बिना रजिस्ट्री वाले फ्लैट खरीदारों को यमुना अथॉरिटी ऐसे दे रही है राहत
बिना रजिस्ट्री वाले फ्लैट खरीदारों को यमुना अथॉरिटी ऐसे दे रही है राहत
फ्लैट बॉयर्स (Flat Buyers) एसोसिएशन का कहना है कि तमाम सोसाइटी में 10 साल बाद भी फ्लैट के नाम पर स्ट्रक्चर खड़ा हुआ है. 95 फीसद पैसा लेने के बाद भी टावर बनकर तैयार नहीं हुए हैं. रेरा में जाने के बाद इंसाफ मिला तो मामला रेरा (RERA) द्वारा नियुक्त आईआरपी में अटक गया. दर्जनों सोसाइटी के सैकड़ों लोग ऐसे हैं जो अपने घर के सामने ही किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं. हालत यह है कि रेंट भी दे रहे हैं और बैंक की ईएमआई (Bank EMI) भी भर रहे हैं.
नोएडा. आप यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) के किसी सेक्टर में रहते हैं. आपके पास फ्लैट (Flat) का कब्जा तो है, लेकिन उसकी रजिस्ट्री नहीं है. तमाम चक्कर लगाने के बाद भी बिल्डर (Builder) रजिस्ट्री कराने को तैयार नहीं है. ऐसे फ्लैट खरीदारों के लिए अथॉरिटी एक स्कीम लेकर आई है. स्कीम के तहत अगर बिल्डर ने अथॉरिटी कंपलीशन सर्टिफिकेट ले लिया है ओर किसान का लीज रेंट (Lease Rent) जमा नहीं किया है तो अथॉरिटी सीधे खरीदार को ही फ्लैट (Flat Buyers) की रजिस्ट्री कर देगा. लेकिन शर्त यह है कि किसान लीज रेंट फ्लैट खरीदार को जमा कराना होगा. इसके बाद खरीदार को फ्लैट की रजिस्ट्री कर दी जाएगी और इसके लिए बिल्डर की जरूरत भी नहीं होगी. गौरतलब रहे नोएडा (Noida)-ग्रेटर नोएडा में बिना रजिस्ट्री के फ्लैट खरीदारों की संख्या 2.5 लाख से ज्यादा है.
वसूला जाएगा किसान लीज रेंट का 64.7 फीसद अतिरक्त मुआवजा
जानकारों की मानें तो ग्रेटर नोएडा में जमीन देने वाले किसानों ने अतिरिक्त मुआवजे की मांग की है. यह मामला कोर्ट में भी जा चुका है. इसी के चलते ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी रेसीडेंशियल, इंस्टीट्यूशनल और कमर्शियल एरिया में पहले ही अतिरिक्त मुआवजे के लिए आदेश जारी कर चुका है. काफी लोगों से अतिरिक्त मुआवजे की वसूली भी हो चुकी है. अब अथॉरिटी ने इंडस्ट्रियल एरिया और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के तहत जमीन लेने वाले बिल्डर्स को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. नोटिस में अतिरिक्त मुआवजा अथॉरिटी में जमा कराने के आदेश दिए गए हैं. यही मुआवजा अतिरिक्त मुआवजे की मांग करने वाले किसानों में वितरित किया जाएगा.
अथॉरिटी एक्शन ले तो नहीं भटकना पड़े रजिस्ट्री के लिए-नेफोमा
नोएडा एस्टेट फ्लैट ओनर्स मेन एसोसिएशन (नेफोमा) अध्यक्ष अन्नू खान का कहना है, “जब कोई भी बिल्डर अपना प्रोजेक्ट तैयार करता है तो काम पूरा होने के बाद और अथॉरिटी का सभी तरह का बकाया चुकाने के बाद उसे अथॉरिटी की ओर से कम्पलीशन सर्टिफिकेट मिलता है. इस सर्टिफिकेट के बाद ही बिल्डर फ्लैट बुक कराने वाले बॉयर्स को फ्लैट पर कब्जा दे सकता है.
लेकिन बहुत सारे बिल्डर ने बिना कम्पलीशन सर्टिफिकेट के ही बॉयर्स को कब्जा दे दिया है. लेकिन ऐसे मामलों पर अथॉरिटी भी खामोश है. कोरोना-लॉकडाउन के दौरान बुरी से बुरी मुसीबत में भी ऐसे लोग रजिस्ट्री न होने पर अपने फ्लैट को नहीं बेच सके और उनके अपने बिना इलाज के इस दुनिया को छोड़कर चले गए.”
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पहले 20 हजार में होती थी रजिस्ट्री, अब एक फीसद लगेगा
जानकारों का कहना है कि नए आए सरकारी फरमान से पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 20 हजार रुपये में फ्लैट की रजिस्ट्री हो जाती थी. लेकिन यूपी सरकार की ओर से हाल ही में जारी हुए आदेश के मुताबिक अब फ्लैट की कुल कीमत का एक फीसद रजिस्ट्री कराते वक्त देना होगा. अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आमतौर पर टू और थ्री बीएचके फ्लैट की कीमत 40 से 60 लाख है. ऐसे फ्लैट खरीदारों की जेब पर 30 से 40 हजार रुपये बोझ पड़ेगा. वहीं जिनके फ्लैट की कीमत एक करोड़ के आसपास है तो उन्हें एक लाख रुपये तक खर्च करना पड़ेगा.
दूसरी परेशानी यह है कि अगर कुछ दिनों के अंदर ही अंदर यह रजिस्ट्री नहीं कराई तो जमीन के सर्किल रेट बढ़ना भी तय है. क्योंकि तीनों ही अथॉरिटी अपनी जमीनों के आवंटन की कीमत बढ़ा चुकी हैं. अब इतनी जल्दी खरीदार रजिस्ट्री कैसे कराएं. कोरोना-लॉकडाउन के चलते काम-धंधे भी मंदे और चौपट पड़े हुए हैं.
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Tags: Flat in a society, Own flat, UP RERA, Yamuna AuthorityFIRST PUBLISHED : September 30, 2022, 10:27 IST