30 जून से शनि की उल्टी चाल4 राशियों के जीवन में आएगा भूचाल करें ये 6 काम

जब कोई ग्रह वक्री अवस्था में होता है तो वह पृथ्वी के नजदीक होता है. इसलिए उसका प्रभाव बढ़ जाता है. शनि की वक्री चाल जिन राशि के जातकों के लिए संकट खड़ा कर सकता है उन्हें 139 दिनों तक कुछ खास उपाय करना चाहिए, इससे शनि के दुष्प्रभाव का असर कम होगा.

30 जून से शनि की उल्टी चाल4 राशियों के जीवन में आएगा भूचाल करें ये 6 काम
अयोध्या : वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक निश्चित अवधि पूरा करने के बाद सभी ग्रह अपना राशि परिवर्तन करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 30 जून को शनि देव कुंभ राशि में वक्री होने वाले हैं. शनि की वक्री चाल कई राशि के जातकों के जीवन में भूचाल ला सकती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रह जब उल्टी चाल चलता है तो सभी राशियों पर इसका शुभ-अशुभ असर देखने को मिलता है. जब कोई ग्रह वक्री अवस्था में होता है तो वह पृथ्वी के नजदीक होता है. इसलिए उसका प्रभाव बढ़ जाता है. शनि की वक्री चाल जिन राशि के जातकों के लिए संकट खड़ा कर सकता है उन्हें 139 दिनों तक कुछ खास उपाय करना चाहिए, इससे शनि के दुष्प्रभाव का असर कम होगा. शनि देव 30 जून को रात्रि 12:35 में कुंभ राशि में वक्री होंगे और 15 नवंबर तक शनि देव उल्टी चाल चलते रहेंगे. ऐसी स्थिति में कई राशि के जातकों के लिए यह समय काफी कष्टकारी रहने वाला है. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि इस भूचाल को दूर करने के लिए क्या उपाय करना चाहिए. शनि देव के वक्री होने का प्रभाव दरअसल अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि 30 जून से शनि देव उल्टी चाल चलेंगे जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों पर देखने को मिल सकता है. लेकिन कुछ राशि ऐसी हैं जिनके जीवन में भूचाल आ सकता है. जिसमें मेष राशि ,वृषभ राशि, मकर राशि के जातक शामिल हैं. शनि की वक्री अवस्था में थकान, अवसाद, चिंता, अनिद्रा, जोड़ों का दर्द, त्वचा संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं. पुरानी बीमारियां भी फिर से परेशान कर सकती हैं. काम में बाधाएं आ सकती है. इस भूचाल से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र द्वारा बताए गए कुछ उपाय आवश्यक करने चाहिए . करें ये 6 उपाय  शनि के वक्री होने पर शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय करने चाहिए. इसके लिए शनिवार का व्रत रखना चाहिए. शनि मंदिर जाकर उनके दर्शन करें. शनि देव को तेल, काले तिल और नीले फूल अर्पित करें. इसके बाद शनि दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें. इसके अलावा इस दिन भगवान शिव की भी उपवास न करनी चाहिए और शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करना चाहिए. शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हर शनिवार को कटोरी में थोड़ा-सा सरसो का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर छाया दान करें. हर दिन हनुमान और शनि चालीसा का पाठ करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. शनि के “ॐ शनिदेवाय नमः” मंत्र का जाप करें. हर शनिवार को पीपल के पेड़ की जड़ में दीप प्रज्वलित करें और जल अर्पित करें. अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है तो शनि के वक्री होने के दौरान शनि ग्रह की शांति के लिए पूजा करवाएं. मान्यता है कि हनुमान जी के भक्तों को शनि देव कभी परेशान नहीं करते. ऐसे में शनिवार के दिन हनुमान जी को चमेली के तेल का दीपक दान करें और सिंदूर का चोला चढ़ाएं. शनि की शांति के लिए प्रतिदिन 108 बार रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जप भी करें.अनाथालय या वृद्धाश्रम में जाकर समय और श्रम दान करें, वृद्धों और बीमारों की सेवा करें Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 8, 2024, 07:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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