नालंदा विश्वविद्यालय में किन-किन कोर्सेज की होती है पढ़ाई कैसे मिलेगा दाखिला
नालंदा विश्वविद्यालय में किन-किन कोर्सेज की होती है पढ़ाई कैसे मिलेगा दाखिला
Nalanda University Admission: नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के राजगीर में किया है. इस विश्वविद्यालय में कई कोर्सेज की पढ़ाई की जाती है. अगर आप भी यहां से पढ़ाई करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए इन बातों को ध्यान से पढ़ें.
Nalanda University Admission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया है. यह भारत में शिक्षा के लिए एक ऐतिहासिक दिन चिह्नित किया गया है. अपनी शैक्षणिक विरासत के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध विश्वविद्यालय उत्कृष्टता और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए फिर से खुल गया है. अब यहां कई कोर्सेज की पढ़ाई की जा रही है. अगर आप भी यहां से पढ़ाई करना चाहते हैं, तो कैसे यहां एडमिशन मिलता है, कौन-कौन से कोर्सेज की पढ़ाई होती है, इन तमाम बातों के बारे में आप नीचे विस्तार से पढ़ सकते हैं.
नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में
गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम द्वारा 450 ई. के आसपास स्थापित नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत में शिक्षा का एक केंद्र था. बिहार के हृदय में स्थित यह संस्थान न केवल एक विश्वविद्यालय था, बल्कि शिक्षा का एक स्मारक केंद्र था, जो दुनिया भर के विद्वानों को आकर्षित करता था. समय के साथ इसे हर्षवर्धन और पाल राजाओं जैसे प्रमुख शासकों का संरक्षण प्राप्त हुआ, जिसने इसे सदियों तक फलने-फूलने दिया. पटना से लगभग 90 किलोमीटर और बिहार शरीफ से लगभग 12 किलोमीटर दक्षिण में स्थित इस विश्व प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय के खंडहर आज भी मौजूद हैं. तक्षशिला के बाद दुनिया का दूसरा सबसे पुराना विश्वविद्यालय माना जाने वाला यह विश्वविद्यालय आवासीय परिसर के रूप में कार्य करता था और 800 वर्षों तक अस्तित्व में रहा.
नालंदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ स्टडीज
नालंदा विश्वविद्यालय में वर्तमान में 6 स्कूल ऑफ स्टडीज है. इसके बारे में नीचे विस्तार से देख सकते हैं.
स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट स्टडीज
स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज
स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कंपेरेटिव स्टडीज
स्कूल ऑफ लैंग्वेज एंड लिटरेचर/ह्यूमैनिटीज
स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन एंड पीस स्टडीज
बिजनेस मैनेजमेंट इन रिलेशन टू पब्लिक पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज
नालंदा विश्वविद्यालय: प्रस्तावित पाठ्यक्रम
नालंदा विश्वविद्यालय विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम सहित कई कार्यक्रम प्रदान करता है:
नालंदा विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज
एमए इन बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कंपेरेटिव स्टडीज
एमए इन हिंदू स्टडीज (सनातन)
एमए इन हिस्टोरिकल स्टडीज
एमए इन वर्ल्ड लिटरेचर
एमए इन इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट स्टडीज
एमए इन सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट
नालंदा विश्वविद्यालय में पी.एच.डी. कोर्सेज
पी.एच.डी इन बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कंपेरेटिव स्टडीज
पी.एच.डी इन इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट स्टडीज
पी.एच.डी इन हिस्टोरिकल स्टडीज
नालंदा विश्वविद्यालय में एडमिशन पाने की योग्यता
नालंदा विश्वविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्रामों के लिए उम्मीदवारों को संबंधित भाषा या किसी भी विषय में न्यूनतम तीन साल की ग्रेजुएट डिग्री (10+2+3) की आवश्यकता होती है. साथ ही कम से कम 55% अंकों के साथ कक्षा 12वीं पास होना चाहिए.
पीएचडी कोर्सेज- उम्मीदवारों को संबंधित स्ट्रीम में कम से कम 65% अंकों के साथ पास होना चाहिए.
नालंदा विश्वविद्यालय में कितनी लगती है फीस
नालंदा विश्वविद्यालय में एडमिशन प्रोसेस
नालंदा विश्वविद्यालय में एडमिशन या तो योग्यता के आधार पर होता है या प्रोग्राम के आधार पर MAT, XAT, CAT जैसी प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से होता है. उम्मीदवार जो भी यहां एडमिशन पाना चाहते हैं, वे विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
नालंदा विश्वविद्यालय का नया कैंपस
नालंदा विश्वविद्यालय का नया कैंपस 100 एकड़ में फैला हुआ है. इसमें प्राचीन वास्तु सिद्धांतों के साथ पर्यावरण के अनुकूल वास्तुकला का संयोजन किया गया है. 40 कक्षाओं वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक जिनमें लगभग 1,900 छात्र बैठ सकते हैं. दो प्रशासनिक ब्लॉक और 300 से अधिक छात्रों के बैठने की क्षमता वाले दो सभागार हैं. 550 छात्रों के लिए छात्रावास और 197 शैक्षणिक आवास इकाइयां भी मौजूद है. स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, मेडिकल सेंटर, कॉमर्शियल सेंटर और फैकल्टी क्लब जैसी सुविधाएं हैं.
नालंदा विश्वविद्यालय को मिलने वाला अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
नालंदा विश्वविद्यालय निम्नलिखित वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग करता है:
नालंदा-श्रीविजय केंद्र, दक्षिण पूर्व एशियाई अध्ययन संस्थान (सिंगापुर)
पेकिंग विश्वविद्यालय (चीन)
बिहार हेरिटेज डेवलपमेंट सोसाइटी (भारत)
मैक्स वेबर सेंटर फॉर एडवांस्ड कल्चरल एंड सोशल स्टडीज, यूनिवर्सिटी ऑफ एरफर्ट (जर्मनी)
बोरलॉग इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशिया (भारत)
डीकिन विश्वविद्यालय (ऑस्ट्रेलिया)
यूनिवर्सिटास सेबेलस मारेट (इंडोनेशिया)
कनाज़ावा विश्वविद्यालय (जापान)
कोरियाई अध्ययन अकादमी (दक्षिण कोरिया)
सीएसआईआर – राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (भारत)
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Tags: Education news, Nalanda UniversityFIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 17:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed