इस जेल का खाना होटल के लंच-डिनर से कम नहीं जेरसोई को मिला क्वालिटी सर्टिफिकेट

जिला कारागार में आटा गूंथने की मशीन के साथ ऑटोमैटिक रोटी मेकर लगाए गए हैं. तेल मसाले भी ब्रांडेड उपयोग किए जाते हैं

इस जेल का खाना होटल के लंच-डिनर से कम नहीं जेरसोई को मिला क्वालिटी सर्टिफिकेट
अंजू प्रजापति/रामपुर: रामपुर जिला कारागार में किसी बड़े होटल में होने का एहसास होना लाजिमी है. जी हां जिला जेल का खाना कैदियों के लिए होटल के डिश से कम नहीं है. यहां हाइजीनिक यानी साफ सुथरा और क्वॉलिटी वाला भोजन बंदियों को खिलाया जा रहा है. यही कारण है कि रामपुर जिला कारागार प्रदेश की चुनिंदा ऐसी जिला जेल बन गई है, जो बंदियो को मेन्यू के हिसाब से साफ सुथरा खाना खिलाने व रसोई की गुणवत्ता के लिए एफएसएसएआई प्रमाण पत्र से नवाजा गया है. अमूमन बेकार भोजन की तुलना लोग जेल के खाने से करते है. लेकिन रामपुर जिला कारागार को शासन की ओर से एफएसएसएआई प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया. किचन में भोजन की गुणवत्ता, पौष्टिकता, स्वाद और स्वच्छता को लेकर जिला जेल चर्चाओं में है. रोजाना करीब तीन टाइम 1000 हजार बंदियो का खाना तैयार किया जाता है. इस भोजन को बनाते समय रसोई में जिस गुणवत्ता और साफ सफाई का उचित ख्याल रखा जाता है. भारत सरकार की संस्था फ़ूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्डस अथारिटी ऑफ इंडिया के मानकों पर खरा उतरने पर जेल की रसोई को ईंट राइट कैम्पस घोषित किया गया. ऑटोमैटिक रोटी मेकर जिला कारागार में आटा गूंथने की मशीन के साथ ऑटोमैटिक रोटी मेकर लगाए गए हैं. तेल मसाले भी ब्रांडेड उपयोग किए जाते हैं. खाना बनाते समय बंदियों की कुकिंग टीम भोजन की स्वच्छता के लिये साफ-स्वच्छ एप्रेन, मास्क फुल स्लीव ग्लब्स एव कैप पहनकर खाना बनाती है. मास्क भी पहनने से रोग फैलने का खतरा शून्य हो जाता है. कैदियों की थाली में परोसे जाने तक खाना बिल्कुल गरम रहता है. एफएसएसएआई का प्रमाण जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने बताया कि जेल में बेहतर प्रबंधन व भोजन की गुणवत्ता के लिए निरंतर प्रयास किये गए जिसके लिए भारत सरकार की संस्था फ़ूड सेफ्टी एंड स्टेंडडर्स ऑथरिटी ऑफ इंडिया के सर्टिफिकेशन कार्यक्रम में कारागार की रसोई मैं खाना बनाने की और खाना वितरण करने की प्रक्रिया के मानकीकरण को एफएसएसएआई का प्रमाण मिला. इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए काफी समय से निरंतर प्रयास किये जा रहे थे. . Tags: Jail, Local18FIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 12:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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