Gujarat Election 2022 : युवक ने कहा -बहुत बड़ा Stadium बनने जा रहा है Future में Olympic भी होगा

Gujarat Election 2022 : Ahmedabad में भैयाजी ने जाना चुनावी हाल. भैयाजी के मंच पर एक युवक ने कहा -बहुत बड़ा Stadium बनने जा रहा है, Future में Olympic भी होगा

Gujarat Election 2022 : युवक ने कहा -बहुत बड़ा Stadium बनने जा रहा है Future में Olympic भी होगा
नई दिल्ली. चीन के साथ लगती पूर्वोत्तर की सीमा शुरू से ही भारत की एक कमजोर कड़ी के तौर पर देखी जाती थी. 1962 की सबसे भीषण जंग भी उस इलाके में हुई. भौगोलिक परिस्थिति एसी है कि वो अपने आप में ही एक विषम इलाके में तब्दील हो जाती है. इलाके में जंगल घने हैं. बारिश बहुत होती है, जनसंख्या कम है और जहां भी लोग रहते हैं तो देश के बाकी हिस्से से अलग-थलग ही रहते हैं. एसे में चीन अपने को इस इलाक़े में मजबूत करने के लिए एलएसी के पास घोस्ट विलेज बना रहा है. 600 के करीब चीन ने गांव बसाए हैं रिपोर्ट के मुताबिक 600 के करीब ऐसे गांव चीन ने बसाए हैं. लेकिन अब उन गांव के पास से होकर भारतीय गाड़ियां गुजरेंगी. सुनकर थोड़ा सा अजीब जरूर लगेगा लेकिन ये सच है. अब अंग्रेजों के बनाए मैकमैहोन लाईन जिसके जरिए भारत और तिब्बत के बीच की सीमा बनाई गई थी, उसके साथ भारतीय फ़्रंटियर हाइवे गुजरेगी. ये हाइवे तकरीबन 1465 किलोमीटर लंबा है और ये तवांग के पास भारत भूटान तिब्बत ट्राइजंशन के मॉगो से शुरू होगा और तीन और म्यांमार से घिरे विजय नगर तक जाएगा. पूरा प्रोजेक्ट 27 हजार करोड़ रुपये का है ये पूरा प्रोजेक्ट तकरीबन 27 हजार करोड़ रूपये का है. ये अरुणाचल फ्रंटयिर हाइवे ईस्ट कामेंग, वेस्ट कामेंग, अपर सुभांसरी, अपर सियांग, दिबांग वैली, लोहित, अंजवा और चांगलाग से होकर गुजरेगा. इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में दो हाइवे है. इसके बाद कुल तीन बड़े हाईवे बन जाएंगे, जो कि एक दूसरे के हॉरिजंटल है. यानी की मैकमेहन लाइन के साथ साथ से गुजरने वाली अरुणाचल फ्रंटियर हाइवे दूसरा हाइवे है ट्रांस अरुणाचल हाइवे और तीसरा है इस्ट वेस्ट इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हाइवे. 6 हाइवे की लंबाई 1048 किलोमीटर है इन तीन हाइवे को जोड़ने के लिये 6 वर्टिकल और डायगनल इंटर कॉरिडोर हाइवे को बनाया जाना है. इन 6 हाइवे की लंबाई 1048 किलोमीटर है और इन पर 15720 करोड़ रूपये का खर्च होने वाला है. इन 6 हाइवे से बॉर्डर इलाकों तक आसानी से पहुंच सकेंगे. अरूणाचल प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में जो कनेक्टेविटी नहीं थी उसको पूरा किया जाएगा. यानी कि पूरे प्रोजेक्ट की लागत 40 हजार करोड़ रुपये है और कुल 2500 किलोमीटर की डबल लेन रोड तैयार होगी. अरुणाचल प्रदेश पर चीन की नजर हमेशा टेढ़ी रही चीन की हमेशा से ही अरुणाचल पर नजर टेढ़ी रही है. यहां तक की इसी साल की शुरुआत में ही चीन ने अपने कुछ इलाकों के नाम को बदला था, जिनमें कई भारतीय अरुणाचल प्रदेश में आते हैं. चीन अरूणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का इलाका बताकर 1962 में इसपर कब्जे के मकसद से चीन की सेना अरूणाचल प्रदेश के कई इलाकों तक पहुंच गई थी. 60 साल पहले सड़कों की हालत बद से बदतर थी, जिसके चलते सेना की मूवमेंट पर खासा असर पड़ा था और चीन को चुनौती देने के लिए भारतीय सेना बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानि बीआरओ और राज्य सरकार के साथ मिलकर अरूणाचल प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने में जुटी है. विजय नगर देश का ‘जियोग्राफिकल प्रीजन’ बॉर्डर इलाके के हालत पर अगर गौर करें तो अरुणाचल प्रदेश का विजय नगर को देश का जियोग्राफिकल प्रीजन भी कहा जाता है. क्योंकिं ये तीन तरफ से म्यांमार से घिरा हुआ है. नजदीक का शहर 150 किलोमीटर दूर है और इस जगह तक पहुंचने का साधन या तो पैदल घने जंगलों से होकर गुजरता है या फिर सेना के हैलिकॉप्टर के जरिए जाया जा सकता है. प्राइवेट एवियेशन भी अपने हैलिकॉप्टर सर्विस नहीं चलाती है और यहां पर रहने वाले सभी असम रायफल्स से रिटायर है. नमक यहाँ 100 रूपये किलो है तो खाने का तेल 400 रुपये किलो. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Arunachal pradesh, India china borderFIRST PUBLISHED : November 16, 2022, 20:21 IST