पंजाब के सरकारी विभागों में लगेंगे बिजली के प्रीपेड मीटर बकाया 2000 करोड़ रुपये वसूलने की है कवायद
पंजाब के सरकारी विभागों में लगेंगे बिजली के प्रीपेड मीटर बकाया 2000 करोड़ रुपये वसूलने की है कवायद
Punjab News: पंजाब के सरकारी कार्यालयों में अब प्रीपेड इलेक्ट्रिक मीटर लगाने की तैयारी है. पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड जल्द ही सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी में है. बताया गया है कि प्रीपेड मीटर को लेकर सरकार ने भी सहमति दे दी है.
हाइलाइट्सपंजाब में सरकारी कार्यालयों में बिजली विभाग लगाएगा प्रीपेड मीटरसरकारी विभागों में 2000 करोड़ से अधिक का बिल बकाया
(एस. सिंह)
चंडीगढ़: पंजाब के सरकारी विभागों द्वारा समय पर बिजली बिल का भुगतान न करने के कारण अब पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (PSPCL) जल्द ही सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाएगा. इस कदम का उद्देश्य पीएसपीसीएल के घाटे को कम करना और यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी विभाग उपलब्ध धन के अनुसार बिजली की खपत करें. बिजली क्षेत्र के विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि यह कदम पंजाब जैसे राज्य के लिए महत्वपूर्ण है, जहां सरकारी विभागों पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बकाया है. यह परियोजना घाटे को कम करने और बिजली चोरी को रोकने में मदद कर सकती है, क्योंकि सरकारी विभागों को अब महीने की शुरुआत से पहले अपना मीटर रिचार्ज करना होगा.
प्रीपेड मीटर पर सरकार सहमत
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने कहा कि पीएसपीसीएल को सभी डिफाल्टरों के परिसरों में प्राथमिकता के आधार पर प्रीपेड मीटर लगाने चाहिए, फिर चाहे वह निजी क्षेत्र हो या सरकारी क्षेत्र. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पुष्टि की है कि सरकार पहले चरण में सरकारी कार्यालयों के बाहर प्रीपेड मीटर लगाने पर सहमत हो गई है. उन्होंने कहा कि सरकार और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन पंजाब को कर्ज देने के लिए भी तैयार हो गया है.
8,000 करोड़ रुपये की होगी आवश्यकता
आपको बता दें कि इससे पहले केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 10 मार्च को प्रधान सचिव (बिजली) को लिखे अपने पत्र में कहा था कि पंजाब ने अभी तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए कोई रोडमैप तैयार नहीं किया है. फंड की कमी से जूझ रहे राज्यों को इस योजना को लागू करने के लिए 8,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी, जिसमें से केवल 15 प्रतिशत केंद्र से आएगा. पीएसपीसीएल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हालांकि सरकारी कार्यालयों से शुरुआत कर हम सही दिशा में आगे बढ़े हैं.
स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत लगभग 7,000 रुपये
PSPCL के एक अन्य अधिकारी के हवाले से दि ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साधारण मीटर की कीमत 550 रुपये से 1,500 रुपये के बीच होती है, जबकि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत 5,500 रुपये से 7,000 रुपये के बीच होती है. सरकार शुरुआत में लागत वहन करेगी, लेकिन यह पांच साल में उपभोक्ताओं से वसूल की जाएगी. अखिल भारतीय पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने कहा कि चूंकि पंजाब सरकार उद्योग, कृषि या घरेलू उपभोक्ताओं सहित अधिकांश उपभोक्ताओं को मुफ्त या सब्सिडी वाली बिजली की आपूर्ति कर रही है, इसलिए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपभोक्ताओं को पीएसपीसीएल को बचाने के लिए समय पर अपना बकाया चुकाना चाहिए.
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Tags: Bhagwant Mann, Electricity bill, Punjab newsFIRST PUBLISHED : November 28, 2022, 15:34 IST