शिवपाल यादव की सभा में रोते हुए बोलीं SP प्रत्याशी अब मेरे पति को
यूपी की सीसामऊ सीट से एसपी प्रत्याशी नसीम सोलंकी अपने पति इरफान सोलंकी को याद कर फफक-फफक कर रोने लगीं. इस दौरान मंच पर अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव भी मौजूद थे. नसीम का रोते हुए यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
शिवपाल ने हौसला बढ़ाया
सोमवार को भी सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की सभा में नसीम सोलंकी वोट मांगते-मांगते रोने लगीं. इसके बाद शिवपाल यादव ने माइक थाम लिया और शिवपाल यादव ने न केवल नसीम में जोश भरा बल्कि कार्यकर्ताओं को भी कहा कि 20 नवंबर को मुस्तैदी से रहना और नसीम सोलंकी के पक्ष में वोट करवाना.
क्यों लड़ रही हैं नसीम सोलंकी चुनाव?
नसीम सोलंकी कुछ दिन पहले भी चर्चा में आ गई थीं, जब वह शिव मंदिर चली गईं और वहां जाकर शिवलिंग की पूजा की. हिंदू पक्ष ने जहां नसीम सोलंकी की मंदिर में जाने का ऐतराज किया तो वहीं, मुस्लिम समुदाय के उलेमाओं ने भी नसीम सोलंकी को फतवा जारी करने लगे. सोलंकी के मंदिर में जाने पर हिंदू समुदाय के लोगों ने हरिद्वार से एक हजार लीटर गंगाजल मंगाकर पूरे मंदिर और शिवलिंग को धोया था.
मंदिर में जाने पर जारी हो चुका है फतवा
हालांकि, इस विवाद पर नसीम सोलंकी ने तब कहा था कि मैं हर धर्म का सम्मान करती हूं. मुझे हर धर्म के लोग चुनकर विधानसभा भेजते हैं. यह विवाद नहीं होना चाहिए. मैं उस रास्ते से गुजर रही थीं तो मेरे कार्यकर्ताओं ने कहा कि आज दिवाली है. यहां दीप जला दें. क्योंकि मेरे परिवार में तो दो बीते दो साल से दिवाली नहीं मन रही है. क्योंकि मेरे पति जेल में हैं. हमने अपने कार्यकर्ताओं की इच्छा का सम्मान करते हुए जल और दीप जलाया.’
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इऱफान सोलंकी की क्यों गई थी सदस्यता?
आपको बता दें कि इरफान सोलंकी और उनके भाई पर आरोप है कि उन्होंने कानपुर में एक महिला का घर जलाने की साजिश रची थी. इस मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने दोनों को 7 साल की सजा सुनाई थी. इसके खिलाफ सोलंकी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत और सजा पर रोक लगाने की अपील की थी. वहीं, यूपी सरकार ने कोर्ट से आग्रह किया था कि इरफान सोलंकी और उनके भाई की सजा 7 साल से बढ़ाकर उम्रकैद कर दिया जाए.
अभी दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले में बहस पूरी हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिनों के अंदर इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस मामले को प्राथमिकता पर सुनने को कहा था. अब इस पर फैसला आना है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर इरफान के पक्ष में फैसला आता है तो क्या उनकी विधायकी बहाल होगी?
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