Mahabharat:महाभारत में द्रौपदी नहीं बल्कि ये स्त्री थीं सबसे सुंदरहरण से शादी
Mahabharat:महाभारत में द्रौपदी नहीं बल्कि ये स्त्री थीं सबसे सुंदरहरण से शादी
अक्सर लोग मानते हैं कि महाभारत में सबसे ज्यादा सुंदर महिला द्रौपदी थीं तो वो गलत हैं. बेशक वह बहुत आकर्षक और सुंदर थीं लेकिन उनसे भी दैवीय सुंदरता उस दौर की एक महिला में मानी जाती थी. कौन थीं वह.
हाइलाइट्स द्रौपदी को महाभारत में सबसे सुंदर माना गया लेकिन उनसे भी अप्रतिम सुंदर कोई और था उस दौर के सारे राजा और राजकुमार उनकी सुंदरता के कायल थे इस दैवीय सौंदर्य की देवी के आकर्षण का बाण कृष्ण पर भी चला
महाभारत में आमतौर कई महिलाओं को सुंदर माना जाता है. लेकिन द्रौपदी को सबसे सुंदर कहा जाता है लेकिन उनसे भी असाधारण सुंदर एक और महिला थीं. जो उन्हें देखता था मुग्ध हो जाता था. तब के कई राजा उनसे शादी करना चाहते थे लेकिन उनकी शादी एक ऐसे शख्स से हुई, जिसने उनका अपहरण कर लिया. हालांकि वह भी उसी पुरुष से शादी करना चाहती थीं.
महाभारत में दो महिलाओं को सबसे खूबसूरत महिलाओं के रूप में माना जाता है. अग्नि से जन्मी द्रौपदी को उसकी असाधारण सुंदरता और शक्ति के लिए जाना जाता था. उन्हें देखने वाले सभी को वह मोहित करती थीं. स्वयंवर से पहले कई राजा और राजकुमार चाहते थे कि द्रौपदी उनकी पत्नी बनें लेकिन ऐसा हो नहीं सका. स्वयंवर ऊपर घूमती हुई मछली की आंख को तीर से भेदने वाले अर्जुन ने उनका वरण किया.
कृष्ण भी थे उन पर मोहित
लेकिन अगर शास्त्रों और महाभारत की मानें तो एक और महिला महाभारत के दौर में मौजूद थीं जिन्हें बेमिसाल सुंदरता के लिए जाना जाता है. भगवान कृष्ण तक उनके लिए मोहित थे. उन्हें बेतरह चाहते थे. वह थीं रुक्मिणी, जो बाद भगवान कृष्ण की पत्नी बनीं. कृष्ण ने हरण करके उनके साथ शादी की थी. वह महाभारत के दौर में सबसे सुंदर महिला मानी जाती थीं. तब से राजा और राजकुमार चाहते थे वह उनकी रानी बनें. (image hgenerated by leonardo ai)
उनकी सुंदरता ने राजाओं पर भी किया जादू
रुक्मिणी को धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. विभिन्न ग्रंथों में रुक्मिणी की सुंदरता की तुलना अक्सर दिव्य प्राणियों से की जाती है. उनकी चमक और आकर्षण ने कई लोगों को मोहित किया, जिनमें शक्तिशाली राजा भी शामिल थे, जिन्होंने उनसे विवाह करने के लिए हाथ मांगा.
उनका भाई जबरदस्त कहीं कराना चाहता था शादी
रुक्मिणी को विवाह से पहले से कृष्ण से प्यार था. उन्होंने तय कर लिया था कि वह अगर शादी करेंगी तो कृष्ण से ही करेंगी. हालांकि उनका भाई रुक्मी कई और करना चाहता था. तब उन्होंने कृष्ण को संदेश भेजा था कि वह कहीं और होने वाले उनके विवाह को रुकवाएं और हरण करके उनका वरण करें. जब कृष्ण ने बहुत तेजी से साथ रुक्मिणी देवी को अपने रथ पर बिठाकर हरण किया और फिर उनका रथ तेजी से द्वारका की ओर चल पड़ा. (wiki commons)
रावण भी देखकर मंत्रमुग्ध हो गया
रुक्मिणी की सुंदरता इतनी अगाध थी कि लंका का राजा रावण, जिसके पास अनेक अप्सराएं थीं, वह उन्हें देखकर मंत्रमुग्ध हो गया था. यह उसकी सुंदरता के बेमिसालता को दिखाता है. उन्हें महाभारत की सबसे सुंदर महिला माना गया.
किस देश की राजकुमारी थीं वह
वह विदर्भ के राजा भीष्मक की बेटी थीं. राजा के पांच बेटे थे. रुक्मिणी के पास जो लोग आते-जाते थे, वे श्रीकृष्ण की प्रशंसा किया करते थे. कहा करते थे, श्रीकृष्ण अलौकिक पुरुष हैं.दुनिया में उनके जैसा कोई पुरुष नहीं.
उन्होंने सोच लिया कि उनका पति कौन होगा
तब रुक्मिणि ने मन ही मन तय कर लिया कि वह श्रीकृष्ण को छोड़कर किसी को भी पति रूप में वरण नहीं करेगी. वहीं कृष्ण तक उनके सुंदरता और गुणों की जानकारी पहुंच चुकी थी. हालांकि राजा भीष्मक का बड़ा बेटा रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था. वह बहन रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से करना चाहता था, क्योंकि शिशुपाल भी श्रीकृष्ण से द्वेष रखता था. भीष्मक ने अपने बड़े बेटे की इच्छानुसार रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से करने का फैसला किया. शादी का दिन तय हो गया.
तब कृष्ण से हरण का अनुरोध किया
जब रुक्मिणी को इसका पता लगा तो वह बहुत दुखी हुईं. उन्होंने श्रीकृष्ण के पास जो संदेश भेजा, मैने आपको ही पति के रूप में वरण किया है. आपको छोड़कर किसी पुरुष के साथ विवाह नहीं कर सकती. मेरे पिता मेरी इच्छा के खिलाफ शिशुपाल के साथ करना चाहते हैं. शादी का तारीख भी पक्की हो चुकी है. मैं चाहती हूं कि जब मैं मंदिर पहुंचु तो वहां आकर पत्नी रूप में मुझे स्वीकार करें और साथ ले जाएं. अगर ऐसा नहीं हुआ अपने प्राण दे दूंगी.
तब श्रीकृष्ण रथ पर सवार होकर तेजी से वहां पहुंचे. दूसरी ओर शिशुपाल बहुत बड़ी बारात लेकर विदर्भ की राजधानी कुण्डिनपुर जा पहुंचा. इस बारात में सभी वो राजा थे, जो कृष्ण से शत्रुता रखते थे.
वो इस सुंदर स्त्री के शादी का दिन था…
शहर शादी के लिए सज चुका था. मंगल गीत गाए जा रहे थे. पूरे नगर में बड़ी चहल-पहल थी. जब शादी के रिवाज के लिए रुक्मिणी सजधजकर गिरिजा मंदिर पहुंची तो कृष्ण का रथ मंदिर के सामने खड़ा था. कृष्ण ने उनका तेजी से हाथ पकड़ा और उन्हें रथ पर बिठाकर तेजी से द्वारका की ओर चल पड़े.
फिर कृष्ण से हुई भयंकर लड़ाई
रुक्मी यह सुनकर क्रोध से कांप उठा. उसने बहुत बड़ी सेना लेकर श्रीकृष्ण का पीछा किया. प्रतिज्ञा की कि वह या तो श्रीकृष्ण को बंदी बनाकर लौटेगा, या फिर कुण्डिनपुर में अपना मुंह नहीं दिखाएगा.रुक्मी और श्रीकृष्ण का घनघोर युद्ध हुआ. श्रीकृष्ण ने उसे युद्ध में हराकर अपने रथ से बांध दिया, किंतु बलराम ने उसे छुड़ा लिया. उन्होंने श्रीकृष्ण से कहा, ‘रुक्मी अब अपना संबंधी हो गया है. किसी संबंधी को इस तरह का दंड देना उचित नहीं है.’
भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी को द्वारका ले जाकर उनके साथ विधिवत विवाह किया. प्रद्युम्न उन्हीं के गर्भ से उत्पन्न हुए थे, जो कामदेव के अवतार थे.
Tags: Beauty Tips, Mahabharat, South Indian BeautyFIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 13:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed