बिना मौका-मुआयना कैसे मिली NOC सर्फिटिकेट में दर्ज 2 तारीखों ने खोल दी पोल
बिना मौका-मुआयना कैसे मिली NOC सर्फिटिकेट में दर्ज 2 तारीखों ने खोल दी पोल
Rao IAS Study Circle: ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे में तीन बच्चों की जान चली गई. इस मामले के जांच में दो दस्तावेज ऐसे सामने आए, जिसमें दर्ज दो तारीखों ने इस हादसे के असल जिम्मेदारों के चेहरे से पर्दा हटा दिया है. कौन हैं ये जिम्मेदार, जानने के लिए पढ़ें आगे...
Rajendra Nagar Hadasa: राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में तीन छात्र-छात्राओं की मौत हो जाती है. इस दर्दनाक हासदे के बाद दिल्ली दमकल विभाग और उत्तरी नगर निगम दो सर्टिफिकेट लेकर आते हैं और दावा करते हैं कि स्टडी सर्किल में गैर कानूनी तरीके से बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाई जा रही थी, जबकि दोनों महकमों द्वारा जारी की गई एनओसी में सिर्फ डोमेस्टिक स्टोरेज और पार्किंग के लिए इस्तेमाल की इजाजत थी.
क्या इतना कह देने मात्र से दिल्ली दमकल विभाग और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी यहीं पर खत्म हो जाती है. शायद नहीं, दोनों महकमों द्वारा जारी किए गए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) में दर्ज दोनों तारीखें साफ तौर पर बता रही हैं कि इस हादसे के लिए बिल्डिंग मालिक, इंस्टीट्यूट संचालक के साथ-साथ दमकल विभाग और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारी भी बराबर के जिम्मेदार हैं. यह भी पढ़ें: बेसमेंट में डूबा दिल्ली का सिस्टम! मौत वाली कोचिंग ने उड़ाई नियमों की धज्जियां, क्या होगा एक्शन… Rau’s IAS स्टडी सर्किल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. नॉर्थ एमसीडी और दमकल विभाग द्वारा जारी किए गए सर्टिफिकेट के अनुसार बेसमेंट में लाइब्रेरी का संचालन गैरकानूनी तरीके से किया जा रहा था. क्या कहतें हैं ये सर्टिफिकेट, जानने के लिए क्लिक करें.
क्या बिना मौका मुआयने के जारी हुई एनओसी
यदि दमकल विभाग और नगर निगम के अधिकारियों ने सही से अपनी जिम्मेदारी निभाते तो शायद श्रेया, तान्या और नवीन को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती. दरअसल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा 9 अगस्त 2021 को जारी किया गया कंप्लीशन कम ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट सामने आया है. इस सर्टिफिकेट में साफ तौर पर बताया गया है कि पार्किंग का इस्तेमाल सिर्फ हाउस होल्ड स्टोरेज के लिए किया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं था.
इमारत की बेसमेट में न केवल लाइब्रेरी बनाई गई थी, बल्कि वहां पर जरूरी इंतजाम भी नहीं किए गए थे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उत्तरी नगर ने बिना मौका मुआयना किए इस इमारत के लिए कंप्लीशन कम ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी कर दिया. आपको बता दें कि यह एमसीडी द्वारा यह सर्टिफिकेट इमारत के काम के सभी कामों को पूरा होने के बाद ही दिया जाता है. यह भी पढ़ें: देवदूत बनकर आए 3 पुलिसकर्मी, तब जाकर शुरू हुआ रेस्क्यू का काम, बचा ली 3-4 जिंदगियां… राव आएएस स्टडी सेंटर में पानी घुसने की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे तीन पुलिस कर्मियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए पानी में छलांग लगा दी. बुरी तरह से चुटहिल होने के बावजूद तीनों पुलिस कर्मियों ने कई जिंदगियां बचा लीं. क्या था पूरा घटनाक्रम, जानने के लिए क्लिक करें.
दमकल विभाग ने जुड़ी खामी भी आई सामने
अब बात करते हैं कि दमकल विभाग द्वारा जारी फायर सेफ्टी से जुड़ी एनओसी की. दिल्ली दमकल विभाग के निदेशक रहे जीएस मिश्र बताते हैं नियमों के अनुसार, किसी भी इमारत का स्ट्रक्चरल काम पूरा होने के बाद फायर इक्यूपमेंट का काम किया जाता है. इस काम के पूरा होते ही फायर डिपार्टमेंट मौका मुआयना करता है और फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी करता है. साथ ही यह सर्टिफिकेट कामर्शियल प्रॉपर्टी में हर तीन साल में रिन्यू होता है.
नियमों के तहत, यह मान लें कि सर्टिफिकेट जारी करते समय बेसमेंट में लाइब्रेरी न रही हो. लेकिन, दमकल विभाग का जो सर्टिफिकेट सामने आया है, वह 09 जुलाई 2024 को जारी किया गया था. यानी, दमकल विभाग ने यह सर्टिफिकेट आज से महज 19 दिन पहले ही रिन्यू किया था. और यह बात भी साफ है कि इमारत की बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी बीते 19 दिनों में तो बनी नहीं है. यह भी पढ़ें: दिल्ली के कोचिंग में 3 छात्रों की मौत का जिम्मेदार कौन? लापरवाही वाली बाढ़ पर jharkhabar.com पूछ रहा 6 अहम सवाल… बेसमेंट में भरे 12 फीट पानी में बच्चे जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं और किसी को पता नहीं चलता. इस हादसे ने कई ऐसे सवाल खड़े कर दिए हैं, जो प्रशासन से लेकर इंस्टीट्यूट प्रबंधन के गैर जिम्मेदाराना रवैए की पोल खोल रहे हैं.
कौन है हादसे के लिए असल जिम्मेदार?
यानी, इस बात के साफ संकेत मिलते हैं कि दमकल विभाग के संबंधित अधिकारी ने इमारत का मौका मुआयना किए बगैर फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी कर दिया था. यानी, शनिवार शाम हुए हादसे के लिए इमारत के मालिक और इंस्टीट्यूट के संचालक के साथ साथ दमकल विभाग और उत्तरी नगर निगम के संबंधित अधिकारी भी बराबर के जिम्मेदार हैं. शायद इन लोगों ने अपनी जिम्मेदारी समझी होती, तो आज इतना बड़ा हादसा न होता.
Tags: Delhi news, IAS examFIRST PUBLISHED : July 28, 2024, 15:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed