नोएडा ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट की जांच करेगी 5 सदस्यीय टीम हो सकता बड़ा एक्शन

UP News: PAC ने अपनी सुनवाई में यह भी कहा कि नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डरों से बकाया राशि की वसूली में भी ढिलाई बरती, जिसके कारण प्रॉजेक्ट्स पूरे नहीं हो पाए. अब तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका और उनकी जवाबदेही की भी जांच होगी. स्पोर्ट्स सिटी के प्लॉट नंबर-2 से संबंधित आपत्तियों पर भी PAC ने निर्णय लिया है, जिसमें बिल्डर से बकाया राशि वसूलकर खेल सुविधाओं का विकास करने का निर्देश दिया गया है.

नोएडा ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट की जांच करेगी 5 सदस्यीय टीम हो सकता बड़ा एक्शन
सुमित राजपूत /नोएडा: नोएडा अथॉरिटी द्वारा आवंटित सभी ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स की जांच अब एक 5 सदस्यीय समिति करेगी, जिसे शासन द्वारा गठित किया गया है. यह फैसला गुरुवार को लखनऊ में लोक लेखा समिति (PAC) की एक सुनवाई के दौरान लिया गया, जहां भारतीय महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा नोएडा अथॉरिटी के ग्रुप हाउसिंग प्लॉट आवंटन में उठाई गई आपत्तियों पर विचार किया गया. समिति ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी ने अयोग्य बिल्डरों को प्लॉट आवंटित किए और उनके वित्तीय हालात की जांच किए बिना आवंटन किया. इसके चलते कई प्रॉजेक्ट अधूरे रह गए, जिससे हजारों फ्लैट खरीदार प्रभावित हुए हैं. PAC ने अपनी सुनवाई में यह भी कहा कि नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डरों से बकाया राशि की वसूली में भी ढिलाई बरती, जिसके कारण प्रॉजेक्ट्स पूरे नहीं हो पाए. अब तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका और उनकी जवाबदेही की भी जांच होगी. स्पोर्ट्स सिटी के प्लॉट नंबर-2 से संबंधित आपत्तियों पर भी PAC ने निर्णय लिया है, जिसमें बिल्डर से बकाया राशि वसूलकर खेल सुविधाओं का विकास करने का निर्देश दिया गया है. CAG की ऑडिट रिपोर्ट में 2005-2017 की गंभीर आपत्तियां CAG की 2005 से 2017 तक की ऑडिट रिपोर्ट में नोएडा अथॉरिटी पर 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन की आपत्तियां उठाई गई हैं. लोक लेखा समिति इन आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया कर रही है. गुरुवार को हुई छठी सुनवाई में ग्रुप हाउसिंग और स्पोर्ट्स सिटी से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई. PAC ने एक समय पर CBI जांच की सिफारिश की थी, लेकिन फिलहाल औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव की सिफारिश पर विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं. 116 ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स अधर में नोएडा में वर्तमान में 116 ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स हैं, जिनमें 1,66,878 फ्लैट स्वीकृत हैं. इनमें से 98,977 फ्लैट्स का कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी किया गया है, जबकि 62,675 फ्लैट्स की रजिस्ट्री हो चुकी है. हालांकि, अब तक केवल 47 प्रॉजेक्ट्स पूरी तरह से पूरे हो सके हैं. PAC ने बिल्डरों द्वारा सब-डिवीजन के विकल्प को समस्या की जड़ बताया, जहां बिल्डरों ने प्लॉट्स का विकास करने की बजाय उन्हें अन्य को सौंप दिया. प्रमुख प्रॉजेक्ट्स के खिलाफ शिकायतें डीएम की बैठक में कुछ प्रमुख प्रॉजेक्ट्स के खिलाफ सबसे अधिक शिकायतें आई हैं, जिनमें पारस टेरा सेक्टर 137 नोएडा, पेन ओएसिस सेक्टर 70 नोएडा, लोटस ब्लू बर्ड बिल्डर्स, महागुन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा, मिक्सिंग ग्रीन मेनशन ग्रेटर नोएडा और लॉ रेजिडेंशिया ग्रेटर नोएडा शामिल हैं. इन सभी बिल्डरों को बायर्स की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार ने नोएडा अथॉरिटी द्वारा किए गए ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स में हुई वित्तीय अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघनों को लेकर सख्त रुख अपनाया है. हजारों फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए गठित समिति जल्द अपनी जांच पूरी करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. Tags: Local18, Noida news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 12:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed