चीन की कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड का मुंहतोड़ जवाब भारत का इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप
चीन की कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड का मुंहतोड़ जवाब भारत का इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप
Army Integrated Battle Group: चीनी कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड (CAB) का जवाब भारतीय सेना का इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (IBG) देगा. भारतीय थलसेना का इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप अगले साल से अस्तित्व में आ सकता है. सेना ने सरकार से मंजूरी के लिए इसका ड्राफ्ट भेज दिया है.
नई दिल्ली. चीन ने अपनी पूरे सैन्य इलाकों को 5 थियेटर कमांड में बदल दिया है. भारतीय सीमा से लगने वाले कमांड का नाम है- वेस्टर्न थियेटर कमांड. इस कमांड में चीन की थल सेना और वायुसेना एक साथ तौनात हैं. यही नहीं चीन ने तो अपनी कई सैन्य डिविजन को कंबाइनड आर्म्ड ब्रिगेड (CAB )में बदल दिया है. अब इस तैनाती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत का इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप लगभग तैयार है. लंबे समय से इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप की तैयारी चल रही है. अब थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ये साफ कर दिया है कि अगले साल यानी की 2025 से इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप को लागू करने का काम शुरू हो सकता है. सेना के सूत्रों के मुताबिक सेना की तरफ से इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप की मंजूरी के लिए गवर्नमेंट सेंक्शन लेटर ड्रॉफ्ट भेज दिया गया है.
ऊंचे पहाड़ों में लड़ाई को बेहतर ढंग से लड़ने के लिए भारतीय सेना ने माउंटेन कोर को पहले ही बना दिया है. इन माउंटेन कोर में इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनेंगे. फिलहाल सबसे पहले इस्टर्न सेक्टर में पानागढ़ में स्थित 17वीं माउंटेन कोर को इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप में तब्दील करने का ड्रॉफ्ट मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा गया है. इसके तहत कुल 5 इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनेंगे. इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप के बनने के बाद आने वाले दिनों में अब तक सेना के फॉर्मेशन का अहम हिस्सा रहे डिविजन अब खत्म हो जाएंगे. 17 माउंटेन कोर के बाद मिडिल सेक्टर स्थित 9वीं कोर को इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप में बदलने का काम होगा. सेना के सूत्रों के मुताबिक वैसे तो इस कोर में 4 इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाए जाने का प्लान है. लेकिन फिलहाल 2 की मंजूरी के लिए सरकार के पास आने वाले दिनों में ड्रॉफ्ट भेजा जा सकता है.
क्या है आईबीजी
इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप का मकसद ये है कि भारतीय सेना की ताकत यानी इंफैंट्री, आर्म्ड, आर्टिलरी और एविएशन विंग को एक साथ समन्वय के साथ बेहतर तालमेल के एक छत के नीचे लाना. दरसल ये बैटल ग्रुप अमेरिकी सेना की तर्ज पर ही काम करेंगे. यानी कि एक 2 स्टार जनरल की कमान में सभी यूनिट एक साथ काम करेंगी. एक माउंटेन स्ट्राइक कोर तहत कम से कम 3 इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप होगी. हर एक ग्रुप में इंफेंट्री सैनिकों के साथ-साथ इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल, टैंक, आर्टेलरी तोपों के साथ साथ हेलीकॉप्टर भी शामिल होंगे. ये बैटल ग्रुप चीन और पाकिस्तान की सीमा के पास तैनात होगा, जो कि किसी भी मौसम में दुश्मन से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार होगा. अभी तक तो इंफेन्ट्री, आर्टिलरी, टैंक रेजीमेंट अलग-अलग यूनिट्स की तरह काम करते हैं, लेकिन इस बैटल ग्रुप में ये सब एक साथ होगे. इसका सबसे बड़ा मकस्द ये है कि लड़ाई के हालात में देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात इन रेजिमेंट के मूवमेंट में जो समय जाया होता था, अब वो नहीं हुआ करेगा
रैपिड यूनिट की तरह करेंगे काम
सेना के मुताबिक ये इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बिलकुल रैपिड यूनिट की तरह से ऑपरेट करेंगे. भारतीय सेना ने अपनी पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा के लिए 10 के करीब इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाने और तैनात करने की योजना बनाई है. अभी तक सेना की एक कोर के अंडर डिविजन और फिर डिविजन के अंडर ब्रिगेड आती हैं. लेकिन आईबीजी में कोर से सीधे बैटल इंटीग्रेटेड ग्रुप को निर्देश मिलेंगे. इस नई युद्ध रणनीति में बीच की एक लेयर नहीं है. इसलिए सिस्टम और तेजी से काम कर करेगा. आईबीजी में अलग-अलग फील्ड के माहिर जवान होंगे. इसमें पैदल सैनिक, टैंक, तोप, इंजीनियर्स, सभी फील्ड के सैनिक एक साथ होंगे. लॉजिस्टिक, सपोर्ट यूनिट सहित वह सभी फील्ड के सैनिक एक साथ होंगे जो किसी भी युद्ध के लिए जरूरी हैं. हर इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप में सैनिकों की संख्या 5500 से 6000 के बीच होगी. अब तक यह सब अलग-अलग यूनिट के तौर पर तैनात हैं और युद्ध के वक्त एक साथ आते हैं. आईबीजी में यह सब शांति काल में भी साथ रहेंगे और साथ ही युद्ध का अभ्यास भी करेंगे. खास बात ये है कि आईबीजी का अलग-अलग ढांचा होगा. यह वहां कि भौगोलिक परिस्थिति और टॉस्क को ध्यान में रखकर होगा. जैसे जहां रोड हैं वहां कंस्ट्रक्शन की जरूरत कम है तो वहां का ढांचा अलग होगा. रेगिस्तान में जहां रोड भी बनानी हैं, वहां का ढांचा अलग होगा. 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर ने तो कुछ साल पहले से ही चीन सीमा के करीब अपना पहले युद्धभ्यास को अंजाम दिया. उस अभयास का नाम भी ‘हिमविजय’ दिया गया था. जिसमें ‘इंटीग्रेटेड बैटेल ग्रुप’ यानि आईबीजी का भी ट्रायल किया गया था.
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चीन ने बड़ी तेजी में बना दिए कंबाइंड आर्म्ड ग्रुप
उधर चीन ने भी बड़ी तेजी से पीएलए री-स्ट्रकचरिंग में जुटा है. सूत्रों के मुताबिक पीएलए ने शिंजियान मिलेट्री डिस्ट्रिक्ट में पीएलए की चार डिविजन, 4th मैकेनाइज इंफ़ैंट्री और 6,8 और 11 मोटेराइजड इंफ़ैंट्री डिविजन को कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड में तब्दील कर दिया है. यानी की चीन ने अपने इन चार डिविजन को ब्रिगेड में तब्दील कर उसे सेना के अन्य कॉम्पोनेन्ट जोड़ दिए. पूर्वी लद्दाख के दूसरी ओर चीन ने अपनी कांबैट और फ़ायर पावर को मजबूत करने के मकसद से ये तब्दीली की है. इससे मैकेनाइड इंफ़ैंट्री के साथ साथ एयर डिफेंस, लॉजिस्टक में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी. अगर कंबाइंड आर्म ब्रिगेड की बात करें तो इसमें 4 कंबाइंड आर्म बटालियन, रेकानेन्स बटालियन, आर्टिलरी टैंक बटालियन, एयर डिफ़ेंस बटालियन, कांबेट सपोर्ट बटालियन और कांबेट सर्विस बटालियन शामिल हैं.
Tags: Air force, China Army, Indian armyFIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 18:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed