भाषण देते-देते अचानक क्यों रुक गए PM आप भी कहेंगे- वाह मोदी जी वाह
भाषण देते-देते अचानक क्यों रुक गए PM आप भी कहेंगे- वाह मोदी जी वाह
ओडिशा के मयूरभंज जिले में पीएम मोदी ने बुधवार को एक रैली की. पीएम मोदी जब भाषण दे रहे थे, तभी एक पत्रकार बेहोश हो गया. खचाखच भीड़ के बावजूद पीएम मोदी की नजर उस पत्रकार पर पड़ गई. जैसे ही पीएम मोदी ने मंच से पत्रकार को बेहोश होते हुए देखा. उन्होंने अपना भाषण रोक दिया. तुरंत अपनी मेडिकल टीम को पत्रकार का इलाज करने का निर्देश दिया. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे पीएम मोदी ने बेहोश हुए पत्रकार के लिए क्या-क्या किया और कहा?
हाइलाइट्स आखिरी चरण में जहानाबाद लोकसभा सीट के लिए मतदान. जेडीयू और आरजेडी के उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला. जहानाबाद की जंग त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में बीएसपी.
राजीव रंजन विमल/जहानाबाद. लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में एक जून को जहानाबाद में मतदान होना है. यहां जदयू के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, राजद के पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव और बसपा से पूर्व सांसद अरुण कुमार समेत 15 प्रत्याशी मैदान में हैं. बिहार की यह एकमात्र ऐसी सीट है जहां से एक वर्तमान सांसद के सामने दो पूर्व सांसद न केवल ताल ठोक रहे हैं, बल्कि मजबूत त्रिकोण भी बना रहे हैं. देश के मिजाज के साथ कदमताल मिलाता रहा है यह संसदीय क्षेत्र, रूठों को मनाने के लिए स्टार प्रचारक कैंप कर रहे हैं.
जहानाबाद सीट से चुनावी मैदान में 15 प्रत्याशी- वर्तमान लोकसभा चुनाव का परिदृश्य भी इससे अछूता नहीं है. एनडीए के परंपरागत वोटर रहे भूमिहार समाज में बीएसपी प्रत्याशी अरुण कुमार ने सेंध लगा दी है. बीएसपी ने यहां जेडीयू के साथ आरजेडी की फिक्र भी बढ़ा दी है. यहां लालटेन और तीर की राह में हाथी की चाल बहुत कुछ तय करेगा. यहां जदयू के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, राजद के पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव व बसपा से पूर्व सांसद अरुण कुमार समेत 15 प्रत्याशी मैदान में हैं. यह बिहार की एकमात्र ऐसी सीट है, जहां से एक वर्तमान सांसद के सामने दो पूर्व सांसद न केवल ताल ठोक रहे हैं, बल्कि जीत का दावा भी रहे हैं.
अगड़ी जातियों के मतदाता एनडीए का कोर वोटर रहे हैं. इसमें अरूण कुमार के पेंच से राजद उत्साहित है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) दोनों के लिए मुसीबत है. डैमेज कंट्रोल के लिए एनडीए के आधा दर्जन से ज्यादा दिग्गज नेता और मंत्री यहां कैंप कर रहे हैं. सवर्णों को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए मंत्री ललन सिंह, विजय चौधरी, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा व जदयू के दिवंगत राज्यसभा सदस्य किंग महेंद्र के भाई एरिस्टो फार्मा के एमडी भोला शर्मा कैंप कर रहे हैं. वहीं, पूरा माहौल साधने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और मंत्री अशोक चौधरी और विजय सिन्हा जुटे हैं.
यहां 1 जून को अंतिम चरण में होना है मतदान.
जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में अंतिम चरण में एक जून को मतदान होना है. जदयू प्रत्याशी लालू राज का भय दिखाकर वोट मांग रहे हैं. साथ में मोदी-नीतीश के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों को गिना रहे हैं. राजद प्रत्याशी माय यानी मुस्लिम-यादव और बाप यानी बहुजन, अगड़ा, आधी आबादी (महिला) और पुअर (गरीब) समीकरण के अलावा अति पिछड़ों को आरक्षण छिनने का डर दिखा कर उनसे भी समर्थन मांग रहे हैं. बसपा प्रत्याशी स्वाभिमान की लड़ाई बताकर राजग के कोर वोट बैंक में सेंधमारी करने की कोशिश कर रहे हैं.
नाराजगी की एक अलग धारा में प्रधानमंत्री का चेहरा चुनते अधिकतर
जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में सांसद से अधिक लोग प्रधानमंत्री का चेहरा चुनने की बात कहते हैं. जब देश में संसदीय प्रणाली की शुरुआत हुई थी, तब कांग्रेस का बोलबाला था, उससे उम्मीदें जुड़ी थीं कि आजादी के बाद देश को विकास की पटरी पर कांग्रेस ही ला सकती है. इसलिए जहानाबाद लगातार कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को संसद भेजता रहा. देश में लगे आपातकाल को लेकर आंदोलन की धार तेज हुई तो जहानाबाद की जनता भी इसके साथ हो गई.
1977 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नकार जनता पार्टी को भारी मतों से जीत दिला दी. इसके बाद लगातार चार बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार जीतते रहे. इनकी जीत के पीछे भी राष्ट्रीय स्तर पर सरकार से नाराजगी मुख्य वजह थी. 1995 के बाद यहां की जनता प्रदेश की राजनीति से प्रभावित होकर लोकसभा में भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने लगी. इस कारण यह क्षेत्र कांग्रेस और कम्युनिस्ट के गढ़ की बजाय समाजवादियों का गढ़ बन गया.
2014 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की लहर चली, तब जहानाबाद की जनता राष्ट्रीय स्तर पर उठ रही विचारधारा के साथ हो गई. भाजपा के साथ गठबंधन में रहे दल को जनादेश मिल गया. उस वक्त समाजवादियों की दो धारा लालू और नीतीश को भी मात खानी पड़ी थी. 2019 के चुनाव में भी जनता जनार्दन ने देश-प्रदेश के हित पर ही मतदान किया. अब 2024 में क्या वही ट्रेंड दिखेगा?
Tags: Bihar News, Bihar politics, Jehanabad news, Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : May 30, 2024, 13:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed