इस जंगली सब्जी की खेती कर किसान बन सकते हैं मालामाल 10 सालों तक मिलेगा मुनाफा

कृषि वैज्ञानिक डॉ. संतोष पाण्डेय ने बताया कि ककोरा की खेती कम लागत में अधिक कमाई देने वाली होती है. बुन्देलखण्ड में कई किसान इसकी खेती कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे है.

इस जंगली सब्जी की खेती कर किसान बन सकते हैं मालामाल 10 सालों तक मिलेगा मुनाफा
 शाश्वत सिंह/ झांसी:  बुंदेलखंड के जंगलों में बरसात के मौसम में एक पौधा अपने आप उग जाता है. यहां ककोरा अपने आप उग आते है. बाजार में इस पौधे की कीमत भी अच्छी मिलती है. सीजन में ककोरा की कीमत 100 से 150 रुपए प्रति किलोग्राम तक होती है. सामान्य तौर पर किसान इसकी खेती नहीं करते हैं, लेकिन किसानों के लिए यह कमाई का जरिया बन सकता है. कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को ककोरा की खेती करने का सुझाव दिया है. कम समय में अधिक मुनाफा देगा काकोरा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि संस्थान के शिक्षक किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेती के साथ सब्जी उत्पादन, शहद उत्पादन, पशुपालन आदि के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रहा है. कृषि वैज्ञानिक डॉ. संतोष पाण्डेय ने बताया कि ककोरा की खेती में कम समय में अधिक लाभ कमाया जा सकता है. ककोरा की खेती कम समय में अधिक मुनाफा देती है. बरसात के आसपास ककोरा की माग बनी रहने से अच्छी कीमत मिल जाती है. ककोरा पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर होता है. दिन प्रतिदिन बाजार में इसकी कीमत बढ़ती जा रही है. एक बार बुआई के बाद लगभग 8 से 10 वर्षों तक इससे पैदावार मिलती रहती है. ककोरा में सभी जरूरी विटामिन भी मिलते हैं. किसान इसे अपने खेत की मेड़ पर उगा सकते हैं. एक बार लगाएं, सालों तक फल पाएं कृषि वैज्ञानिक डॉ. संतोष पाण्डेय ने बताया कि ककोरा की खेती कम लागत में अधिक कमाई देने वाली होती है. बुन्देलखण्ड में कई किसान इसकी खेती कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे है. यदि इसकी सही तरीके से खेती की जाए तो वह इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. ककोरा की सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहत के लिए काफी फायदेमन्द खेती है. बारिश के मौसम में जंगली इलाको में ककोरा खुद ही उग जाते हैं. ककोरा के बीज को एक बार बोने के बाद इसके पौधे से करीब 8 से 10 वर्षों तक फल प्राप्त होते रहते है. फलों का उपयोग अचार बनाने के लिए भी किया जाता है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 08:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed