फेलिक्स अस्पताल ने अनूठे ढंग से मनाया हिंदी दिवस मरीजों के पर्चों पर हिंदी में लिखीं दवाएं
फेलिक्स अस्पताल ने अनूठे ढंग से मनाया हिंदी दिवस मरीजों के पर्चों पर हिंदी में लिखीं दवाएं
हिंदी भाषा के प्रति सम्मान दर्शाते हुए फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डीके गुप्ता ने कहा कि आमतौर पर आपने देखा होगा कि डॉक्टर जो प्रिस्क्रिप्शन यानि इलाज का नुस्खा लिखते हैं वह अंग्रेजी में होता है और आम इंसान के कम ही समझ में आता है लेकिन हिंदी दिवस के मौके पर अस्पताल के डॉक्टरों ने सुंदर अक्षरों में मरीजों के लिए हिंदी में इलाज का तरीका बताया.
नई दिल्ली. हाल ही में नोएडा में सुपरटेक की ट्विन टॉवरों के ढहाए जाने के दौरान मेडिकल सेवाएं देने वाले फेलिक्स अस्पताल ने अनूठे ढंग से हिंदी दिवस मनाया. आमतौर पर डॉक्टरों के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली अंग्रेजी भाषा के विपरीत इस अस्पताल ने सभी मरीजों को हिंदी भाषा में बीमारी का नुस्खा या इलाज लिखकर दिया. जिसे देखकर मरीज भी चौंक गए. साथ ही इस ढंग से मनाए जाने वाले हिंदी दिवस पर काफी खुश भी हुए.
हिंदी भाषा के प्रति सम्मान दर्शाते हुए फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डीके गुप्ता ने कहा कि आमतौर पर आपने देखा होगा कि डॉक्टर जो प्रिस्क्रिप्शन यानि इलाज का नुस्खा लिखते हैं वह अंग्रेजी में होता है और आम इंसान के कम ही समझ में आता है लेकिन हिंदी दिवस के मौके पर अस्पताल के डॉक्टरों ने सुंदर अक्षरों में मरीजों के लिए हिंदी में इलाज का तरीका बताया. हिंदी में उपचार के लिए लिखी गई इस पर्ची में दवा का नाम भी हिंदी में ही लिखा गया था. दवा कैसे खानी है और कब खानी है, इसकी जानकारी भी हिंदी में दी गई थी. हिंदी दिवस को खास बनाने के लिए ऐसा किया गया ताकि लोगों के बीच मिसाल पेश की जा सके. जब हिंदी में नाम, उम्र और दवाएं (प्रिस्क्रिप्शन) लिखीं तो नए मरीज देखकर थोड़ा हैरान जरूर हुए लेकिन बाद में उन्हें बताया गया कि हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी में ही प्रिस्क्रिप्शन लिखा जा रहा है.
वहीं डॉ शीतल ने बताया कि हिंदी महज भारत की नहीं दुनिया की प्रमुख भाषाओं से एक है. हिंदी भारत की पहचान भी है और सम्मान भी. हमें हिंदी बोलने पर गर्व होना चाहिए. हिंदी भारत और दुनिया के अन्य देशों में बसे भारतीयों को एक दूसरे से जोड़ने का काम करती है. भारत में 22 भाषाएं और उनकी 72507 लिपि हैं. एक ही देश में इतनी सारी भाषाओं और विविधताओं के बीच हिंदी एक ऐसी भाषा है, जो हिंदुस्तान को जोड़ती है. देश के हर राज्य में बसे जनमानस को हिंदी के महत्व के बारे में समझाने और इसके प्रसार प्रचार के लिए भारत हिंदी दिवस मनाता है.
भारत में अंग्रेजी के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के उद्देश्य से हिंदी दिवस को मनाने की शुरुआत हुई. महात्मा गांधी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था. हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है लेकिन इसे भारत की राजभाषा जरूर माना गया है. हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी का उपयोग होता है. भारत में हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत देश की आजादी के बाद हुई. 1946 को 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था. फिर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने 14 सितंबर के दिन को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया हालांकि आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था.
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Tags: Hindi Diwas, HospitalFIRST PUBLISHED : September 14, 2022, 15:36 IST