पंजाब में नशे के सौदागर कर रहे सेना की वर्दी का इस्तेमाल खेतों में छिपाकर रखते हैं ड्रग्स
पंजाब में नशे के सौदागर कर रहे सेना की वर्दी का इस्तेमाल खेतों में छिपाकर रखते हैं ड्रग्स
आईजीपी (मुख्यालय) डॉ. सुखचैन गिल ने ड्रग्स की तस्करी करने वाले अब नए-नए तरीके अपना रहे हैं. वह इन्हें लाने ले जाने के लिए वाहनों का इस्तेमाल नहीं करते. अपने ठिकानों पर ड्रग्स नहीं रखते. पुलिस से बचने के लिए सेना की वर्दी का भी इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है.
(एस. सिंह)
चंडीगढ़: पंजाब में ड्रग्स की तस्करी के लिए नशा तस्कर अब नए-नए तरीके अपना रहे हैं. तस्करों ने जहां ड्रग्स की खेप को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए वाहनों का इस्तेमाल बंद कर दिया है, वहीं वे सेना की वर्दी का सहारा भी ले रहे हैं ताकि पुलिस उन्हें गिरफ्तार न कर सके. आईजीपी (मुख्यालय) डॉ. सुखचैन गिल के मुताबिक, तस्कर अब घरों के अंदर ड्रग्स नहीं रखते. इसे तालाबों और खेतों में छिपाकर रखते हैं. ऐसे में पुलिस जब खेतों या तालाबों से ड्रग्स बरामद करती है तो आरोपी बचकर निकल जाते हैं.
तालाबों और खेतों में छिपाते हैं ड्रग्स
आईजीपी (मुख्यालय) डॉ. सुखचैन गिल ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए तस्कर पैदल चलकर ड्रग्स की तस्करी करना पसंद करने लगे हैं. वह तस्कर कम मात्रा में ड्रग्स बेचते हैं ताकि पकड़े जाने पर ड्रग्स की मात्रा को व्यावसायिक न माना जाए. इसके अलावा तस्कर अब ड्रग्स को अपने घरों या ठिकानों पर छिपाकर नहीं रखते. वो इन्हें ऐसी जगह रखते हैं, जहां से बरामदगी हो भी जाए तो किसी का नाम न आए.
जम्मू और हिमाचल से होती है आपूर्ति
आईजी गिल के मुताबिक, तस्करों के खुलासे से पता चला है कि ड्रग्स की आपूर्ति या तो हिमाचल प्रदेश के शन्नी-बेली गांव से या जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले से की जाती है. आईजी ने बताया कि अमरगढ़ निवासी रोहित शाही उर्फ गोल्डी को सेना की वर्दी में हेरोइन बेचते हुए पकड़ा गया था. पुलिस को उसकी कार से 50 ग्राम हेरोइन बरामद हुई. उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने हाल ही में अंतरराज्यीय अभियानों के तहत गुजरात एटीएस और महाराष्ट्र पुलिस की मदद की, जिससे 147.5 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई.
15 फीसदी आबादी नशे की चपेट में
पंजाब राज्य घरेलू सर्वेक्षण (SPHS) और PGIMER द्वारा राज्यव्यापी एनसीडी एसटीईपी सर्वेक्षण के अनुसार, पंजाब की कुल आबादी में से 15.4 प्रतिशत लोग किसी न किसी तरह का नशा करते हैं. 20 लाख से ज्यादा लोग शराब पीते हैं. करीब 15 लाख लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. इसके अलावा लगभग 1.7 लाख लोग ओपिओइड का सेवन करते हैं. इसके बाद कैनाबिनोइड्स के साथ-साथ शामक इनहेलेंट उत्तेजक का भी इस्तेमाल किया जाता है. कई तरह की फार्मा और प्रिस्क्रिप्शन दवाओं का भी बड़े पैमाने पर अवैध रूप से उपयोग किया जा रहा है.
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Tags: Drugs in punjab, PunjabFIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 11:42 IST