बिहार की कृष्णा: उम्र 70 की जज्बा 17 का 40 साल से निभा रही हैं डाकबम का धर्म-See Video
बिहार की कृष्णा: उम्र 70 की जज्बा 17 का 40 साल से निभा रही हैं डाकबम का धर्म-See Video
Shiv Bhakt: कृष्णा मूलरूप से मुजफ्फरपुर की रहनेवाली हैं. सोमवार को सुल्तानगंज से जल उठाने के बाद उन्होंने देवघर बाबाधाम तक की 108 किलोमीटर लंबी की यात्रा महज 18 घंटे में पूरी कर फिर सबको हैरत में डाल दिया. इस उम्र में कृष्णा बम का डाक कांवर ले जाने को देखते हुए प्रशासन ने उनकी सुरक्षा और मदद के लिए फोर्स लगा दी थी.
हाइलाइट्सकृष्णा बम को बिहार-झारखंड की सीमा दुम्मा तक डीएसपी की अगुवाई में पुलिस फोर्स दी गई थी. कृष्णा बम गंगाजल के लिए सुल्तानगंज पहुंची थीं. वहां उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई. कृष्णा बम डाक कांवड़िए के रूप में पिछले 40 साल से डाकबम के रूप में देवघर आती रही हैं.
रिपोर्ट : मनीष दुबे
देवघर. उम्र 70 साल, लेकिन जज्बा 17 की उम्र को भी मात देने वाला. यह बात बिहार में कृष्णा बम के नाम से मशहूर एक महिला डाक बम के बारे में बेशक कही जा सकती है. कृष्णा मूलरूप से मुजफ्फरपुर की रहनेवाली हैं. सोमवार को सुल्तानगंज से जल उठाने के बाद उन्होंने देवघर बाबाधाम तक की 108 किलोमीटर लंबी की यात्रा महज 18 घंटे में पूरी कर फिर सबको हैरत में डाल दिया.
बता दें कि कृष्णा पूरे बिहार में कृष्णा बम के रूप में ख्यात हैं. देवघर पहुंचने के बाद कृष्णा बम ने पहले बाबा मंदिर में प्रांगण में जलार्पण किया, फिर बाह्य अर्घा में गंगाजल अर्पित किया. इस उम्र में कृष्णा बम का डाक कांवर ले जाने को देखते हुए प्रशासन ने उनकी सुरक्षा और मदद के लिए फोर्स लगा दी थी. कृष्णा बम को बिहार-झारखंड की सीमा दुम्मा तक बिहार सरकार की ओर से डीएसपी की अगुवाई में फोर्स दी गई थी. दो साल के कोरोना काल के बाद कृष्णा बम गंगाजल के लिए सुल्तानगंज पहुंची थीं. वहां उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई. पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच कृष्णा बम वहां पहुंची थीं.
कृष्णा बम नमामि गंगे घाट की भव्यता देख काफी खुश दिखीं. उन्होंने कहा कि इस बार की व्यवस्था बहुत सुंदर है. प्रशासन ने नमामि गंगे घाट को बहुत सुंदर बनाया है. मेरी इच्छा है कि इसे और भव्य बनाया जाए. उम्मीद करती हूं कि अगली बार इससे भी बढ़िया व्यवस्था कांवड़ियों को मिलेगी. वहीं, देवघर मंदिर में व्यवस्था देखकर कृष्णा बम ने कहा कि सावन का हर दिन पावन है, हर दिन शिव का है. सोमवार को ही जल चढ़ाने से पुण्य होता है, ऐसी कोई बात नहीं है. देखें कृष्णा बम का वीडियो
बता दें कि सुल्तानगंज से बाबा बैजनाथ धाम की दूरी 108 किलोमीटर है. सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु यह दूरी तय कर बाबा बैजनाथ धाम पहुंचते हैं और बाबा पर जल अर्पण करते हैं. यहां आनेवाले कावंड़ियों की कई तरह की पहचान होती है. कोई साधारण कांवड़िए के रूप में पहचाना जाता है ति किसी को दंडवत कांवड़िया कहा जाता है और कुछ लोग डाक कांवड़िया भी कहलाते हैं. दरअसल, जो लोग सामान्य रूप से कांवड़ लेकर आते हैं, उनकी पहचान साधारण कांवड़िए के रूप में होती है. इसी तरह जो लोग पूरी दूरी रास्ते को दंडवत करते हुए पूरा करते हैं वे डंडवत कांवड़िए कहे जाते हैं. सबसे खास होता है डाक कांवड़िया. डाक कांवड़िया जब सुल्तानगंज से जल उठा लेता है तो फिर वह देवघर तक की पूरी दूरी लगातार भागते हुए तय करता है. बीच में आराम के लिए वह रुकता नहीं. सुल्तानगंज से चलने के बाद वह सीधा देवघर बाबाधाम में ही रुकता है. कृष्णा बम डाक कांवड़िए के रूप में पिछले 40 साल से डाकबम के रूप में देवघर आती हैं.
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Tags: Bihar Jharkhand News, Deoghar news, Sawan, Trending newsFIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 17:38 IST