यह सरासर गलत आरोप ECI के वकील पर क्यों भड़की CJI चंद्रचूड़ की पीठ
यह सरासर गलत आरोप ECI के वकील पर क्यों भड़की CJI चंद्रचूड़ की पीठ
Supreme Court Hearing News: चुनाव आयोग की ओर से अंतिम मतदान प्रतिशत के प्रकाशन में देरी को लेकर एक गैरसरकारी संस्था ADR की ओर से सुप्रीम में याचिका दायर की गई है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है.
नई दिल्ली. चुनाव आयोग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब वोटिंग परसेंटेज की घोषणा और उसके प्रकाशन में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने गैरसरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान चुनाव आयोग के वकील की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि आपका यह आरोप पूरी तरह से गलत है. जब भी हमें लगता है कि किसी मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए तो हम करते हैं. यह बात हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता है कि याचिका या उस मुद्दे को किसके द्वारा उठाया गया है या किसके द्वारा उसे हमारे संज्ञान में लाया गया है.
ADR की और से सीनियर लॉयर प्रशांत भूषण सीजेआई की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ के समक्ष पेश हुए थे. चुनाव आयोग (ECI) की तरफ से सीनियर एडवोकेट महिंदर सिंह पक्ष रख रहे थे. सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान चुनाव आयोग के वकील ने कहा, ‘सिर्फ इसलिए कि प्रशांत भूषण को लगता है कि किसी भी मसले को आवेदन के जरिये (कोर्ट में) लाया जा सकता है, वह भी ऐसी याचिका को लेकर जो साल 2019 से अदालत में लंबित है, तो कोर्ट को ऐसी अर्जी को संज्ञान में नहीं लेना चाहिए.’ चुनाव आयोग के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ पहले ही EVM को लेकर सभी तरह के संदेह को खत्म कर चुकी है. साथ ही प्रशांत भूषण की उस मांग को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बैलट पेपर से चुनाव कराने की बात कही गई थी.
‘आप राहुल द्रविड़ हैं’, भावुक CJI चंद्रचूड़ ने किनके लिए कहा- आप सुप्रीम कोर्ट के मिस्टर डिपेंडेबल
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने जताई आपत्ति
चुनाव आयोग के वकील महिंदर सिंह की दलील और प्रशांत भूषण को तरजीह देने के आरोप पर सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कड़ी आपत्ति जताई. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, ‘वह गलत आरोप है. यदि हमें लगता है कि किसी मुद्दे या मसले पर अदालत को ध्यान देने या हस्तक्षेप करने की जरूरत है तो हम वैसा ही करेंगे, फिर चाहे उस मुद्दे को कोर्ट के सामने किसी के भी द्वारा क्यों न लाया गया हो. यदि आवश्यकता पड़ी तो हम रातभर बैठकर भी मामले की सुनवाई करेंगे.’ बता दें कि एडीआर की याचिका पर कोर्ट के खुले रहने के निर्धारित समय के बाद देर शाम 6:10 बजे सुनवाई हुई.
समझें पूरा मामला
ADR ने चुनाव आयोग पर मतदान प्रतिशत से जुड़े आंकड़ों को काफी देरी से घोषित या प्रकाशित करने पर आपत्ति और संदेह जताया है. ADR ने आरोप लगाया कि पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को संपन्न हुआ था, जबकि उससे जुड़े आंकड़े 30 अप्रैल को घोषित किए गए. वहीं, दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को हुआ था और मतदान प्रतिशत की औपचारिक जानकारी 30 अप्रैल को दी गई. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि मतदान के तुरंत बाद शाम को घोषित वोटिंग प्रतिशत और बाद में घोषित अंतिम मतदान प्रतिशत के आंकड़े में 5 से 6 प्रतिशत का अंतर है. ADR ने मतदान के बाद 48 घंटे के अंदर अंतिम आंकड़े जारी करने की मांग की है. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से 24 मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है. चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान प्रतिशत का आंकड़ा जुटाने में काफी वक्त लगता है, जिसकी वजह से अंतिम वोटिंग प्रतिशत जारी करने में लेट होती है.
Tags: Justice DY Chandrachud, National News, Prashant bhushan, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 19, 2024, 07:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed