ट्विन टाॅवर का ट्रिगर दबाएंगे ये दो इंजीनियर कहा- पलक झपकते ही जमींदोज हो जाएगी बिल्डिंग जानें पूरी प्रोसेस
ट्विन टाॅवर का ट्रिगर दबाएंगे ये दो इंजीनियर कहा- पलक झपकते ही जमींदोज हो जाएगी बिल्डिंग जानें पूरी प्रोसेस
Twin Tower Explosion: इंजीनियर चेतन दत्ता ने इस प्रोसेस के बारे में बताते हुए बताया की पहले बॉक्स को चार्ज किया जाएगा और उसके बाद बटन (ट्रिगर) दबाया जाएगा. जिसके बाद करीब 9640 डी लेयर्स लगी उनमें करंट पहुंच जाएगा और ब्लास्ट होना शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया की 9 सेकंड में पूरा ब्लास्ट होगा है. करीब 13 से 15 सेकंड में पूरी बिल्डिंग नीचे आ जायेगी.
हाइलाइट्सइंजीनियरों ने बताया कि 20 दिनों से ट्विन टाॅवर में एक्सप्लोसिव लोड करने का काम कर रहे थे. डिमोलिशन में किसी तरह दिक्कत नहीं होगी और 100 परसेंट बिल्डिंग को गिराने में सफल रहेंगे. उन्होंने बताया कि आसपास की भी किसी बिल्डिंग को कोई भी नुकसान होने की गुंजाइश नहीं है.
नोएडा. ट्विन टाॅवर 28 अगस्त को विस्फोट करके गिराया जाएगा, इसकी सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं. विस्फोटक लगाने का काम भी पूरा हो गया है. अब विस्फोट से पहले फाइनल चेकिंग की जाएगी. इससे पहले टॉवर को गिराने का काम कर रही एडिफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता ने न्यूज18 से खास बातचीत में कहा कि वह ट्विन टावर के ब्लास्ट का फाइनल बटन दबाएंगे और उनके साथ जेट डिमोलिशन कंपनी के जो ब्रिक्समैन और छह लोग 100 मीटर के दायरे में उस दौरान मौजूद रहेंगे.
इंजीनियर चेतन दत्ता ने इस प्रोसेस के बारे में बताते हुए बताया की पहले बॉक्स को चार्ज किया जाएगा और उसके बाद बटन (ट्रिगर) दबाया जाएगा. जिसके बाद करीब 9640 डी लेयर्स लगी उनमें करंट पहुंच जाएगा और ब्लास्ट होना शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया की 9 सेकंड में पूरा ब्लास्ट होगा है. करीब 13 से 15 सेकंड में पूरी बिल्डिंग नीचे आ जायेगी. ब्लास्ट डी लेयर्स के मुताबिक होगा, लेकिन देखने में लगेगा की ब्लास्ट एक साथ दोनों बिल्डिंग में हो रहा है.
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100 फीसदी हम बिल्डिंग को गिराने में कामयाब रहेंगे: इंजीनियर
दोनों इंजीनियर ने बताया कि वह 20 दिनों से ट्विन टाॅवर में एक्सप्लोसिव लोड करने का काम कर रहे थे. डिमोलिशन में किसी तरह कोई दिक्कत नहीं होगी और हंड्रेड वन परसेंट इस बिल्डिंग को गिराने में हम सक्सेस रहेंगे. उन्होंने बताया कि आसपास की भी किसी बिल्डिंग को कोई भी नुकसान होने की कोई गुंजाइश नहीं है.
103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर्स को जमीन पर गिराने से कोई नुकसान नहीं
सुपरटेक के दोनों टाॅवरों को ध्वस्त करने के लिए दक्षिण अफ्रीका कंपनी जेट डिमोलिशन के निदेशक जो ब्रिंकमैन ने ही इस इमारत का ब्लास्ट डिजाइन तैयार किया है. इस क्षेत्र में करीब 40 सालों का अनुभव है. ब्रिंकमैन दूसरे व्यक्ति होंगे जो ट्रिगर प्वाइंट पर मौजूद रहेंगे. ब्रिंकमैन को पूरा भरोसा है कि रविवार को दोपहर 2.30 बजे 32 मंजिला और 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर्स को जमीन पर गिराए जाने से कोई नुकसान नहीं होगा.
टॉवर का ट्रिगर दबाने वाले इंजीनियर ब्रिंकमैन कौन हैं?
उन्होंने बताया कि ये इमारतें हाई सिसमिक जोन में हैं. इसके लिए लंदन की कंपनी से पूरा सर्वे भी कराया गया है. हमें पूरा विश्वास है कि ट्विन टावर्स के गिरने से संपत्तियों को कोई नुकसान नहीं होगा. प्रभाव यहां एक सामान्य भूकंप का एक तिहाई होगा. साथ ही इसका पूरा कंप्यूटर मॉडल भी तैयार किया गया है.
विस्फोटकों के शौक़ीन ब्रिंकमैन के पास माइनिंग इंजीनियरिंग की डिग्री है. उन्हें पहला मौका 1991 में दक्षिण अफ्रीका में एक कोयला खदान पर एक पानी के टॉवर को गिराने के रूप में मिला. फ्री स्टेट में वेलकम में एक गोल्ड और यूरेनियम प्लांट में उनका पहला बड़ा प्रोजेक्ट 1993 में आया. अगले साल उन्होंने जेट डिमोलिशन कंपनी की स्थापना की.
1980 के दशक में माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद ब्रिंकमैन ने एक्सप्लोसिव और ब्लास्टिंग में मास्टर्स किया. वह चैंबर ऑफ माइन्स में शामिल हो गए और अगले साढ़े छह वर्षों तक ब्लास्टिंग और विस्फोटकों में शोध किया. उन्होंने बताया कि ट्विन टावर्स में, जो उसके नियंत्रण में नहीं है वह है धूल के बादल.
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Tags: Noida news, Supertech twin towerFIRST PUBLISHED : August 25, 2022, 18:59 IST