महाराष्ट्र: क्या बागी विधायकों की जाएगी सदस्यता शिवसेना के वकील ने दी ये चेतावनी
महाराष्ट्र: क्या बागी विधायकों की जाएगी सदस्यता शिवसेना के वकील ने दी ये चेतावनी
Maharashtra political crisis: महाराष्ट्र की सियासी हलचल पिछले एक सप्ताह से उफान पर है. ऐसे में शिवसेना के वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने बागी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनपर दल बदल कानून लागू होता है क्योंकि वे अब तक दो तिहाई बहुमत के साथ किसी अन्य दल में शामिल नहीं हुए हैं.
महाराष्ट्र में पिछले एक सप्ताह से जारी राजनीतिक संकट किस करवट लेगा, इसका कुछ पता नहीं चल रहा है. हालांकि बागी शिवसेना विधायकों का कुनबा बढ़ता जा रहा है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की राजनीतिक शक्ति कमजोर होती जा रही है. इस बीच दोनों खेमा कानूनी दांव-पेंच पर जोर अजमाइश कर रहे हैं. शिवसेना के वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने चेतावनी देते हुए कहा है कि 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या बागी विधायकों की सदस्यता वास्तव में चली जाएगी.
विधानसभा से अयोग्य होने के पूरे आचरण मौजूद
शिवसेना के वकील देवदत्त कामत ने कहा, संविधान में कहा गया है कि अगर विधानसभा का कोई सदस्य पार्टी को छोड़ दिया है तो वह विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य होने की ओर अपना कदम आगे बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना ने 16 बागी विधायकों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि शिवसेना द्वारा बुलाई गई कई बैठकों में बागी विधायक नहीं आए हैं जबकि बीजेपी शासित राज्यों में वे बीजेपी के साथ बैठकें कर रहे हैं. इतना ही नहीं वे मंदिरों में भी जा रहे हैं. इसका मतलब है कि इन विधायकों ने शिवसेना छोड़ दी है. उनके खिलाफ नियमों के कई उल्लंघन सामने हैं.
डिप्टी स्पीकर के पास स्पीकर वाले पूरे अधिकार
वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने बताया, दल बदल कानून से बचने के लिए दो तिहाई बहुमत का सिद्धांत तब लागू होता है जब सदस्यों ने खुद को दूसरी पार्टी में विलय किया है लेकिन बागी विधायकों ने खुद को अन्य पार्टियों में विलय नहीं किया है. अब तक एमएलए किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं. इसलिए उनपर दल बदल कानून का नियम लागू हो सकता है. आज तक वे दूसरी पार्टी में नहीं गए हैं. वे स्वेच्छा से शिवसेना की सदस्यता छोड़ी है. इसलिए उनपर दलबदल कानून लागू होगा. देवदत्त कामत ने कहा, संविधान के तहत स्पीकर की अनुपस्थिति में डिप्टी स्पीकर स्पीकर विधानसभा अध्यक्ष या स्पीकर के पूरे अधिकारों का इस्तेमाल कर सकता है. बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अनाधिकृत ई-मेल से भेजा गया है.
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Tags: BJP, Congress, Maharashtra, NCP, ShivsenaFIRST PUBLISHED : June 26, 2022, 18:00 IST