60 किलो तक वजन दूध भी महंगाइस नस्ल की बकरी पालेंगे तो लाखों में इनकम
60 किलो तक वजन दूध भी महंगाइस नस्ल की बकरी पालेंगे तो लाखों में इनकम
Sangamneri Goat Farming: महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में पाई जाने वाली विशेष किस्म की संगमनेरी बकरी के पालन से लाखों में कमाई की जा सकती है. इस खास नस्ल की बकरी के दूध और मांस की अधिक मांग होने के कारण इसकी कीमत भी ज्यादा होती है.
सौरभ वर्मा/रायबरेली. बदलते समय के साथ ही लोग खेती-किसानी के साथ पशुपालन करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. कुछ लोग गाय-भैंस पालते हैं, तो कुछ बकरी पालन से अपनी आय बढ़ा रहे हैं. अगर आप किसान हैं और बकरी पालन करना चाहते हैं, तो बकरियों की एक खास नस्ल के बारे में जानना बहुत जरूर है. दरअसल हम जिस खास नस्ल की बकरी के बारे में बात कर रहे हैं, उसे संगमनेरी प्रजाति की बकरी के नाम से जाना जाता है. इसके दूध और मांस की बाजारों में खूब मांग रहती है. इसी वजह से यह किसानों को अधिक मुनाफा देती है. आइए पशु विशेषज्ञ से जानते हैं इस खास नस्ल की बकरी के बारे में.
रायबरेली के राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़ के प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत वर्मा (एमवीएससी वेटरिनरी) बताते हैं कि संगमनेरी प्रजाति की बकरी का दूध औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, इस प्रजाति का मांस (Mutton) भी खाने में बेहद स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता वाला होता है. इसी वजह से बाजारों में संगमनेरी नस्ल की बकरियों की डिमांड सबसे अधिक रहती है.
ऐसे करें इस खास नस्ल की बकरी की पहचान
डॉ. वर्मा ने लोकल18 से बातचीत के दौरान बताया कि इस खास नस्ल की बकरी की पहचान आसान है. इस नस्ल की बकरी के बाल छोटे, घने और सीधे होते हैं. कान लंबे आकार के और झुके हुए, लंबाई भी मध्यम आकार की होती है. इसका रंग सफेद व भूरा होता है, साथ ही शरीर पर भूरे-काले रंग के धब्बे होते हैं. इसकी पूंछ छोटी और पतली होने के साथ ही ऊपर की ओर उठी रहती है. वहीं थन छोटे गोल शंक्वाकार होते हैं. सींग पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं. माथे पर गुच्छा बना होने के साथ जांघ पर भी लंबे बाल होते हैं. डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि नर बकरी का वजन न्यूनतम 35 से अधिकतम 60 किलो तक होता है. वहीं मादा बकरी न्यूनतम 25 से अधिकतम 42 किलो तक की होती है. इनकी एक खासियत यह भी है कि ये 13 से 14 महीने के अंतराल पर ही प्रजनन करना शुरू कर देती हैं. इस नस्ल की अधिकतर बकरियां जुड़वा बच्चों को ही जन्म देती हैं.
इन जगहों पर होता है इनका पालन
Local 18 से बातचीत के दौरान डॉ. वर्मा बताते हैं कि संगमनेरी प्रजाति की बकरी महाराष्ट्र के पुणे, नासिक, सोलापुर और धुले जिलों में बहुतायत में पाली जाती है. वहीं पंजाब-हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा मध्य प्रदेश में भी यह पाई जाती है. चूंकि इसका दूध दवा बनाने के काम आता है, साथ ही इसका मांस भी गुणकारी होता है, इसलिए बाजार में इनकी मांग अधिक रहती है. इसी वजह से संगमनेरी बकरियों की कीमत भी अधिक होती है. इस नस्ल के नर बकरे की कीमत 300 से 350 रुपए प्रति किलोग्राम और मादा बकरी की कीमत 275 से 300 रुपए प्रति किलो तक है.
Tags: Goat market, Local18, Rae Bareli NewsFIRST PUBLISHED : May 30, 2024, 18:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed