चंपाई के आसरे BJP तो राम भरोसे जेएमएम क्या बदलेगा कोल्हान का सियासी समीकरण
चंपाई के आसरे BJP तो राम भरोसे जेएमएम क्या बदलेगा कोल्हान का सियासी समीकरण
Jharkhand News: झारखंड की राजनीति में शुक्रवार का दिन कोल्हान के नाम रहा. कोल्हान प्रमंडल के दो जेएमएम नेता दिन भर चर्चा में रहे. कोल्हान टाइगर कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन जहां बीजेपी में जाने की वजह से चर्चा में रहे, वहीं घाटशिला विधायक रामदास सोरेन मंत्री पद की शपथ लेने की वजह से सबकी जुबां पर है. रामदास सोरेन को चंपाई सोरेन के मजबूत विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है.
रांची. झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने सत्ताधारी दल जे एम एम में बड़ी सेंधामारी करने में कामयाबी हासिल कर ली है. कोल्हान के टाइगर कहे जाने वाले पूर्व CM चंपाई सोरेन आज बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. चंपाई सोरेन के जे एम एम से नाता तोड़ते ही घाटशिला से जेएमएम विधायक रामदास सोरेन मंत्री परिषद के नये सदस्य बनने जा रहे हैं. राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह रखा गया है. रामदास सोरेन पहली बार 2009 में विधायक बने थे, इसके बाद 2019 में वो दोबारा विधानसभा का चुनाव जीतने में सफल रहे.
रामदास सोरेन झारखंड अलग राज्य की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर चुके हैं. कोल्हान में आदिवासी समाज के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं. यही वजह है कि जब मंत्री परिषद का एक पद खाली हुआ तो रामदास सोरेन का नाम जेएमएम ने आगे बढ़ाया. रामदास सोरेन को चंपाई सोरेन का विकल्प के तौर पर पेश किया गया है. रामदास सोरेन सरकार में मंत्री के साथ-साथ संगठन को भी मजबूत करने का काम करेंगे. उनके लंबे राजनीतिक अनुभव का जेएमएम इस विकट परिस्थिति में लाभ लेना चाहती है.
कोल्हान के इलाके में रामदास सोरेन ऑपरेशन कमल को कमजोर करने का काम करेंगे. चंपाई सोरेन के साथ जेएमएम के कम से कम नेता जाएं इस ज्यादा फोकस रहेगा. चंपाई सोरेन के बीजेपी में जाने और रामदास सोरेन के मंत्री परिषद में आने के बाद प्रदेश की राजनीति में नई बहस तेज हो गई है. कोल्हान टाइगर कहे जाने वाले चंपाई सोरेन की रणनीति को भेदने के लिए जेएमएम ने रामदास सोरेन को राजनीति के अखाड़े में उतारा है. रामदास सोरेन के समक्ष मंत्री पद का दायित्व निभाने के साथ-साथ संगठन में टूट को रोकने की भी बड़ी चुनौती होगी.
. जेएमएम विधायक रामदास सोरेन ने कहा है कि चंपाई सोरेन को सबसे ज्यादा मौका मिला है. जब भी जेएमएम की सरकार बनी, वो मंत्री बनाए गए. इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया. फिर भी अपमान की बात कर रहे हैं. कोल्हान में जेएमएम मजबूत था और आगे भी रहेगा. कोल्हान में कमल का फूल नहीं खिलने देंगे. बहरहाल, झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की ये सेंधमारी कितना कारगर साबित होगी, ये तो वक्त बताएगा. लेकिन चंपाई सोरेन की बगावत ने जेएमएम को अलर्ट मोड में डाल दिया है.
Tags: Jharkhand news, Jharkhand Politics, Ranchi newsFIRST PUBLISHED : August 30, 2024, 13:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed