मोबाइल टावर से चुराते थे सामान करोड़ों में बेचा असलियत जान पुलिस के होश उड़े
मोबाइल टावर से चुराते थे सामान करोड़ों में बेचा असलियत जान पुलिस के होश उड़े
Mobile Tower Equipment Theft: मोबाइल टावर उपकरण चुराने और उन्हें हांगकांग में बेचने में कथित तौर पर संलिप्त एक गिरोह के खिलाफ देशभर में चलाये गए अभियान में, दिल्ली पुलिस ने 52 लोगों को गिरफ्तार किया है. बुधवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. पुलिस के अनुसार, गिरोह ने अब तक 65 करोड़ रुपये मूल्य की रिमोट रेडियो यूनिट (आरआरयू) विदेश भेजी है.
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मोबाइल टावरों से आरआरयू (रिमोट रेडियो यूनिट), बेस बैंड यूनिट (बीबीयू), बैटरी और अन्य सामान की चोरी करने वाले अंतरराज्यीय चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया. इस मामले में अब तक कुल 52 आरोपी गिरफ्तार किए गए. जिनके पास से 414 आरआरयू, 110 बीबीयू, 161 जियो बैटरी और आरआरयू टेस्टिंग मशीन भी बरामद की गई. जिनकी कीमत 10 करोड़ रुपए से ज्यादा है. एक आरोपी अब तक 3 हजार आरआरयू को हांगकांग भेज चुका है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक गिरफ़्तार आरोपियों ने अब तक 5,000 से ज़्यादा आरआरयू विदेश भेजे हैं. जिनकी कीमत 65 करोड़ रुपए है.
वहीं अब तक अलग-अलग राज्यों में दर्ज चोरी के कुल 256 मामलों का खुलासा किया गया. रिमोट रेडियो यूनिट (आरआरयू), एक ट्रांसीवर है, जिसे वायरलेस बेस स्टेशनों/मोबाइल टावरों पर लगाया जाता है. जो अन्य चीजों के अलावा टेक्स्ट मैसेज भेजना और प्राप्त करना आसान बनाता है. बेस बैंड यूनिट (बीबीयू), एंटीना के जरिये मोबाइल यूजर्स से सिग्नल हासिल करता है, जो वॉयस कॉल और इंटरनेट आदि जैसी डेटा सेवाओं की आगे की प्रक्रिया के लिए आरआरयू को सिग्नल ट्रांसफर करता है.
एक बार आरआरयू और बीबीयू की चोरी हो जाने पर, मोबाइल ऑपरेटर को सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए इन उपकरणों को फिर से लगाना पड़ता है और भारी नुकसान उठाना पड़ता है. ये सामान मोबाइल नेटवर्क टावर के लिए आवश्यक हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही अब तक दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडु में चोरी के कुल 256 मामलों का खुलासा किया जा चुका है.
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क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेट सेल चाणक्यपुरी टीम ने क्राइम ब्रांच की दूसरी टीम और साइबर सेल की टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. आरोपी सागर भटनागर जो दिल्ली का रहने वाला है वो पिछले डेढ़ साल से राजेश शुक्ला और गुरदीप से चोरी की गई आरआरयू ले रहा था. उसने पहले भी एयरलाइंस के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक स्विच के बहाने जरूरी दस्तावेज बनवाकर करीब 3000 आरआरयू हांगकांग भेजे हैं. जांच के दौरान उसके कार्यालय के कंप्यूटर से करीब 2750 आरआरयू का रिकॉर्ड निकाला गया, जो उसने इसी अवधि के दौरान हांगकांग भेजे थे.
Tags: Delhi police, Mobile tower, New Delhi Police, Theft CasesFIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 23:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed