कूनो पालपुर में गुस्सैल सिद्धनाथ और शांत लक्ष्मी करेंगे विदेशी मेहमानों की रखवाली जानिए कौन हैं ये

Wildlife News. श्योपुर जिले के कूनो पालपुर अभयारण्य में नामीबिया से 17 सितंबर को 5 मादा और 3 नर चीतों को लाया गया है. इन्हें उसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर देश को समर्पित किया. ये विदेशी मेहमान यहां के माहौल के लिए नये हैं इसलिए इन्हें एक महीने तक अलग बाड़े में क्वारंटीन रखा जाएगा. इनकी सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए बड़े पैमाने पर तमाम इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने चीता मित्र तैनात किए हैं. पूर्व दस्यु सरदार रमेश सिकरवार सहित इलाके के लोगों को चीता मित्र बनाया गया है. अब दो हाथियों को भी बुलाया गया है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लाए गए सिद्धनाथ और लक्ष्मी नाम के इन दोनों हाथियों को हिंसक जानवरों को काबू करने, गश्त करने और बचाव अभियान में महारथ हासिल है.

कूनो पालपुर में गुस्सैल सिद्धनाथ और शांत लक्ष्मी करेंगे विदेशी मेहमानों की रखवाली जानिए कौन हैं ये
भोपाल. नामीबिया से कूनो पालपुर राष्ट्रीय अभयारण्य लाए गए चीतों की रखवाली अब चीता मित्रों के साथ साथ यहां के हाथी भी करेंगे. चीतों की सुरक्षा के लिए 2 हाथी तैनात भी कर दिए गए हैं. इन्हें सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से बुलवाया गया है. दोनों हाथी विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं. ये चीतों की निगरानी में वन कर्मियों की मदद करेंगे. श्योपुर जिले के कूनो पालपुर अभयारण्य में नामीबिया से 17 सितंबर को 5 मादा और 3 नर चीतों को लाया गया है. इन्हें उसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर देश को समर्पित किया. ये विदेशी मेहमान यहां के माहौल के लिए नये हैं इसलिए इन्हें एक महीने तक अलग बाड़े में क्वारंटीन रखा जाएगा. इनकी सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए बड़े पैमाने पर तमाम इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने चीता मित्र तैनात किए हैं. पूर्व दस्यु सरदार रमेश सिकरवार सहित इलाके के लोगों को चीता मित्र बनाया गया है. अब दो हाथियों को भी बुलाया गया है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लाए गए सिद्धनाथ और लक्ष्मी नाम के इन दोनों हाथियों को हिंसक जानवरों को काबू करने, गश्त करने और बचाव अभियान में महारथ हासिल है. इसलिए पड़ी सुरक्षा की जरूरत… वैसे तो चीतों की सुरक्षा वन विभाग की पहली प्राथमिकता है. इसके अलावा भी डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम लगातार चीतों के व्यवहार, स्वास्थ्य सबकी मॉनिटरिंग कर रही है. वो आगे चलकर बाड़े या फिर उसके बाहर निकलेंगे. सबसे बड़ी चुनौती उन्हें शिकारियों से बचाने की है. बाहरी सुरक्षा के लिए वन विभाग ने ये दो हाथी बुलवाए हैं. इनका मकसद हिंसक जानवरों से भी चीतों  को दूर रखना है. इन सभी कामों में हाथी मददगार साबित होंगे. ये भी पढ़ें- PHOTOS : कूनो में अफ्रीकी चीतों की रक्षा करेंगे चंबल के ‘मुख‍िया जी’, जानें उनके बारे में ड‍िटेल गुस्सैल है सिद्धनाथ, शांत है लक्ष्मी सतपुड़ा से आए सिद्धनाथ और लक्ष्मी अब चीतों की रखवाली करेंगे. इन्हें हिंसक जानवरों पर काबू पाने, गश्त करने की विशेष ट्रेनिंग दी गई है. इन्हीं खूबियों की वजह से हाथियों को चीतों की सुरक्षा में तैनात किया गया है. जानकारी के अनुसार सिद्धनाथ थोड़ा ग़ुस्सैल है जबकि लक्ष्मी बहुत शांत स्वभाव की है. ये दोनों जंगल सफारी और पेट्रोलिंग में माहिर हैं. चीतों के बाड़े में घुसा बैठा है एक तेंदुआ चीतों के लिए जो बाड़ा तैयार किया गया है उनमें पहले तेंदुए आ गए थे. उन्हें भगाने के लिए भी हाथी की मदद ली गई थी. लेकिन अभी भी चीतों के लिए बनाए गए एक बड़े एक तेंदुआ ने कब्जा जमा रखा है. लाख प्रयास के बाद भी उसे बाड़े से बाहर नहीं निकाला जा सका है. ये तेंदुआ, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से मंगवाए गए नर और मादा हाथी के जोड़े के बस में भी नहीं आया. वन विभाग की टीम करीब महीने भर से हाथियों के ऊपर बैठकर तेंदुए को बाड़े से बाहर निकालने की कोशिश कर रही है. बाडे की बड़ी घास होने की वजह से भी दिक्कत आ रही है. हमलावर तेंदुए के सामने पहुंचते ही हाथी चिंघाड़ने लगते हैं. पटाखे चलाने पर भी ये हाथी बाड़े से बाहर नहीं निकल रहा है.क्वारंटीन समय पूरा होने के बाद इसी बाड़े में चीतों को शिफ्ट किया जाना है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Asiatic Cheetah, Bhopal latest news, Madhya Pradesh News UpdatesFIRST PUBLISHED : September 21, 2022, 13:22 IST