ओलंपियन या आम आदमी कानून सबके लिए एक तोड़े 250 घर तो समरेश जंग को छूट क्यों
ओलंपियन या आम आदमी कानून सबके लिए एक तोड़े 250 घर तो समरेश जंग को छूट क्यों
Paris Olympics 2024 Shooting Coach Samaresh Jung News: ओलंपिक मेडल विजेता मनु भाकर और सरबजोत सिंह के शूंटिंग कोच समरेश जंग देश की शान रहे हैं. लेकिन उनकी हालिया मांग को किन्हीं खास कारणों से सही नहीं ठहराया जा सकता. दरअसल दिल्ली के सिविल लाइन्स इलाके में....
समरेश जंग वाहवाही बटोर रहे हैं लेकिन परेशान हैं. मनु भाकर ने पेरिस में हो रहे ओलंपिक में दो मेडल जीते हैं, सरबजोत सिंह ने भी शूटिंग में एक पद जीता है, दोनों के कोच समरेश हैं, दोनों ने देश का नाम रोशन किया है और समरेश जंग की छाती भी गर्व से फुला दी है. भारत को दोनों बच्चों पर नाज है और पूरा सम्मान है जंग साहेब के प्रति जिन्होंने इन्हें ट्रेन्ड किया.
मगर समरेश परेशान हैं और सरकार से नाराज दिख रहे हैं. उनकी नाराजगी की वजह है वह नोटिस जो दिल्ली के लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस (LNDO) ने उन्हें भेजा है. उन्हें कहा गया है कि वह अपने घर को दो दिन में खाली कर दें. बता दें पहले ही इस इलाके में 250 घरों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है.
दिल्ली हाई कोर्ट का ऑर्डर क्या है… क्यों है.. क्या कहता है…
2006 में राष्ट्र मंडल खेलों में पांच स्वर्ण पदक, एक रजत पदक तथा एक कांस्य पदक जीत चुके, गोल्डफिंगर के नाम से जाने जाने वाले समरेश जंग दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित खैबर पास कॉलोनी में रहते हैं. इस इलाके के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 जुलाई को आदेश जारी किया था कि यह जमीन रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है. इससे पहले 1 जुलाई को ही यहां रहने वाले लोगों से कहा गया था कि वे 4 जुलाई तक घर खाली कर दें. इस आदेश को यहां के लोगों ने अदालत में चुनौती दी थी. इसके बाद अदालत ने 3 जुलाई को एक तत्काल सुनवाई की, कहा कि उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए डेमोलिशन कर दिया जाए. 9 जुलाई को जब सुनवाई हुई तब अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता भूमि पर अपने स्वामित्व का कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए हैं.
समरेश जंग ने मीडिया के समक्ष बयान किया अपना दर्द…
ऐसे में समरेश जंग को भी वह नोटिस आया है जो यहां के अन्य निवासियों और संस्थानों को आया. अपने समय के स्टार निशानेबाज नेशनल पिस्टल टीम के कोच समरेश जंग कहना है कि स्वदेश लौटने के एक घंटे बाद उन्हें पता चला कि घर खाली करना होगा. केवल 48 घंटों के नोटिस में वह कैसे घर को खाली कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास दिल्ली में कोई दूसरा घर नहीं है. उनका कहना है कि पुश्तैनी घर ‘अवैध निर्माण’ बताया जा रहा है जबकि इस घर में वह लगभग 75 साल से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं.
बुलडोजर चलाने और रोकने के बीच सवाल बस यह है कि….
250 घरों पर अवैध निर्माण होने के कारण यदि बुलडोजर चल चुका है तो उनके घर को किस आधार पर खाली न करवा जाए.. क्या उन्हें बाकी देशवासियों से इतर छूट देना, कानून के खिलाफ जाना नहीं है? एक सवाल यह भी है कि वह जब कहते हैं कि उन्हें वक्त नहीं दिया जा रहा है और कोई कैसे दो दिन में मकान ढूंढ सकता है… तब वे उस लंबी प्रक्रिया को भूल जाते हैं जिसके तहत मामले पर सुनवाई लंबे समय से चल रही थी. जो कुछ हो रहा है वह प्रक्रियागत नहीं है क्या?
अपना घर टूटने का दर्द तो वही जानता है जिस पर बीतती है… यह कम नहीं हो सकता लेकिन क्या कानून सबके लिए समान नहीं होने चाहिए? यदि समरेश जंग को छूट दी जानी संभव है तो बाकी 250 घरों के परिवारों के प्रति भी नरम रवैया अपनाया जाना चाहिए था मगर वे तो तोड़े जा चुके… और यदि यह छूट केवल समरेश जंग को मिलती है तो यह आम इंसान बनाम खास इंसान का ‘खेल’ न्यायसंगत नहीं होगा. कम से कम कानून तो इसकी इजाजत नहीं ही देता…
Tags: 2024 paris olympics, Arvind kejriwal, Illegal property demolished, Paris olympics, Paris olympics 2024FIRST PUBLISHED : August 3, 2024, 17:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed