कम लागत-मेहनत में धनवान बना देगी यह फसल किसानों की किस्मत जाएगी खुल

Baby Corn Farming News: गेहू-धान के साथ-साथ आप बेबी कॉर्न की भी खेती कर सकते हैं. इससे आपको कम समय में तगड़ा मुनाफा होगा.    

कम लागत-मेहनत में धनवान बना देगी यह फसल किसानों की किस्मत जाएगी खुल
रजनीश यादव/प्रयागराज: खेती-किसानी करने के आज कई सारे तरीके आ गए हैं. एक ही तरह की फसल उगाने के साथ किसान कुछ नया भी ट्राई कर सकते हैं.  जैसे कुछ किसान बेबी कॉर्न  की खेती कर रहे हैं. बेबी कॉर्न की खेती की सबसे बड़ी खासियत तो यही है कि इसका चार बार उत्पादन किया जा सकता है. हां, एक बात का ख्याल रखना चाहिए कि एक साथ पूरे खेत में बेबी कॉर्न की बुवाई नहीं करनी चाहिए. बेबी कॉर्न की खेती इसे दस-दस दिन के अंतर में खेत के कुछ हिस्सों में बोना चाहिए. क्योंकि अगर किसान एक साथ पूरे खेत में बुवाई करता है, तो पूरी फसल एक साथ तैयार हो जाती है. तब बाजार में बेचने में कुछ दिक्कत होती है, इसलिए कुछ अंतराल पर बुवाई करने से जैसे-जैसे फसल तैयार होगी बाजार में बेच सकते हैं. इसके डंठल और पत्ते जानवरों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इसकी खेती से तो सालभर जानवरों को चारा उपलब्ध हो सकता है. बेबी कॉर्न की बुवाई उत्तर भारत में दिसबंर, जनवरी महीने को छोड़ सालभर बेबी कॉर्न की खेती की जा सकती है. मध्यम ऊंचाई की जल्दी तैयार होने वाली किस्म/प्रजाति और एकल क्रॉस संकर का चयन करना चाहिए. संकर-बीएल, संकर-एमईएच-133, संकर-एमईएच-114 और अर्ली-कम्पोजिट बेबी कॉर्न की उन्नत किस्म होती हैं. बेबी कॉर्न की बुवाई के लिए किसान सबसे पहले खेत में मेड़ बना लें और इसकी चौड़ाई एक फीट रखें. बुवाई से पहले खेतों में 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस व 40 किलोग्राम पोटाश का छिड़काव करें. मेड़ पर बुवाई से पानी कम लगता है और पैदावार अच्छी होती है. कब करें सिंचाई पहली सिंचाई बुवाई से पहले करें, क्योंकि बीज अंकुरण के लिए पर्याप्त नमी होना जरूरी होता है. बुवाई के 15-20 दिन बाद मौसम के अनुसार जब पौधे 10-12 सेमी के हो जाएं, तो पहली सिंचाई करनी चाहिए. उसके बार 8-10 दिन के अन्तराल से ग्रीष्मकालीन फसल में पानी देते रहना चाहिए. ऐसे करें खरपतवार-नियंत्रण इस मौसम में बोई गई फसल में खरपतवार या जंगली घास हो जाती है, जिनको निकालना जरूरी होता है. इन्हें निकालने के लिए 2-3 खुरपी से गुड़ाई करें. साथ-साथ हल्की-हल्की मिट्‌टी भी पौधों पर चढ़ा दें, जिससे पौधे हवा से गिरते नहीं हैं. इसके दूसरी फसलें भी लगा सकते हैं, इस समय इसके साथ लोबिया, उड़द, मूंग जैसी फसलें लगा सकते हैं. Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 14:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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