Pilibhit: डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल अल्ट्रासाउंड विभाग पर लटका ताला गर्भवती महिलाएं परेशान
Pilibhit: डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल अल्ट्रासाउंड विभाग पर लटका ताला गर्भवती महिलाएं परेशान
Pilibhit District Hospital: पीलीभीत जिला महिला अस्पताल कई डॉक्टरों के ट्रांसफर होने के कारण स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. वहीं, रेडियोलॉजिस्ट के नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी हो रही है.
रिपोर्ट- सृजित अवस्थी
पीलीभीत. यूपी सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है.वहीं, डिप्टी सीएम और स्वास्थय मंत्री बृजेश पाठक खुद स्वास्थय सेवाओं का हाल जानने के लिए प्रदेश के अस्पतालों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन सरकार और स्वास्थय मंत्री की ये कवायद पीलीभीत के जिला अस्पताल में फेल होती नजर आ रही है. पीलीभीत के जिला अस्पताल में मरीजों की परेशानियां अब आम होती जा रही हैं, क्योंकि स्वास्थय सेवाएं दिन पर दिन बदहाल होती जा रही हैं.
दरअसल पीलीभीत जिला अस्पताल से कई डॉक्टरों व स्टाफ का ट्रांसफर किया गया था. इसमें एक रेडियोलॉजिस्ट भी शामिल थे. जबकि अस्पताल में कुल 2 ही रेडियोलोजिस्ट थे. ऐसे में अस्पताल में रेडियोलोजिस्ट की संख्या केवल एक हो गई और महिला अस्पताल में पहले से ही कोई रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण अब दोनों अस्पतालों की जिम्मेदारी एक ही डॉक्टर पर आ गई. जबकि गंभीर बीमारी के चलते वे भी मेडिकल अवकाश पर चले गए. इसके चलते हालात ऐसे हो गए हैं कि महिला अस्पताल के अल्ट्रासाउंड विभाग में ताला लटक गया है. अब मरीजों के पास प्राइवेट संस्थानों में जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.
महिला मरीजों के स्वास्थ्य पर लटका ताला
महिला अस्पताल में आमतौर पर 400 से 500 महिलाएं रोजाना इलाज के लिए आती हैं. इसमें गर्भवती महिलाएं सबसे अधिक होती है. NEW18 LOCAL से बातचीत में शहर की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ.अनुरीता सक्सेना ने बताया कि गर्भावस्था में तो अल्ट्रासाउंड कराने की आवश्यकता पड़ती ही है. इसके साथ ही कई बीमारियां ऐसी हैं जिनके डायग्नोसिस के लिए अल्ट्रासाउंड बहुत आवश्यक होता है. ऐसे में महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड विभाग पर लटका ताला मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है.
500 से 1300 तक होता है अल्ट्रासाउंड
अगर अल्ट्रासाउंड पर होने वाले खर्च की बात करें तो यह आमतौर पर लगभग 500 रुपए से शुरू होकर 1500 रुपए तक जाता है. ऐसे में गरीबों को अल्ट्रासाउंड कराना उनकी जेब पर भारी पड़ सकता है. इस पूरे मामले पर प्रभारी सीएमएस डॉ. बीएस यादव ने बताया है कि अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी है. अल्ट्रासाउंड के साथ ही साथ एक्स-रे भी बंद है. उनकी प्राथमिकता इमरजेंसी संचालित करना है. अब तो ऐसे हालात बन गए हैं कि इमरजेंसी चलाने में भी मुश्किलें आ रही हैं.
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Tags: Government Hospital, Pilibhit newsFIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 09:38 IST