ईडी का दावा- PFI ने रची थी PM मोदी पर हमले की साजिश निशाने पर थी जुलाई 2022 की पटना रैली

द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने गुरुवार को केरल से गिरफ्तार पीएफआई सदस्य शफीक पायेथ के खिलाफ अपने रिमांड नोट में सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि इस साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान, संगठन ने उन पर हमला करने के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था.

ईडी का दावा- PFI ने रची थी PM मोदी पर हमले की साजिश निशाने पर थी जुलाई 2022 की पटना  रैली
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को टारगेट करने की योजना बनाई थी और यूपी में संवेदनशील स्थानों व व्यक्तियों पर हमले शुरू करने के लिए आतंकवादी मॉड्यूल, घातक हथियारों और विस्फोटकों के संग्रह में यह विवादित संगठन शामिल था. द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने गुरुवार को केरल से गिरफ्तार पीएफआई सदस्य शफीक पायेथ के खिलाफ अपने रिमांड नोट में सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि इस साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान, संगठन ने उन पर हमला करने के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था. गौरतलब है कि अक्टूबर 2013 में पटना के गांधी मैदान में पीएम मोदी की रैली (तब वह 2014 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रचार समिति के अध्यक्ष नामित हुए थे ) में सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए थे. इंडियन मुजाहिदीन से संबंधित आतंकवादियों ने इस बमबारी को अंजाम दिया था, जो भारत में प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट के सदस्य रह चुके थे. आपको बता दें कि सिमी भी पीएफआई की तरह का ही एक संगठन हुआ करता था. ईडी ने पिछले कुछ वर्षों में इस संगठन द्वारा एकत्र किए गए 120 करोड़ रुपये का विवरण पाया है, जो ज्यादातर नकद में प्राप्त हुए थे. जांच एजेंसी के मुताबिक इस फंड का उपयोग देश भर में दंगों और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हो रहा था. ईडी ने 22 सितंबर को पीएफआई के खिलाफ देशव्यापी छापेमारी के बाद उसके 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी सहित कई एजेंसियों ने संगठन से जुड़े 100 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. ईडी ने संगठन के तीन अन्य पदाधिकारियों को दिल्ली से हिरासत में लिया- परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत. 2018 से पीएफआई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू होने के बाद से एजेंसी ने इन सभी से कई बार पूछताछ की है. ईडी ने 120 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन का पता लगाया प्रवर्तन निदेशालय ने कभी कतर में रहने वाले शफीक पायेथ पर देश में गड़बड़ी पैदा करने के लिए विदेश से पीएफआई को पैसे ट्रांसफर करने के लिए भारत में अपने एनआरआई खाते का अवैध रूप से इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. ईडी के अनुसार, पायेथ के ठिकानों पर पिछले साल एजेंसी ने छापा मारा था, तो रियल एस्टेट व्यवसायों में निवेश और पीएफआई में उन पैसों के डायवर्जन का खुलासा हुआ था. एजेंसी ने कहा, ‘पीएफआई और उससे संबंधित संस्थाओं के खातों में पिछले कुछ वर्षों में 120 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए हैं. इस फंड का एक बहुत बड़ा हिस्सा अज्ञात और संदिग्ध स्रोतों से देश के साथ-साथ विदेशों में भी खातों में जमा किया गया.’ एजेंसी ने आगे दावा किया कि इन पैसों को समय के साथ निरंतर गैरकानूनी गतिविधियों में उपयोग के लिए स्थानांतरित किया गया, जिसमें फरवरी 2020 के दिल्ली दंगे शामिल हैं. इसके अलावा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, दंगे भड़काने और आतंक फैलाने के इरादे से पीएफआई सदस्यों की हाथरस यात्रा, घातक हथियारों और विस्फोटकों का संग्रह करके एक साथ यूपी में महत्वपूर्ण और संवेदनशील स्थानों व व्यक्तियों पर हमले शुरू करने की योजना, देश की एकता, अखंडता व संप्रभुता को कमजोर करने के इरादे से एक आतंकवादी गिरोह बनाने की योजना इत्यादि शामिल हैं. ईडी ने पीएफआई पर आपराधिक साजिश और गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है, जिसमें ‘राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करने की क्षमता थी.’ जांच के दौरान पीएफआई और उसके सदस्यों के विभिन्न बैंक खातों का विश्लेषण किया गया और आरोपियों के बयान दर्ज किए गए. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Directorate of Enforcement, PFI, PM ModiFIRST PUBLISHED : September 24, 2022, 07:04 IST