तर पर सड़क के किनारे या सार्वजनिक जगह पर कुछ जंगली पौधों के स्थान पर इमली के पौधों को लगा सकते हैं. बड़े पौधे की बड़ी पत्तियां पशु-पक्षियों के लिए बसेरा का साधन बनती हैं.
तैयार होने के बाद फायदे ही फायदे
अगर इमली के 10 पेड़ लगाए जाएं, तो फलत आने के दौरान इससे कम से कम ₹1,00,000 का मुनाफा कमाया जा सकता है. इसकी लकड़ी भी काफी महंगी बिकती है. यह काफी उपयोगी खेती है, जिससे किसान आराम से लखपति बन सकते हैं.
Tags: Agriculture, Local18, Medicinal FarmingFIRST PUBLISHED : August 3, 2024, 10:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed