धारणा की जंग जीत गए नीतीश कुमार अपहरण केस में फंसे कार्तिक कुमार का विभाग बदला
धारणा की जंग जीत गए नीतीश कुमार अपहरण केस में फंसे कार्तिक कुमार का विभाग बदला
कार्तिक कुमार को संयोग से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने तब समर्थन दिया था जब 15 दिन पहले उन पर आरोप लगाया गया था. लालू का कहना था कि उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं.
पटना: बिहार में राजद-जदयू शासन की वापसी के साथ ताकतवर लोगों की सत्ता और अराजकता कायम होगी, इस धारणा के विपरीत नीतीश कुमार सरकार ने अपना पहला कदम उठाते हुए कार्तिक कुमार को कानून मंत्री के पद से हटा दिया है. कार्तिक कुमार को अब कमतर पद गन्ना विभाग सौंप दिया गया है. कार्तिक कुमार, लालू प्रसाद की पार्टी राजद के एमएलसी हैं. कार्तिक कुमार अपहरण से जुड़े के मामले में आरोपी हैं और उन्हें अदालत से अंतरिम राहत मिली हुई, जिसकी मियाद कल यानी एक सितंबर को पूरी हो रही है.
गौरतलब है कि 1 सितंबर को अंतरिम सुरक्षा का आखिरी दिन है और उन्हें अदालत में पेश होना पड़ सकता है. ऐसा प्रतीत होता है कि अदालत कार्तिक कुमार को लेकर कोई प्रतिकूल टिप्पणी करती है तो उससे होने वाले अपमान को लेकर नीतीश कुमार सरकार पहले से सावधान थी. वह 1 सितंबर को राज्य के कानून मंत्री के अपहरण के मामले में पेश होने से उनकी बुरी छवि के असर से बचना चाहती थी.
लालू ने कहा- आरोप बेबुनियाद
कार्तिक कुमार को संयोग से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने तब समर्थन दिया था जब 15 दिन पहले उन पर आरोप लगाया गया था. लालू का कहना था कि उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. हालांकि मुख्यमंत्री कार्तिक कुमार को हटाने के अपने फैसले पर टिके रहे, अब राजद के शमीम अहमद को नया कानून मंत्री बनाया गया है.
इससे भाजपा को कार्तिक कुमार पर हमला करने का मौका मिलेगा. कार्तिक कुमार मोकामा से राजद के पूर्व विधायक और डॉन अनंत सिंह के दाएं हाथ माने जाते हैं. अनंत सिंह को दो महीने पहले ही 10 साल की सजा सुनाई गई थी और वह पार्टी से अपना विधानसभा चुनाव हार गए थे. भाजपा इसे लेकर पहले भी आरोप लगाती रही है कि अनंत सिंह के प्रभाव में ही कार्तिक कुमार को नई सरकार में कानून मंत्री बनाया गया था.
कार्तिक और अनंत के बीच घनिष्ठ संबंध
कार्तिक कुमार को नेता बनने से पहले शिक्षक होने की वजह से मास्टर साहब के नाम से जाना जाता है. कार्तिक भी मोकामा से हैं और कुछ महीने पहले ही वह राजद द्वारा पटना से एमएलसी बनाए गए थे. कहा जाता है कि कुमार के एमएलसी बनने में अनंत सिंह ने जेल से अहम भूमिका निभाई है और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने खुद इस पद के लिए उनका नाम सुझाया था. इस महीने की शुरुआत में जब कार्तिक कुमार ने राज्य के नए कानून मंत्री की शपथ ली तो, छोटे सरकार जिंदाबाद के नारे लगाए गए, जो अनंत सिंह और कार्तिक कुमार के करीबी संबंधों का अहसास कराते हैं.
भाजपा लगातार कर रही इस्तीफे की मांग
नई सरकार में कुमार के कानून मंत्री की शपथ लेते ही भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाए हुए है. भाजपा लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है. क्योंकि उनका नाम अपहरण मामले में था और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट है. कुमार 16 अगस्त को अदालत की सुनवाई में शामिल नहीं हुए थे क्योंकि तब उन्हें मंत्री पद की शपथ लेनी थी. यह अपहरण का मामला 2014 में बिल्डर राजू सिंह का है. इससे पहले कार्तिक कुमार ने निचली अदालत में 1 सितंबर तक गिरफ्तारी से संरक्षण मांगा था और उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई को अदालत ने स्वीकार कर लिया था. कुमार का यह भी दावा है कि पुलिस अपनी जांच रिपोर्ट में उन्हें क्लीन चिट दे चुकी है.
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Tags: CM Nitish KumarFIRST PUBLISHED : August 31, 2022, 15:03 IST