संभल विवाद में कूदीं महबूबा मुफ्ती बोलीं- भारत और बांग्लादेश में कोई अंतर नही
संभल विवाद में कूदीं महबूबा मुफ्ती बोलीं- भारत और बांग्लादेश में कोई अंतर नही
Sambhal Row: संभल में हुए विवाद के बारे में पीडीपी की चीफ महबूबा मुफ्ती ने एक बयान दिया है. इसमें कहा गया है कि भारत और बांग्लादेश के हालातों के बारे में कोई खास अंतर नहीं है. क्योंकि दोनों जगहों पर अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं.
श्रीनगर. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए मस्जिद सर्वेक्षण को लेकर हुए विवाद की तुलना बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों से की. मुफ्ती ने संभल मस्जिद सर्वेक्षण के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. पीडीपी प्रमुख ने आगे कहा कि ‘आज मुझे डर है कि 1947 के समय जो स्थिति थी, हमें उसी दिशा में ले जाया जा रहा है. जब युवा नौकरी की बात करते हैं, तो उन्हें नौकरी नहीं मिलती. हमारे पास अच्छे अस्पताल, शिक्षा नहीं है…वे सड़कों की हालत नहीं सुधार रहे हैं, बल्कि मंदिर की तलाश में मस्जिद को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं.’
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि ‘संभल की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. कुछ लोग दुकानों में काम कर रहे थे और उन्हें गोली मार दी गई.’ मुफ्ती ने कहा कि ‘बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं. अगर भारत में भी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होंगे, तो भारत और बांग्लादेश में क्या अंतर है?… मुझे भारत और बांग्लादेश में कोई अंतर नहीं लगता.’ मुफ्ती ने अजमेर शरीफ दरगाह के बारे में किए जा रहे दावे के बारे में आगे कहा कि अजमेर शरीफ दरगाह जहां सभी धर्मों के लोग प्रार्थना करते हैं, वह भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल है. अब वे मंदिर की खोज के लिए उसमें खुदाई करने की कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 24 नवंबर को संभल में मुगलकालीन मस्जिद की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा जांच के दौरान अराजकता हुई. इसके कारण पथराव और हिंसा हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई, जबकि अधिकारियों सहित कई अन्य घायल हो गए. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति द्वारा दायर मामले पर भी सुनवाई करेगा. इन झड़पों के कारण बड़े पैमाने पर अशांति फैली.
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मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए स्थानीय अदालत के 19 नवंबर के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. बताया जा रहा है कि पीड़ित दोनों पक्षों से थे, जिससे विवाद की उग्र प्रकृति का पता चलता है. झड़पों में पत्थरबाजी, आगजनी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ टकराव शामिल था. जिसके कारण अधिकारियों को पूरे इलाके में निषेधाज्ञा लागू करनी पड़ी.
Tags: AJMER SHARIF, Mehbooba mufti, Sambhal, Sambhal NewsFIRST PUBLISHED : December 1, 2024, 21:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed