मोक्षदा एकादशी के दिन भूलकर न करें ये काम वर्ना विष्णु भगवान होंगे नाराज!

Mokshada Ekadashi: मोक्षदा एकादशी के दिन कुछ काम करना वर्जित हैं और कुछ खास तरीके से पूजा-पाठ किया जाए तो विशेष फल की प्राप्ति होती है. जानते हैं विस्तार से.

मोक्षदा एकादशी के दिन भूलकर न करें ये काम वर्ना विष्णु भगवान होंगे नाराज!
हरिद्वार: हिंदू धर्म में सभी दिन और महीने भक्ति के लिए समर्पित बताए गए हैं. ऐसे ही हिंदू कैलेंडर का कोई मास या तिथि भी किसी देवता या भगवान को खास समर्पित माना जाता है. जैसे हिंदू कैलेंडर का मार्गशीर्ष मास भगवान विष्णु को समर्पित मास बताया गया है. इस मास में अगर भगवान विष्णु के निमित्त पूजा पाठ, हवन, मंत्र उच्चारण, मंत्रों का जाप, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, व्रत आदि किया जाए तो विशेष फलों की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति के लिए बहुत से पर्व आते हैं लेकिन मार्गशीर्ष मास में बेहद ही आसान उपाय से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में कुल 24 एकादशी तिथि का आगमन होता है. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के अंश से महाशक्ति देवी एकादशी का जन्म हुआ था तो वहीं अगले पक्ष शुक्ल पक्ष में मोक्षदा एकादशी को मोक्ष की प्राप्ति केवल व्रत करने से मिलने की धार्मिक मान्यता है. मोक्षदा एकादशी पर किस गलती से भगवान विष्णु नाराज होते हैं मोक्षदा एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए इसकी जानकारी लोकल 18 को देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि मोक्ष प्राप्ति के लिए मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का व्रत विधि विधान से करने पर विशेष फल प्राप्त होता है. मार्गशीर्ष मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है. एकादशी का व्रत विधि विधान से करने पर ही मोक्ष की प्राप्ति होती है. वे आगे बताते हैं कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करके एकादशी के व्रत का संकल्प करें और एकादशी का पाठ करने के बाद भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप, हवन आदि करना चाहिए. एकादशी के व्रत का पारायण अगले दिन किया जाता है जिसमें एकादशी व्रत की महिमा का पाठ करने के बाद भगवान विष्णु के मंत्रो का जाप करके प्रसाद वितरण करना चाहिए. व्रत में वर्जित होती हैं ये चीजें पंडित जी आगे बताते हैं कि एकादशी का व्रत करने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है. दशमी तिथि से ही प्याज, लहसुन और मांसाहारी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए. दशमी तिथि से इन वस्तुओं को पूर्ण रूप से बंद कर देना चाहिए साथ ही व्रत के दौरान चावल या चावल से बनी कोई भी सामग्री ग्रहण नहीं करनी चाहिए. अगर इन वस्तुओं का सेवन आपके द्वारा व्रत के दौरान किया गया है तो आपके जीवन में अनेकों प्रकार के दुख, संकट आ जाएंगे और भगवान विष्णु आपसे नाराज हो जाएंगे. Tags: Dharma Aastha, Haridwar news, Local18, UttrakhandFIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 17:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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