ताजमहल का नाम बदलने के लिए आगरा नगर निगम के पार्षद ने बताईं 7 वजह
ताजमहल का नाम बदलने के लिए आगरा नगर निगम के पार्षद ने बताईं 7 वजह
आगरा नगर निगम (Agra Nagar Nigam) में ताजमहल (Tajmahal) का नाम बदलने को लेकर बीजेपी पार्षद की ओर से आए प्रस्ताव पर चर्चा होना बाकी है. लेकिन इससे पहले नगर निगम आगरा (Agra) में तमाम जगह के नाम बदलने का प्रस्ताव पास कर चुका है. इसमे घटिया आजम खान का नाम अशोक सिंघल रोड, मुगल रोड (Mughal Road) कमला नगर का नाम महाराजा अग्रसेन रोड, धूलियागंज का नाम वीर सावरकर (Veer Savarkar) के नाम पर रखा गया है. बुधवार को हंगामे के चलते प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी थी.
आगरा. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) और संस्कृति मंत्रालय ताजमहल (Tajmahal) से जुड़े जिस मुद्दे पर क्लीन चिट दे चुके हैं, उसी के नाम पर बार-बार सुर्खियां बटोरी जा रही हैं. अब ताजमहल का नाम बदलने के लिए आगरा नगर निगम (Agra Nagar Nigam) में प्रस्ताव लाया गया है. प्रस्ताव लाने वाले बीजेपी (BJP) पार्षद ने नाम बदलने की 7 वजह बताई हैं. पार्षद का कहना है कि यमुना नदी (Yamuna River) के किनारे बनी सभी इमारतों की जांच होनी चाहिए. यह हिन्दू मंदिर (Hindu Temple) हैं. नदी के किनारे मंदिर ही बनते हैं मकबरे नहीं. हालांकि बुधवार को हंगामे के चलते नगर निगम में प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी. जल्द ही सदन बुलाकर प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी.
“7 निशानियां साबित करती हैं ताजमहल तेजोमहल है”
आगरा नगर निगम से बीजेपी पार्षद शोभाराम राठौर ने आगरा नगर निगम में ताजमहल का नाम बदलने के लिए प्रस्ताव लगाया है. उनका कहना है कि ताजमहल का नाम तेजोमहल किया जाए. ऐसा करने के लिए उनके पास 7 ठोस वजह हैं. उन्होंने न्यूज18 हिंदी से मोबाइल पर बात करते हुए उन 7 वजहों का जिक्र भी किया. उनका कहना है, “ताजमहल के उन बंद कमरों को नहीं खोला जा रहा है जहां मंदिर होने की निशानियां कैद हैं. दूसरी ओर ताजमहल में बनी त्रिशूल, कमल के फूल, नाग-नागिन, अशोक के पेड़ का पत्ता, कलश की आकृति और ताजमहल का यमुना नदी के किनारे बना होना यह साबित करता है कि यह एक मंदिर है.” पार्षद का कहना है कि इन्हीं वजहों के चलते वो निगम में प्रस्ताव लेकर आए हैं.
आगरा से दिल्ली तक नदी किनारे सभी इमारतों की हो जांच
बीजेपी पार्षद शोभाराम राठौर के इस दावे कि ताजमहल नदी किनारे बसा है इसलिए वो मंदिर है के बारे में जब आगरा से लेकर दिल्ली तक नदी किनारे बनी इमारतें का जिक्र किया गया तो उनका कहना था, नदी किनारे सिर्फ मंदिर बनाने का रिवाज था. इसलिए आगरा से लेकर दिल्ली तक यमुना नदी किनारे बनी सभी इमारतों की जांच होनी चाहिए. कमल के फूल से बादशाहों को भी प्यार था, इसीलिए धौलपुर में बाबर ने सिर्फ कमल के फूल का बाग बनवाया था, इस पर पार्षद का कहना है कि कमल का फूल लक्ष्मी जी का प्रतीक है. यह हिन्दू धर्म की निशानी है और यह मंदिरों पर बनाया जाता है.
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बीजेपी पार्षद ने एएसआई पर लगाए आरोप
बीजेपी पार्षद शोभाराम राठौर ने एएसआई, आगरा सर्किल पर आरोप लगाते हुए कहा है, “एएसआई ताजमहल के बंद कमरों को नहीं खोल रहा है. उन कमरों में मंदिर की निशानी हैं. अगर उन कमरों को खोला जाए तो हकीकत क्या है वो सबके सामने आ जाएगी. यह जगह राजा जय सिंह की थी. एएसआई और संस्कृति मंत्रालय जिन कमरों के खुला होने और वहां पर किसी भी तरह के मंदिर के अवशेष न होने की बात कह रहे हैं यह वो जगह नहीं है. उस जगह पर तो एएसआई ने ताला लगाकर रखा है.”
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Tags: Agra news, Agra taj mahal, BJP, MughalsFIRST PUBLISHED : September 01, 2022, 07:47 IST