Mumbai Kurla Bus Accident: मुंबई में बस ड्राइवर के हाथों हुए हादसे की तस्वीरें और वीडियो दिल दहलाने के लिए काफी हैं. कत्ल होता है तो दोषी भी कोई होता है. अनगढ़ के हाथ में आई बंदूक की गोली अपनों की जान ले लेती है. सवाल उठता है ये बारूद से भरी बंदूक उसे पकड़ाई किसने… मुंबई कुर्ला बस हादसा एक दर्दनाक सबक है जिसे समय रहते सीख लेना चाहिए.. हर बार केवल हादसे के दोषी को सजा देना काफी नहीं होता बल्कि अंडरलाइन कारकों को समझना किसी सजा देने से ज्यादा जरूरी होता है. भावनाओं के आवेश में हम आंख बंद कर लेते हैं और दोषी को सजा देकर आक्रोश को शांत कर लेते हैं… असल ‘दोषी’ छुट्टा घूमता रहता है. अंतत: सेम कहानी को रिपीट करने के लिए यही चूक एक नींव रख देती है.. इस मामले में गलती किस किस की, यह तय करना बेहद जरूरी.
मुंबई के कुर्ला के SG बर्वे मार्ग पर सोमवार रात बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (BEST) की इलेक्ट्रॉनिक बस दौड़ी चली जा रही थी. एक बेहद भीड़भाड़ वाले इलाके में रात करीब 09:30 बजे ड्राइवर ने एक ऐसी ‘गलती’ कर दी जिसकी किसी चालक से तो अपेक्षा नहीं ही की जाती है. इस गलती के चलते एक्सीडेंट हुआ और सात लोगों की जान चली गई, इस कंजस्टेड इलाके में लोगों की इतनी ज्यादा तादाद थी कि एक्सीडेंट में केवल 7 लोग ही जकड़ में नहीं आए बल्कि दर्जनों और लोग भी चपेटे में आए जिसके चलते 42 लोग फिलहाल घायल बताए जा रहे हैं. 22 वाहन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.
क्या आप जानते हैं हादसे की वजह क्या थी… अब तक के तमाम इनपुट्स के मुताबिक, ड्राइवर को इलेक्ट्रिक गाड़ी यानी कि EV चलाने का कोई अनुभव नहीं था और पुलिस के हवाले से मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि संजय मोरे नामक इस ड्राइवर ने इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए सिर्फ 10 दिन की ट्रेनिंग ली थी. अनुभव नहीं होने की वजह से बस को नियंत्रित नहीं कर सका और इतना बड़ा हादसा हो गया.
न ट्रेनिंग दी न समय दिया, बस बिठा दिया ईवी बस की स्टीयरिंग पर!
बस ड्राइवर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज है और 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में उसे भेज दिया गया है. बस ड्राइवर संजय मोरे 54 साल के हैं, जाहिर है उन्हें समुचित और सही ट्रेनिंग की जरूरत तो थी ही बल्कि प्रॉपर समय भी दिया जाना चाहिए था रोड पर ईवी बस चलाने से पहले. कुर्ला बस एक्सीडेंट
सरकार दे रही पीड़ितों को मुआवजा लेकिन जरूरी यह भी है…
कुर्ला बेस्ट बस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान तो कर दिया गया है, मुख्य्मंत्री सहायता कोष से 5 लाख और बेस्ट की ओर से 2 लाख यानी कुल 7 लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी. जो लोग गंभीर रूप से घायल हैं, उन्हें एक लाख रुपये और अपेक्षाकृत कम जख्मी व्यक्ति को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. ये मुआवजे जरूरी हैं, इसलिए इनका स्वागत है लेकिन क्या ये जरूरी नहीं कि तकनीक और नई प्रणालियों से चालकों को अवगत करवाया जाए और ट्रेनिंग पूरी और सही सही दी जाए? क्योंकि, जिसके हाथ में गाड़ी का वील है वह केवल गाड़ी में बिठाए लोगों की जान का ही नहीं बल्कि सड़क पर चल रहे अंजान और मासूम लोगों की जान के साथ भी गैर इरादतन खिलवाड़ कर सकता है जिसमें संभवत: केवल उसकी नहीं सिस्टम की भी गलती है… Government bus service (BEST) accident in Kurla, Mumbai
3 lives are lost. The responsibility solely lies on the officials who are responsible for the bus services.
Driving habit of buses is extremely dangerous in Mumbai, I have experienced it myself.
If brake failure is the… pic.twitter.com/iLsW3hzHrl
— Dilshad (@dilshad_akhtar1) December 10, 2024
सरकार ‘वेट-लीज मॉडल’ की समीक्षा करने के लिए जोर डाल रही जिसके तहत बसों को ड्राइवर सहित प्राइवेट ठेकेदारों से किराए पर लिया जाता है. इस मॉडल के तहत निजी ठेकेदार बस और चालक प्रदान करता है और उनका रखरखाव भी करता है. देखिए.. आउटसोर्स करना करवाना गलत नहीं है. लेकिन नियामक होने चाहिए कि ठेकेदार जो वाहन दे रहा है वह दुरुस्त है या नहीं, चालक पूरी तरह से प्रशीक्षित है या नहीं. क्या यह चेक नहीं किया जा सकता था…?
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 11:57 IST