उत्तर प्रदेश: CM योगी के आदेश के बाद प्रयागराज में सामने आया शत्रु संपत्ति का बड़ा मामला
उत्तर प्रदेश: CM योगी के आदेश के बाद प्रयागराज में सामने आया शत्रु संपत्ति का बड़ा मामला
UP News: प्रयागराज के सोरांव तहसील में शत्रु संपत्ति पर कब्जे का सनसनीखेज मामला सामने आया है. सोरांव तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के मौके पर तहसील के एक कर्मचारी और एक अधिवक्ता ने कमिश्नर प्रयागराज से इस बात की शिकायत की है.
हाइलाइट्सप्रयागराज के सोरांव तहसील में शत्रु संपत्ति पर कब्जे का मामला.सोरांव में 35 बीघा शत्रु संपत्ति को अवैध रूप से बेचा जा रहा है. सीएम योगी के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने करवाई जांच.
प्रयागराज. संगम नगरी प्रयागराज के सोरांव तहसील में शत्रु संपत्ति पर कब्जे का सनसनीखेज मामला सामने आया है. सोरांव तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के मौके पर तहसील के एक कर्मचारी और एक अधिवक्ता ने कमिश्नर प्रयागराज से इस बात की शिकायत की है. उन्होंने मौखिक शिकायत में कहा है कि सोरांव तहसील में 35 बीघे शत्रु संपत्ति को बेचा जा रहा है. शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि इस जमीन के दस्तावेज भी उनके पास मौजूद हैं.
इस शिकायत पर कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने लेखपाल से भी दस्तावेज मांगा है. कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत के मुताबिक ऐसी जानकारी मिल रही है कि मऊआइमा टाउन एरिया में शत्रु संपत्ति के दस्तावेज जला दिए गए हैं. लेकिन, 70 साल पुराने अभिलेखों के आधार पर इस मामले में कमिश्नर ने जांच कराने की बात कही है.
पहले आपको बता दें कि शत्रु संपत्ति होती क्या है. शत्रु संपत्ति वह संपत्ति है जब देश के बंटवारे के बाद जो लोग अपनी संपत्ति भारत में छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे. उसे सरकार ने बाद में शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था. इसके बाद सरकार ने 1967 में शत्रु संपत्ति अधिनियम बनाया और ऐसी जमीनों का संरक्षक प्रदेश सरकार को बना दिया गया था. लेकिन, समय के साथ बड़ी संख्या में भू माफियाओं ने शत्रु संपत्तियों पर कब्जा कर लिया.
मऊआइमा में 1983 में हुए दंगे में राजस्व के सभी दस्तावेज जला दिए गए थे. ऐसे में शत्रु संपत्ति के दस्तावेज भी नहीं बचे. आरोप है कि तत्कालीन राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से लगभग 35 बीघा जमीन जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. दबंग माफियाओं ने अपने नाम दर्ज करा ली है. पिछले दिनों शत्रु संपत्ति पर जब सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान आया तब डीएम संजय कुमार खत्री ने लेखपालों को इसकी जानकारी जुटाने के लिए कहा था.
मऊआइमा टाउन एरिया में दस्तावेज जलने के कारण फसली वर्ष 1359 के आधार पर जमीन का मिलान शुरू किया गया. इलाके के कुछ बुजुर्ग लोगों से बातचीत की गई तो पता चला कि करीब 35 बीघा जमीन भू माफियाओं ने कब्जा कर ली है. इस पूरे मामले में एक खास गिरोह का नाम सामने आ रहा है जो जमीन से नाम हटवाने के लिए लोगों पर दबाव बना रहा है.
सूत्रों की मानें तो जिले की 8 तहसीलों में लगभग 500 बीघा से अधिक जमीन पर कब्जा किया जा चुका है. जिस पर अतिक्रमण हटाया जाना है. कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत ने शिकायतकर्ता से लिखित शिकायत मांगी है. उन्होंने कहा है कि लिखित शिकायत आने के बाद इस प्रकरण में जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
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Tags: CM Yogi Adityanath, Prayagraj News, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : November 11, 2022, 17:02 IST