160 KM की रफ्तार से मेरठ पहुंचने की तैयारी इस ट्रेन को हरी झंडी का इंतजार

पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ साउथ स्टेशन से दिल्ली तक का सफर जल्दी ही मेरठ वासी नमो भारत ट्रेन से कर पाएंगे. केंद्रीय राज्यमंत्री के निरीक्षण से अब संभावनाएं हैं की मोदीनगर से आगे मेरठ साउथ तक भी नमो भारत ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा.

160 KM की रफ्तार से मेरठ पहुंचने की तैयारी इस ट्रेन को हरी झंडी का इंतजार
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: सब्जियों की खेती में मचान विधि का उपयोग काफी लाभकारी साबित हो रहा है. इस विधि से खेती करने वाले किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इससे होने वाले फायदे भी कई गुना बढ़ जाते हैं. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि मचान विधि से खेती करने से न केवल उत्पादन में वृद्धि होती है, बल्कि फसलों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है. देश के ज्यादातर हिस्सों में अब किसान आधुनिक होते जा रहे हैं. आय बढ़ाने के लिए खेती-किसानी में नई-नई विधि का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसी ही एक विधि है मचान, जिसके इस्तेमाल से हरी सब्जियों की पैदावार और गुणवत्ता बेहतर होती है. आइए जानते हैं कि फसल के लिए इस्तेमाल होने वाली मचान विधि क्या है. क्या है मचान विधि? (What is Machan Vidhi) मचान विधि में सब्जियों की बेलों को जमीन पर फैलाने के बजाय लकड़ी या बांस के मचानों पर चढ़ाया जाता है. इस विधि से सब्जियां जमीन से ऊंचाई पर रहती हैं, जिससे उन्हें पर्याप्त धूप और हवा मिलती है. इसके अलावा, इस विधि से फसलों को कीड़ों और बीमारियों से भी कम नुकसान होता है. मचान विधि से कौन-कौन सी सब्जियां उगाई जा सकती हैं? मचान विधि से उगाई जाने वाली प्रमुख सब्जियों में लौकी, करेला, तोरई, खीरा, कद्दू और तुरई शामिल हैं. इन सब्जियों की बेलें लंबी होती हैं और मचानों पर आसानी से चढ़ाई जा सकती हैं. मचान विधि के लाभ (Machan Vidhi ke Fayde) मचान विधि से खेती करने पर सब्जियों की पैदावार में 30-35% तक की वृद्धि देखी गई है. इससे किसानों को अधिक मुनाफा होता है. कम भूमि की आवश्यकता: इस विधि से खेती करने पर कम भूमि की आवश्यकता होती है/ क्योंकि बेलों को ऊंचाई पर चढ़ाने से स्थान की बचत होती है. फसल की सुरक्षा: फसल जमीन से ऊंचाई पर होने के कारण कीड़ों और बीमारियों से कम प्रभावित होती है. इससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है. सिंचाई की बचत: मचान विधि से खेती करने पर पानी की बचत होती है. क्योंकि, फसलों को सीधा जमीन से पानी लेने की आवश्यकता नहीं होती. आसान फसल प्रबंधन: इस विधि से फसल की देखभाल और कटाई भी आसान होती है. फसल को ऊंचाई पर होने के कारण किसान आसानी से निरीक्षण और रखरखाव कर सकते हैं. मचान विधि को लेकर क्या है एक्सपर्ट की राय? श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के एचओडी प्रो. अशोक कुमार सिंह का कहना है कि मचान विधि से सब्जियों की खेती करना न केवल उत्पादकता बढ़ाने का एक बेहतरीन तरीका है. बल्कि, यह किसानों के लिए आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी है. इस विधि से फसलों को पर्याप्त धूप और हवा मिलती है, जिससे उनकी वृद्धि में सुधार होता है. Tags: Agricultural Science, Agriculture, Ballia news, India agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 12:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed