Madarsa Survey: अलीगढ़ के मदरसों ने किया सर्वे का स्‍वागत कहा- कुरान के साथ हिंदी-साइंस भी जरूरी

Madarsa Survey:यूपी की योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का निर्देश दिया है. इस सर्वे का अलीगढ़ के मदरसों ने स्‍वागत किया है. जानें अलीगढ़ के सिविल लाइन क्षेत्र के मदरसा फैजान ए मुस्तफा के टीचरों और छात्रों ने क्‍या कहा?

Madarsa Survey: अलीगढ़ के मदरसों ने किया सर्वे का स्‍वागत कहा- कुरान के साथ हिंदी-साइंस भी जरूरी
रिपोर्ट – वसीम अहमद अलीगढ़. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में सर्वे करने का निर्देश दिया है, ताकि मदरसों का पूरा रिकॉर्ड सरकार के पास हो. साथ ही ये भी पता रहे कि किस मदरसे में कितने बच्चे हैं और क्या तालीम दी जा रही है. इसके साथ ही यह भी जानकारी रहे कि आने वाले समय में उनको और क्या सहूलियत दी जा सकती हैं. यूपी सरकार के इस फैसले को लेकर NEWS 18 LOCAL की टीम अलीगढ़ के सिविल लाइन क्षेत्र के मदरसा फैजान ए मुस्तफा पहुंची. दरअसल इस मदरसे में सरकार की ओर से कोई अनुदान राशि नहीं दी जाती है. हालांकि यहां एक कंप्यूटर सेंटर है जिसके लिए कुछ पैसा सरकार देती है. बाकी पूरा खर्च आस-पास के लोगों या समाज सेवियों के सहयोग से होता है. इस मदरसे में कुरान और हदीस की शिक्षा दी जाती है. इस मदरसे में 6 टीचर हैं. कहने को तो यह मदरसा अरेबिक एंड पर्शियन एजुकेशन उत्तर प्रदेश से रेकॉग्नाइज्ड है, लेकिन सरकार से कोई अनुदान नहीं मिलता. मदरसों का विकास भी जरूरी सरकार द्वारा जारी सर्वे के निर्देश को मदरसा के छात्र और शिक्षक सही बताते हुए कहते हैं कि मदरसे में कुरान और हदीस की शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी होनी चाहिए. आज के युग में उस शिक्षा की बहुत आवश्यकता है. वहीं, एक शिक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे यहां करीब 50 बच्चे हैं. जबकि टीचरों की संख्या सिर्फ 6 है. यहां सिर्फ और सिर्फ दीनी पढ़ाई जाती है. आगे के लिए कोशिश हमारी जारी है कि कुछ फंड अगर मिल जाए तो कुछ अन्य टीचरों को रखकर पढ़ाया जाए. सरकार की तरफ से हमें कोई ऐड नहीं मिलती है. खर्चा हम आसपास के मोहल्ले के लोग जो मदद कर देते हैं और कोई कमाई नहीं है. जरूरत पड़ती है तो कहते भी हैं तो आसपास के लोग उपलब्ध करा देते हैं. इसके साथ ही टीचरों का कहना है कि हम लोग आधुनिक शिक्षा के लिए काफी दिनों से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारे पास उतना फंड नहीं है. अगर हमारे पास फंड इकट्ठा होता है, तो हम हिंदी, अंग्रेजी और साइंस के भी विषयों को पढ़ाना शुरू कर देंगे. कुरान और आधुनिक ज्ञान दोनों चाहते हैं छात्र न्‍यूज़ 18 लोकल से बात करते छात्र सैयद मोहम्मद फैज ने कहा कि मैं यहां पर कुरान शरीफ पढ़ रहा हूं. यहां पढ़ने वाले बच्चे फीस वगैरह नहीं देते. हमारी जरूरतों को बस्ती वाले और आसपास के लोग पूरा करते हैं. ऐसे में हम लोग भी चाहते हैं कि हमें भी सरकारी की तरफ से कोई सहायता मिले, ताकि हम बदलते वक्त के साथ खुद को ढाल सकें.हमें भी अन्य बच्चों की तरह अन्य विषयों की जानकारी हो. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Aligarh news, Madarsa, UP GovernmentFIRST PUBLISHED : September 13, 2022, 10:34 IST