पंजाब में AAP सरकार के बावजूद खेतों में ज्‍यादा जली पराली ये रहे आंकड़े

भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक वीके सोनी न्‍यूज18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं कि निसंदेह साल 2020 में पराली को आग लगाने की 43994 घटनाओं के मुकाबले 2022 में पराली कम जली है लेकिन 2021 की तुलना में इस बार किसानों ने खेतों में पराली को ज्‍यादा आग लगाई है जो किसी भी तरह सुधार की ओर इशारा नहीं करता.

पंजाब में AAP सरकार के बावजूद खेतों में ज्‍यादा जली पराली ये रहे आंकड़े
नई दिल्‍ली. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पहले दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पराली की समस्‍या को खत्‍म करने और दिल्‍लीवासियों को इसके धुएं से होने वाली परेशानी से निजात दिलाने का वादा किया था. इतना ही नहीं दिवाली के आसपास दिल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्‍ली के सीएम ने कई बार पंजाब में पिछली सरकारों को जिम्‍मेदार भी ठहरा चुके हैं. हालांकि दिलचस्‍प है कि अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार होने के बावजूद खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल के मुकाबले बढ़ोत्‍तरी हुई है. कंसोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रोईकोसिस्‍टम मॉनिटरिंग एंड मॉडलिंग फ्रॉम स्‍पेस, इंडियन एग्रीकल्‍चर रिसर्च इंस्‍टीट्यूट की आर से जारी आंकड़ों को देखें तो पंजाब में किसानों ने 2021 से ज्‍यादा इस साल खेतों में पराली जलाने की घटनाओं को साल अंजाम दिया है. जहां 15 सितंबर 2021 से 3 नवंबर 2021 तक पराली जलाने का आंकड़ा 20578 था, वहीं यह साल 2022 में इसी अवधि में बढ़कर 24146 हो गया है. ऐसे में इस साल, पिछले साल के मुकाबले करीब 4 हजार पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं. भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक वीके सोनी न्‍यूज18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं कि निसंदेह साल 2020 में पराली को आग लगाने की 43994 घटनाओं के मुकाबले 2022 में पराली कम जली है लेकिन 2021 की तुलना में इस बार किसानों ने खेतों में पराली को ज्‍यादा आग लगाई है जो किसी भी तरह सुधार की ओर इशारा नहीं करता. पराली का धुआं हवा के माध्‍यम से दिल्‍ली की तरफ पहुंचता है और प्रदूषण को बढ़ा देता है. वीके सोनी कहते हैं कि आईएआरआई की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 15 सितंबर से अक्‍टूबर महीने तक पराली की घटनाएं पिछले साल के मुकाबले कम थीं लेकिन नवंबर आते ही यह आंकड़ा तेजी से बढ़ गया. 2 नवंबर को सबसे ज्‍यादा 3634 पराली की घटनाएं हुईं. वहीं 3 नवंबर को भी 2666 घटनाएं हुईं. हाल ही में पंजाब सरकार ने 155 किसानों को किया था सम्‍मानित गौरतलब है कि पिछले दिनों ही पंजाब सरकार ने पंजाब में खेतों में पराली न जलाने वाले किसानों को सम्‍मानित किया था. सरकार की ओर से 155 उन किसानों को सम्‍मानित किया गया था जिन्‍होंने पिछले 5 सालों से खेतों में पराली को आग नहीं लगाई थी और वे वैकल्पिक साधनों की मदद से पराली निस्‍तारण करते आ रहे हैं. इतना ही नहीं ये वे किसान थे जो अन्‍य किसानों को भी पराली न जलाने के लिए प्रेरित करते हैं. हालांकि सबसे बड़ा सवाल यही है कि पंजाब सरकार की ओर से पराली की घटनाओं को कम करने का दावा किया जा रहा था लेकिन आईएआरआई के आंकड़े कुछ और ही कह रहे हैं. सीएम मान और अरविंद केजरीवाल ने मानी जिम्‍मेदारी शुक्रवार यानि आज ही पंजाब के सीएम भगवंत मान और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में पराली की घटनाओं को लेकर खुद को जिम्‍मेदार माना है. दोनों ने संयुक्‍त वार्ता कर कहा कि पंजाब में पराली जलाने पर दोषारोपण नहीं होना चाहिए. यह पूरे उत्तर भारत से जुड़ी समस्या है. अभी सरकार के पास सिर्फ 6 महीने का वक्‍त था लेकिन अगले साल तक इस समस्‍या से निपट लेंगे. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Arvind kejriwal, CM Bhagwant Mann, Punjab news, Stubble BurningFIRST PUBLISHED : November 04, 2022, 13:58 IST