चोरी हुआ फोन आखिर जाता कहां है क्यों कभी नहीं मिल पाता जानिए एक-एक बात
चोरी हुआ फोन आखिर जाता कहां है क्यों कभी नहीं मिल पाता जानिए एक-एक बात
चोरी हुआ फोन अक्सर नहीं मिल पाता. कभी सोचा है कि इसके पीछे की वजह क्या है? यह कहां जाता है? आज हम आपको इसकी पूरी कहानी बताने वाले हैं. जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
दिल्ली-एनसीआर हो या फिर कोई और शहर, फोन छीनने की घटनाएं खूब होती हैं. सिर्फ भारत में ही नहीं, लंदन से लेकर न्यूयार्क तक पूरी दुनिया में लोग इससे परेशान हैं. चोर इन्हें बेच तो नहीं सकते, क्योंकि कई तरीके हैं, जिनसे इनके बारे में पता चल जाएगा और वे पकड़े जाएंगे. तो फिर चोरी हुआ फोन जाता कहां है? आप जानकर हैरान होंगे कि जो फोन आपके हाथ से छीना जाता है, वह चंद दिनों में चीन पहुंच जाता है. चौंकिए मत, यह सच है. पूरा मामला जानकर आप जरूर हैरान रह जाएंगे.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में इसका बड़ा कारोबार है. उनके ब्रोकर पूरी दुनिया में फैले हुए हैं. जैसे ही फोन चोरी होता है. उसे ऑफ करके रख दिया जाता है. फिर चंद घंटों में उसे ब्रोकर के पास पहुंचाया जाता है. जब ब्रोकर के पास 100 के आसपास फोन हो जाते हैं, तो उन्हें समुद्री रास्तों से चीन भेजा जाता है.
किस रास्ते पहुंचता चीन
लंदन में चोरी हुआ फोन स्वेज नहर के रास्ते चीन पहुंचता है. लंदन पुलिस ने 4000 से अधिक एप्पल आईफोन पर रिसर्च के बाद इसका खुलासा किया. खास बात, इनमें 70 फीसदी फोन ऐसे थे, जिनमें स्क्रीन लॉक लगा हुआ था. जब एप्पल को पता चला तो उन्होंने इसे नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश की. पता चला कि चोरी हुए फोन में से 80 फीसदी विदेशों में भेजे जा चुके थे. इनमें से 28% फोन अल्जीरिया में, 20 प्रतिशत चीन में, 7 प्रतिशत हांगकांग में पाए गए. 3 फीसदी फोन पाकिस्तान में भी कनेक्ट हुए.
वो शहर जहां, बिकते चोरी के फोन
चीन का शेन्जेन शहर, जो कभी हांगकांग के ठीक उत्तर में एक मछली पकड़ने वाला गांव था. आजकल यह चोरी फोन का अड्डा है. चीन इसे सिलिकॉन वैली के नाम से पुकारता है, लेकिन यह सेकेंड हैंड फोन का दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है. यहां कोई कानून नहीं.
क्या करते हैं इसका
-यहां ऐसे-ऐसे एक्सपर्ट हैं, जो फोन पहुंचते ही, पलभर में उसे अनलॉक कर देते हैं. तुरंत उसे फैक्ट्री सेटिंग्स पर ले आते हैं और सेकेंड हैंड बनाकर बेच देते हैं. अगर पूरा फोन नहीं बिक पाए, तो उसे तोड़ दिया जाता है. फिर उसके स्क्रीन, मदरबोर्ड, स्पीकर को अलग-अलग बेचा जाता है. कई बार तो इसे नए हैंडसेट में फिट करके बेच दिया जाता है.
-कई बार इसे अपराधियों को बेच दिया जाता है. वे डाटा चुराते हैं और कॉल सेंटरों को बेच देते हैं. वहां से आपके रिश्तेदारों को फोन कर परेशान किया जाता है. कई बार बैंक खातों से रकम भी चोरी हो जाती है. फोन से निकलता खजाना एक स्मार्टफोन में 0.034 ग्राम सोना, 0.34 ग्राम चांदी, 0.015 ग्राम पैलेडियम और प्लैटिनम का एक टुकड़ा हो सकता है. 25 ग्राम एल्यूमीनियम और 15 ग्राम तांबा भी इसके अंदर होता है. एक्सपर्ट इसे भी निकालकर बेचते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, एक टन पुराने आईफोन में एक टन सोने के अयस्क की तुलना में 300 गुना अधिक सोना होता है. फोन से सोना निकालना ‘अर्बन माइनिंग’ कहलाता है. फ़ोन के कई वायरिंग कनेक्शनों में सिल्वर, प्लैटिनम, पैलेडियम और कुछ सीसा हो सकता है. फोन की बैटरी में लिथियम होता है, जो एक महंगी धातु है. स्मार्टफोन का बाहरी केस एल्युमीनियम से बना होता है और इसे या तो दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है या फिर रीसाइकिल किया जा सकता है.
Tags: Ajab Gajab news, OMG News, Shocking news, Tech news hindiFIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 19:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed