बलिया: कहते हैं कि खुद पर भरोसा और लगातार की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती. जब यह मेहनत सफल होती है, तो दूसरों के लिए एक प्रेरणा बन जाती है. यह कहानी बलिया की एक ऐसी बेटी की है, जिसने न केवल अपने महाविद्यालय में बल्कि पूरे विश्वविद्यालय में टॉप कर इतिहास रच दिया. बिना किसी कोचिंग या ट्यूशन के सिर्फ सेल्फ स्टडी के माध्यम से आयुषी ने यह मुकाम हासिल किया.
गांव से विश्वविद्यालय तक का सफर
आयुषी कुमारी सिंह बलिया जनपद के बांसडीह रोड थाना क्षेत्र के अंतर्गत रुस्तमपुर गांव की रहने वाली हैं. उनकी पढ़ाई की शुरुआत गांव से ही हुई. आयुषी ने पहली से पांचवीं तक की पढ़ाई अपने गांव से की और फिर इंटर तक की शिक्षा सीबीएसई बोर्ड से अपने गृह जनपद में पूरी की. शुरू से ही पढ़ाई में होशियार आयुषी ने आगे चलकर बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं.
विश्वविद्यालय में टॉप कर रचा इतिहास
आयुषी ने इंटरमीडिएट के बाद बलिया के प्रख्यात श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय से बीएससी (B.Sc) की पढ़ाई की और इस साल एमएससी (M.Sc) जंतु विज्ञान से अपनी पढ़ाई पूरी की. इस दौरान उन्होंने न केवल अपने महाविद्यालय में टॉप किया. बल्कि पूरे विश्वविद्यालय में टॉप कर कुलाधिपति पुरस्कार (Chancellor’s Award) भी हासिल किया. उन्हें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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सेल्फ स्टडी कर हासिल की सफलता
आयुषी का कहना है कि उनकी सफलता का राज सेल्फ स्टडी है. उन्होंने कभी भी कोचिंग या ट्यूशन का सहारा नहीं लिया. घर के सारे काम निपटाने के बाद वह अपनी पढ़ाई में ध्यान लगाती थीं. उनका पढ़ाई का कोई निश्चित समय नहीं था, बल्कि एक लक्ष्य होता था कि आज यह पूरा करना है. किताबी ज्ञान पर उनका पूरा फोकस रहा और नियमित रूप से क्लास अटेंड करना भी उनकी सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा. उनके टीचर ने भी इस यात्रा में आगे बढ़ने में बहुत मदद की.
Tags: Ballia news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 10:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed